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विधानसभा उपचुनाव में भी आरएलपी से गठबंधन जारी रखना चाहती है भाजपा

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Published : Jun 9, 2019, 4:07 PM IST

लोकसभा चुनाव में आरएलपी के साथ हुए गठबंधन को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी कायम रखना चाहती है. इसी कारण भाजपा ने चुनावी रणनीति तय करने की जिम्मेदारी गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ को सौंप दी है.

हनुमान बेनीवाल और मदनलाल सैनी

जयपुर. लोकसभा चुनाव में आरएलपी के साथ हुए गठबंधन को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी कायम रखना चाहती है. यही कारण है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल भाजपा से गठबंधन लोकसभा चुनाव तक ही सीमित होने की बात कहते हो, लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विधानसभा के उपचुनाव में भी आरएलपी से गठबंधन कायम रखना चाहते हैं. हालांकि गठबंधन कायम रहेगा या नहीं यह अब तक तय नहीं हो पाया है.

लेकिन खींवसर और मंडावा विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव की रणनीति तक तय करने की जिम्मेदारी भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ को सौंप दी है. मतलब साफ है कि अब कटारिया और राठौड़ गठबंधन आगे बढ़ाने को लेकर बेनीवाल से चर्चा करेंगे.

विधानसभा उपचुनाव में भी आरएलपी से गठबंधन जारी रखना चाहती है भाजपा

बेनीवाल की पसंद से भाजपा उतारेगी खींवसर में प्रत्याशी!
नागौर से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल की सीट खींवसर और नरेंद्र कुमार खींचड़ के झुंझुनूं से सांसद बनने के बाद मंडावा सीट खाली हो गई है. क्योंकि हनुमान बेनीवाल नागौर क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं और खींवसर उनकी विधानसभा सीट् रही है. ऐसे में बेनीवाल नहीं चाहेंगे कि उनकी सीट पर भाजपा के टिकट पर कोई प्रत्याशी उतरे. यही कारण है कि बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद इस बात का ऐलान कर दिया कि उनका गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए था.

उपचुनाव में वह दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे. हालांकि बयान भाजपा के ऊपर दबाव बनाने की सियासत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि बेनीवाल चाहते हैं कि यदि भाजपा के साथ गठबंधन जारी रहे तो खींवसर सीट पर प्रत्याशी उनकी मर्जी से उतारा जाए. क्योंकि विधानसभा में आरएलपी के दो ही विधायक रह गए हैं. ऐसे में आरएलपी इस सीट के जरिए अपने विधायकों की संख्या में इजाफा करना चाहेगी.

6 माह के भीतर चुनाव कराना जरूरी
लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई 2 विधानसभा सीटों पर आगामी 6 महीने के भीतर चुनाव कराने जरूरी होंगे. नियमानुसार यह चुनाव 6 महीने के दौरान कभी भी करवाए जा सकते है. लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा सत्र के बाद ही उपचुनाव को लेकर सरकार की ओर से कोई कवायद की जाएगी.

जयपुर. लोकसभा चुनाव में आरएलपी के साथ हुए गठबंधन को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी कायम रखना चाहती है. यही कारण है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल भाजपा से गठबंधन लोकसभा चुनाव तक ही सीमित होने की बात कहते हो, लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विधानसभा के उपचुनाव में भी आरएलपी से गठबंधन कायम रखना चाहते हैं. हालांकि गठबंधन कायम रहेगा या नहीं यह अब तक तय नहीं हो पाया है.

लेकिन खींवसर और मंडावा विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव की रणनीति तक तय करने की जिम्मेदारी भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ को सौंप दी है. मतलब साफ है कि अब कटारिया और राठौड़ गठबंधन आगे बढ़ाने को लेकर बेनीवाल से चर्चा करेंगे.

विधानसभा उपचुनाव में भी आरएलपी से गठबंधन जारी रखना चाहती है भाजपा

बेनीवाल की पसंद से भाजपा उतारेगी खींवसर में प्रत्याशी!
नागौर से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल की सीट खींवसर और नरेंद्र कुमार खींचड़ के झुंझुनूं से सांसद बनने के बाद मंडावा सीट खाली हो गई है. क्योंकि हनुमान बेनीवाल नागौर क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं और खींवसर उनकी विधानसभा सीट् रही है. ऐसे में बेनीवाल नहीं चाहेंगे कि उनकी सीट पर भाजपा के टिकट पर कोई प्रत्याशी उतरे. यही कारण है कि बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद इस बात का ऐलान कर दिया कि उनका गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए था.

उपचुनाव में वह दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे. हालांकि बयान भाजपा के ऊपर दबाव बनाने की सियासत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि बेनीवाल चाहते हैं कि यदि भाजपा के साथ गठबंधन जारी रहे तो खींवसर सीट पर प्रत्याशी उनकी मर्जी से उतारा जाए. क्योंकि विधानसभा में आरएलपी के दो ही विधायक रह गए हैं. ऐसे में आरएलपी इस सीट के जरिए अपने विधायकों की संख्या में इजाफा करना चाहेगी.

6 माह के भीतर चुनाव कराना जरूरी
लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई 2 विधानसभा सीटों पर आगामी 6 महीने के भीतर चुनाव कराने जरूरी होंगे. नियमानुसार यह चुनाव 6 महीने के दौरान कभी भी करवाए जा सकते है. लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा सत्र के बाद ही उपचुनाव को लेकर सरकार की ओर से कोई कवायद की जाएगी.

Intro:उपचुनाव में भी आरएलपी से गठबंधन करना चाहती है भाजपा
2 विधानसभा खींवसर और मंडावा में होने हैं उपचुनाव
बेनीवाल से समझौते के लिए राठौड़ और कटारिया को जिम्मेदारी

जयपुर (इंट्रो एंकर)
लोकसभा चुनाव में आरएलपी से हुए गठबंधन को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी कायम रखना चाहती है यही कारण है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल भाजपा से गठबंधन लोकसभा चुनाव तक ही सीमित होने की बात कहते हो लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष इस विधानसभा चुनाव में भी हनुमान बेनीवाल की पार्टी से गठबंधन कायम रखना चाहती है। हालांकि गठबंधन कायम रहेगा या नहीं यह फिलहाल अब तक तय नहीं हो पाया है लेकिन खीमसर और मंडावा विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव की रणनीति तक तय करने की जिम्मेदारी भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया नेता राठौड़ को सौंप दी है मतलब साफ है कि आप कटारिया और राठौड़ बेनीवाल से गठबंधन आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे।

बेनीवाल की पसंद से उतारेगी भाजपा खींवसर में में प्रत्याशी!

दर्शन नागौर से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल की सीट खींवसर और नरेंद्र कुमार के झुंझुनू से सांसद बनने के बाद मंडावा सीट खाली हो गई है क्योंकि हनुमान बेनीवाल नागौर क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं और खीमसर खुद उनकी विधानसभा सीट्स रही है लिहाजा बेनीवाल नहीं चाहेंगे कि उनकी सीट पर भाजपा के टिकट पर कोई प्रत्याशी उतरे यही कारण है कि बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया में इस बात का ऐलान कर दिया कि उनका गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए था उपचुनाव में वह दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। हालांकि बयान भाजपा के ऊपर दबाव बनाने की सियासत के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि बेनीवाल चाहते हैं कि कम से कम खीमसर सीट पर यदि भाजपा के साथ गठबंधन जारी भी रहे तो प्रत्याशी उनकी ही मर्जी से उतारा जाए। क्योंकि विधानसभा में बेनीवाल के तीन में से दो ही विधायक रह गए हैं ऐसे में आरएलपी इस सीट के जरिए अपने विधायकों की संख्या में इजाफा करना चाहेगी।

6 माह के भीतर चुनाव कराना जरूरी-

लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई 2 विधानसभा सीटों पर आगामी 6 माह के भीतर चुनाव कराने जरूरी होंग नियमानुसार यह चुनाव इस दौरान कभी भी करवाए जा सकते है लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा सत्र के बाद ही उपचुनाव को लेकर सरकार की ओर से कोई कवायद की जाएगी।

बाईट- मदन लाल सैनी,प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

(Edited vo pkg-bjp by election)




Body:बाईट- मदन लाल सैनी,प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

(Edited vo pkg-bjp by election)


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