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सोनिया, राहुल और अशोक गहलोत बताएं कि कांग्रेस का नेतृत्व झूठा है या उनका घोषणापत्र: सतीश पूनिया - Opposition to agricultural law

कृषि सुधार कानूनों को लेकर कांग्रेस की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस निशाना साधा है. पूनिया ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इन बिलों को लाने की बात कही थी. ऐसे में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत बताएं कि कांग्रेस का नेतृत्व झूठा है या उनका घोषणापत्र झूठा है.

कृषि कानून का विरोध, कांग्रेस का विरोध, Statement of satish punia
पूनिया का पलटवार
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Published : Oct 10, 2020, 9:39 PM IST

जयपुर. कांग्रेस की ओर से कृषि कानून के विरोध पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के कल्याणकारी कृषि सुधार कानूनों को देश और प्रदेश के सभी किसानों ने स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस ने किसानों को गुमराह करने की लाख कोशिश की, लेकिन देश का किसान पूरी मजबूती के साथ मोदी सरकार और कृषि कानूनों के समर्थन में खड़ा है. क्योंकि किसान को अच्छे से पता है कि ये कृषि कानून उनकी आर्थिक उन्नति एवं खुशहाली के लिए लाए गए हैं.

वहीं इस दौरान पूनिया ने कहा कि, मोदी सरकार के कल्याणकारी कृषि कानूनों से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा. एमएसपी बढ़ोतरी से किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसान पेंशन, एमएसपी बढ़ोतरी इत्यादि ऐतिहासिक फैसलों से किसानों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि, देश का किसान कांग्रेस की षडयंत्रकारी और गुमराह करने वाली ओछी राजनीति को समझ चुका है. उन्होंने कहा कि, एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहकारी संघवाद की बात करते हैं और दूसरी तरफ केन्द्र के कल्याणकारी कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की बात कह रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समर्थन में ऐसी बातें कर हैं. किसान सम्मेलन बुलाकर किसानों को गुमराह करने का षडयंत्र कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस कभी सफल नहीं होगी.

ये पढ़ें: गिद्धों को लाश नजर आती है दूर से, उनको जलता हुआ पुजारी नहीं दिखता - कर्नल राज्यवर्धन

उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी का वादा किया था, स्वयं राहुल गांधी ने प्रदेश की एक जनसभा में 10 दिन में किसान कर्जमाफी का वादा किया था. अब राहुल और गहलोत बताएं कि किसानों का कर्जा कब माफ होगा. पूनिया ने कहा कि सोनिया गांधी नहीं चाहती कि देश के किसानों का भला हो, उनकी आय दोगुनी हो, किसान समृद्ध हों, किसानों को नए अवसर मिले. इसलिए कांग्रेस सिर्फ किसानों को गुमराह करने की साजिश कर रही है.

ये पढ़ें: पुजारी हत्याकांड: मृतक बाबू पुजारी के शव का 48 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

उन्होंने कहा कि पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसानों के लिए कल्याणकारी कार्य किए. किसान क्रेडिट योजना की सौगात दी. जिसे मोदी सरकार ने मजबूती के साथ विस्तार दिया है और 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की तरक्की के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहे हैं. वहीं भाजपा अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मुख्यमंत्री गहलोत 2019 के कांग्रेस के घोषणापत्र को पढ़ लेते, इनके घोषणापत्र के पेज नंबर 17 पर कहा गया कि हमारी सरकार आयेगी तो हम इन बिलों को लेकर आयेंगे. फिर यू-टर्न की जरूरत कहां से आई. उन्होंने कहा कि, 2011, 2012, 2014 में कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक, असम, हिमाचल, मेघालय, हरियाणा में संविदा खेती की शुरुआत की गई थी, लेकिन कांग्रेसी भूल क्यों जाते हैं. अब बतायें कि कांग्रेस का नेतृत्व झूठा है या उनका घोषणापत्र झूठा है.

जयपुर. कांग्रेस की ओर से कृषि कानून के विरोध पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के कल्याणकारी कृषि सुधार कानूनों को देश और प्रदेश के सभी किसानों ने स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस ने किसानों को गुमराह करने की लाख कोशिश की, लेकिन देश का किसान पूरी मजबूती के साथ मोदी सरकार और कृषि कानूनों के समर्थन में खड़ा है. क्योंकि किसान को अच्छे से पता है कि ये कृषि कानून उनकी आर्थिक उन्नति एवं खुशहाली के लिए लाए गए हैं.

वहीं इस दौरान पूनिया ने कहा कि, मोदी सरकार के कल्याणकारी कृषि कानूनों से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा. एमएसपी बढ़ोतरी से किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसान पेंशन, एमएसपी बढ़ोतरी इत्यादि ऐतिहासिक फैसलों से किसानों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि, देश का किसान कांग्रेस की षडयंत्रकारी और गुमराह करने वाली ओछी राजनीति को समझ चुका है. उन्होंने कहा कि, एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहकारी संघवाद की बात करते हैं और दूसरी तरफ केन्द्र के कल्याणकारी कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की बात कह रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समर्थन में ऐसी बातें कर हैं. किसान सम्मेलन बुलाकर किसानों को गुमराह करने का षडयंत्र कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस कभी सफल नहीं होगी.

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उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी का वादा किया था, स्वयं राहुल गांधी ने प्रदेश की एक जनसभा में 10 दिन में किसान कर्जमाफी का वादा किया था. अब राहुल और गहलोत बताएं कि किसानों का कर्जा कब माफ होगा. पूनिया ने कहा कि सोनिया गांधी नहीं चाहती कि देश के किसानों का भला हो, उनकी आय दोगुनी हो, किसान समृद्ध हों, किसानों को नए अवसर मिले. इसलिए कांग्रेस सिर्फ किसानों को गुमराह करने की साजिश कर रही है.

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उन्होंने कहा कि पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसानों के लिए कल्याणकारी कार्य किए. किसान क्रेडिट योजना की सौगात दी. जिसे मोदी सरकार ने मजबूती के साथ विस्तार दिया है और 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की तरक्की के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहे हैं. वहीं भाजपा अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मुख्यमंत्री गहलोत 2019 के कांग्रेस के घोषणापत्र को पढ़ लेते, इनके घोषणापत्र के पेज नंबर 17 पर कहा गया कि हमारी सरकार आयेगी तो हम इन बिलों को लेकर आयेंगे. फिर यू-टर्न की जरूरत कहां से आई. उन्होंने कहा कि, 2011, 2012, 2014 में कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक, असम, हिमाचल, मेघालय, हरियाणा में संविदा खेती की शुरुआत की गई थी, लेकिन कांग्रेसी भूल क्यों जाते हैं. अब बतायें कि कांग्रेस का नेतृत्व झूठा है या उनका घोषणापत्र झूठा है.

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