जयपुर. राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना (ERCP) को लेकर सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच चल रही जुबानी जंग पर प्रदेश भाजपा नेताओं की मंगलवार को चुप्पी टूट (Satish Poonia hits back at CM Gehlot on ERCP) गई. इस मामले में मीडिया के एक सवाल पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि एआरसीपी को चुनावी हथियार बनाकर ट्विटर पर जंग करने से कुछ नहीं होगा, बल्कि धरातल पर ईमानदारी के साथ तथ्य और बात रखें.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अब तक जो जानकारी उन्हें मिली है, उसमें दूसरे प्रदेशों की सरकार तो इस परियोजना में रुचि रखती हैं लेकिन यहां की सरकार इसमें सियासत कर रही है. पूनिया ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि इस मामले में ट्विटर पर जुबानी जंग के अलावा धरातल पर कुछ नहीं किया. केवल और केवल सियासी माइलेज लेने की कोशिश की जा रही है.
अब तक बीजेपी प्रदेश नेताओं ने साधी थी चुप्पी: हाल ही में जयपुर में जल जीवन मिशन के तहत हुए सम्मेलन में राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग पर पहले प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच नोकझोंक हुई. यही नोकझोक बाद में जुबानी जंग में बदल गई. इस जंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कूदे और ट्विटर के जरिए वह बयान जारी कर केंद्रीय मंत्री शेखावत पर निशाना साधते (Twitter war between CM Gehlot and Gajendra Singh Shekhawat) रहे.
शेखावत ने गहलोत को सन्यास लेने की नसीहत देते हुए यह तक कह दिया कि मुख्यमंत्री गहलोत के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ सुनाई देती है. वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम भुला नहीं पाए हैं. कांग्रेस की ओर से महेश जोशी और गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई नेता ट्विटर पर लगातार शेखावत को घेर रहे थे, लेकिन जवाब में शेखावत का साथ देने के लिए राजस्थान भाजपा के बड़े नेताओं की तरफ से कोई बयान या ट्वीट सामने नहीं आया. हालांकि अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान इस बात का संकेत है कि इस जुबानी जंग में प्रदेश भाजपा नेता भी शेखावत के साथ जुड़ गए हैं.