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भाजपा का सदन से वॉकआउट लेकिन सदन में डटे रहे कैलाश मेघवाल - Assembly session

विधानसभा सत्र के पहले दिन ना पक्ष लॉबी में फूट नजर आई. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और वॉक आउट कर दिया, लेकिन भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल सदन में ही बैठे रहे. कार्यवाही स्थगित होने के बाद मेघवाल 'ना पक्ष लॉबी' में पहुंचे, लेकिन यहां मामला और बिगड़ गया.

राजस्थान विधानसभा न्यूज  , Jaipur News
भाजपा का सदन से वॉकआउट लेकिन सदन में डटे रहे कैलाश मेघवाल
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Published : Jan 24, 2020, 8:35 PM IST

Updated : Jan 25, 2020, 9:26 AM IST

जयपुर. विधानसभा का मौजूदा सत्र राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. लेकिन सत्र के पहले ही दिन भाजपा विधायक विपक्ष के नाते एकजुट नहीं दिखे. अभिभाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शॉर्ट नोटिस पर सत्र बुलाए जाने पर एतराज जताया और सदन से वॉकआउट का ऐलान कर दिया.

भाजपा का सदन से वॉकआउट लेकिन सदन में डटे रहे कैलाश मेघवाल

भाजपा के सभी विधायक तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के साथ चले गए, लेकिन पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल सदन में ही जमे रहे. आलम यह रहा, कि ना पक्ष लॉबी में पहुंचने के बाद जब भाजपा विधायकों को इसकी जानकारी हुई तो पर्ची के जरिए मेघवाल को ना पक्ष लॉबी में आने को लिखा गया. दो बार पर्ची भेजने के बाद मेघवाल ना पक्ष लॉबी में पहुंचे, लेकिन यहां मामला और बिगड़ गया.

पढ़ें- विधानसभा सत्र का पहला दिन ही रहा हंगामेदार, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भाजपा ने किया वॉकआउट

दरअसल, कैलाश मेघवाल जानबूझकर भाजपा के सदन से वॉकआउट से दूर रहे. कैलाश मेघवाल की पीड़ा थी कि जब गहलोत सरकार के कार्यकाल का पहला सत्र बुलाया गया था तो वह 6 दिन के शॉर्ट नोटिस में बुलाया गया था और तब मेघवाल ने इसका विरोध किया था, लेकिन भाजपा विधायकों ने तब उनका साथ नहीं दिया था. अपने मन की पीड़ा खुद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष सहित तमाम विधायकों के सामने बयां की.

ना पक्ष लॉबी में मेघवाल ने कहा कि यदि मैंने पार्टी व्हिप तोड़ा है तो उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई कर ले. इस दौरान सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ के साथ मेघवाल की हल्की नोकझोंक भी हुई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बीच-बचाव भी किया और पार्टी के कुछ नेताओं का नाम लेकर यह तक कह डाला कि इस प्रकार की चीजें बाहर जाएगी तो पार्टी और हमें ही नुकसान होगा. तब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अपनी आपत्ति जताई.

पढ़ें- बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के अनुसार कैलाश मेघवाल ने पार्टी के अनुशासन के खिलाफ काम किया है. कटारिया के अनुसार पार्टी ने जो निर्णय लिया है उसकी पालना हर एक को करना चाहिए, फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा. कटारिया ने कहा, कि कैलाश मेघवाल ना तो बीजेपी विधायक दल की बैठक में शामिल हुए और ना ही सत्र के दिन विधानसभा में हुई बैठक में पहुंचे.

जयपुर. विधानसभा का मौजूदा सत्र राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. लेकिन सत्र के पहले ही दिन भाजपा विधायक विपक्ष के नाते एकजुट नहीं दिखे. अभिभाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शॉर्ट नोटिस पर सत्र बुलाए जाने पर एतराज जताया और सदन से वॉकआउट का ऐलान कर दिया.

भाजपा का सदन से वॉकआउट लेकिन सदन में डटे रहे कैलाश मेघवाल

भाजपा के सभी विधायक तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के साथ चले गए, लेकिन पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल सदन में ही जमे रहे. आलम यह रहा, कि ना पक्ष लॉबी में पहुंचने के बाद जब भाजपा विधायकों को इसकी जानकारी हुई तो पर्ची के जरिए मेघवाल को ना पक्ष लॉबी में आने को लिखा गया. दो बार पर्ची भेजने के बाद मेघवाल ना पक्ष लॉबी में पहुंचे, लेकिन यहां मामला और बिगड़ गया.

पढ़ें- विधानसभा सत्र का पहला दिन ही रहा हंगामेदार, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भाजपा ने किया वॉकआउट

दरअसल, कैलाश मेघवाल जानबूझकर भाजपा के सदन से वॉकआउट से दूर रहे. कैलाश मेघवाल की पीड़ा थी कि जब गहलोत सरकार के कार्यकाल का पहला सत्र बुलाया गया था तो वह 6 दिन के शॉर्ट नोटिस में बुलाया गया था और तब मेघवाल ने इसका विरोध किया था, लेकिन भाजपा विधायकों ने तब उनका साथ नहीं दिया था. अपने मन की पीड़ा खुद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष सहित तमाम विधायकों के सामने बयां की.

ना पक्ष लॉबी में मेघवाल ने कहा कि यदि मैंने पार्टी व्हिप तोड़ा है तो उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई कर ले. इस दौरान सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ के साथ मेघवाल की हल्की नोकझोंक भी हुई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बीच-बचाव भी किया और पार्टी के कुछ नेताओं का नाम लेकर यह तक कह डाला कि इस प्रकार की चीजें बाहर जाएगी तो पार्टी और हमें ही नुकसान होगा. तब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अपनी आपत्ति जताई.

पढ़ें- बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के अनुसार कैलाश मेघवाल ने पार्टी के अनुशासन के खिलाफ काम किया है. कटारिया के अनुसार पार्टी ने जो निर्णय लिया है उसकी पालना हर एक को करना चाहिए, फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा. कटारिया ने कहा, कि कैलाश मेघवाल ना तो बीजेपी विधायक दल की बैठक में शामिल हुए और ना ही सत्र के दिन विधानसभा में हुई बैठक में पहुंचे.

Intro:(special)
भाजपा का सदन से वाकआउट लेकिन कैलाश मेघवाल डटे रहे सदन में,यह थी मेघवाल की नाराजगी

सदन में पहले दिन ही भाजपा की एकजुटता के दावे हुए फेल

जयपुर (इंट्रो)

विधानसभा का मौजूदा सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ लेकिन सत्र के पहले ही दिन भाजपा विधायक विपक्ष के नाते एकजुट नहीं दिखे। अभिभाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शॉर्ट नोटिस पर सत्र बुलाए जाने पर एतराज जताया और सदन से वाकआउट का ऐलान कर दिया। भाजपा के सभी विधायक तो कटारिया के साथ चले गए लेकिन पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल सदन में ही जमे रहे। आलम यह रहा कि न पक्ष लॉबी में पहुंचने के बाद जब भाजपा विधायकों को इसकी जानकारी हुई तो पर्ची के जरिए मेघवाल को ना पक्ष लॉबी में आने को लिखा गया। दो बार पर्ची भेजने के बाद मेघवाल ना पक्ष लॉबी में पहुंचे लेकिन यहां मामला और बिगड़ गया। दरअसल कैलाश मेघवाल जानबूझकर भाजपा के सदन से वॉकआउट से दूर रहे। कैलाश मेघवाल की पीड़ा थी कि जब गहलोत सरकार के कार्यकाल का पहला सत्र बुलाया गया था वह 6 दिन के शॉर्ट नोटिस में बुलाया गया था और तब मेघवाल ने इसका विरोध किया था लेकिन भाजपा विधायकों ने तब उनका साथ नहीं दिया था। अपने मन की पीड़ा खुद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष सहित तमाम विधायकों के सामने बयां की।

ना पक्ष लॉबी में मेघवाल ने यहां तक कह दिया कि यदि मैंने पार्टी व्हिप तोड़ा है तो उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई कर ले। इस दौरान सतीश पूनियां, कटारिया, राजेंद्र राठौड़ के साथ मेघवाल की हल्की नोकझोंक भी हुई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बीच बचाव भी किया और पार्टी व कुछ नेताओं का नाम लेकर यह तक कह डाला कि इस प्रकार की चीजें बाहर जाएगी तो पार्टी और हमे ही नुकसान होगा तब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अपनी आपत्ति जताई। फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के अनुसार मेघवाल ने पार्टी डिसिप्लिन के खिलाफ काम किया है। कटारिया के अनुसार पार्टी ने जो निर्णय लिया है उसकी पालना हर एक को करना चाहिए फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा। कटारिया ने इस दौरान यह भी कहा कैलाश मेघवाल ना तो बीजेपी विधायक दल की बैठक में शामिल हुए और ना ही सत्र के दिन विधानसभा में हुई बैठक में पहुंचे।

बहरहाल कैलाश मेघवाल पार्टी के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं और बेबाक बोलने के लिए वे जाने जाते हैं लेकिन इस बार उनके बेबाक बोल अपनी ही पार्टी के ऊपर भारी पड़ गए ऐसे में पार्टी उनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठा पाएगी यह फिलहाल थोड़ा मुश्किल ही है।

बाईट- गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष

(Edited vo pkg)


Body:बाईट- गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष

(Edited vo pkg)


Conclusion:
Last Updated : Jan 25, 2020, 9:26 AM IST
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