जयपुर. जालोर के रानीवाड़ा में प्यास से तड़प-तड़प कर मासूम बच्ची की मौत (5 year old died of thirst in Jalore) का मामला सियासी सुर्खियों में है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में गहलोत सरकार को घेरा है.
वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने ट्वीट कर इस घटना को बेहद शर्मनाक बताया. राजे ने लिखा कि 'लॉकडाउन में जाने का साधन नहीं मिला तो नानी और नातिन पैदल ही अपने सफर पर निकल पड़ी लेकिन अफसोस रास्ते में ना तो उसको पानी मिला और ना ही कोई सहायता न सीजन मासूम में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया, क्या यही है कांग्रेस सरकार का जल प्रबंधन'
पूनिया ने कहा-(अ)शोक जी राज्य की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर जुबानी हमला बोला है. पूनिया ने ट्वीट के जरिए लिखा कि 'राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सियासी भाषणों पर भूख प्यास और मौत भारी है. राजस्थान का दुर्भाग्य है कि अब तक की नकारा निकम्मी और भ्रष्ट कांग्रेस सरकार ने भूख बेरोजगारी अराजकता माफियाओं और अपराधों की जमीन बना दिया है. (अ)शोक जी राज्य की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी'.
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मानवता शर्मसार : राठौड़
प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने भी इस मसले पर ट्वीट कर गहलोत सरकार (Gehlot government) पर कटाक्ष किया है. राठौड़ ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस आधुनिक युग में जब पेयजल के बिना प्राण चले जाने से बुरी बात कोई हो ही नहीं सकती. उन्होंने लिखा कि हर घर और ढाणी में जल प्रबंधन की बात करने वाली कांग्रेस के सारे दावे खोखले साबित हुए हैं. सरपंच के समय पर सूचना देने के बाद भी पुलिस का 5 घंटे देरी से पहुंचना और देर से रेस्क्यू शुरू करना मानवता को शर्मसार करने वाला है. इस लोमहर्षक घटना की जितनी निंदा की जाए, वो कम है.
जल जैसे मूल संसाधन से वंचित रखना घोर पाप है: शेखावत
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने प्यास से मासूम की मृत्यु पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. शेखावत ने कहा कि अपनी राजनीति के लिए लोगों को जल जैसे मूल संसाधन से वंचित रखना घोर पाप है गहलोत जी. प्यास से 6 साल की बच्ची की मृत्यु राजनीति के मापदंड से भी अमानवीय है. ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद दुखदायी है. मैं प्रभु से उस छोटी बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.
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मंगलवार को शेखावत ने कहा कि राजस्थान वासियों के लिए इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी? एक ओर जल जीवन मिशन के तहत देशभर के करोड़ों परिवारों तक नल से जल पहुंचे. दूसरी ओर राजस्थान में प्यास के कारण एक बच्ची की मृत्यु हो जाए. प्रश्न है कि गहलोत सरकार ने जल जीवन मिशन में मिली राशि का उपयोग क्यों नहीं किया? प्रश्न है कि गहलोत सरकार जल जीवन मिशन को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही? उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में नल कनेक्शन देने के मामले में राजस्थान, देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 29वें स्थान पर है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2020-21 में राजस्थान सरकार को नल लगाने के लिए 2522 करोड़ रुपए का आवंटन किया था, जिसमें से केवल 630 करोड़ रुपए ही खर्च किए. क्यों? गहलोत सरकार असंवेदनशील है. वह केंद्र की योजनाओं से दूरी बनाती है. चाहे लाखों लोग मुसीबत में हों, उनकी जान जोखिम में हो, उन्हें परवाह नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस साल 2021-22 में राजस्थान को पिछले वर्ष से चार गुना अधिक 10,180.50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार का संपूर्ण प्रयास है कि जल्द से जल्द मरुभूमि के कोने-कोने तक पाइपलाइन का जाल बिछे और हर राजस्थानी के घर में नल से पर्याप्त जल प्राप्त हो.