जयपुर. कोरोना महामारी के बीच राजस्थान में जारी सियासी आरोप-प्रत्यारोप के दौर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के आए ट्वीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने पलटवार किया है. पूनिया ने कहा कि मौजूदा समय सियासत का नहीं, बल्कि कोरोना से बचाने का है और यही युगधर्म है.
पूनिया ने कहा कि इस समय जब कोरोना का खतरा काफी ज्यादा है, तब किसी भी सामान्य व्यक्ति का ध्यान किसी दूसरी सियासी बात पर नहीं है और युगधर्म भी यही कहता है कि हम पहले वर्तमान स्थितियों की चिंता करें और जब सामान्य परिस्थिति हो तो ऐसे ट्वीट भी किए जा सकते हैं. राजनीतिक लड़ाई भी लड़ी जा सकती है. लेकिन इस वक्त कोरोना से बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से बसपा विधायकों को मिले नोटिस से जुड़े सवाल पर पूनिया ने कहा कि बसपा से जुड़ा मामला पूरी तरह से वैधानिक प्रक्रिया से जुड़ा है और कोर्ट में उसका क्या फैसला होता है और फैसले के बाद की क्या परिस्थिति होती है. यह सब कुछ आने वाले फैसले पर ही निर्भर करता है, लेकिन वर्तमान में भाजपा और हम सब की पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस से आमजन को बचाने के लिए क्या कुछ अपने स्तर पर हो सकता है, वह किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने शनिवार को ट्वीट कर राज्य में 5 माह बाद सियासी उठापटक तेज होने के संकेत दिए थे. संयम लोढ़ा ने अपने ट्वीट के जरिए कहा था "मोटा भाई राजस्थान में रुचि नहीं ले रहे. सितंबर तक रुकने को कहा है. यह भी कहा है कि सर्वोच्च संस्था के जरिए हाथी लटकाने का इरादा है.
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हालांकि उन्होंने बतौर पेशगी जुलाई 2020 में दी हुई रकम वापस नहीं ली है, लेकिन लेने वालों की पाचन क्रिया गड़बड़ाई है. खजाना लुट चुका फिर भी चौकीदारी है'' संयम लोढ़ा ने स्ट्रीट में सीधे तौर पर किसी राजनीतिक दल या राजनेता का नाम नहीं लिया, लेकिन जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वो इसी बात का इशारा है कि संयम लोढ़ा का निशाना भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर था. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने संयम लोढ़ा के इसी ट्वीट पर पलटवार किया है और उन्हें मौजूदा परिस्थितियों में युगधर्म याद दिलाया है.