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बीजेपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विधानसभा में लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

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Published : Jul 10, 2020, 3:27 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 3:53 PM IST

विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में लगाए गए आरोपों पर सियासत जारी है. बीजेपी ने इस मामले में सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगाया है. प्रस्ताव में पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त और 35 करोड़ की डील संबंधी बयान का भी जिक्र है. वहीं, इसे पूनिया के खिलाफ लगाए गए प्रस्ताव का काउंटर भी बताया जा रहा है.

BJP proposed a breach of privilege, Privilege breach motion against Ashok Gehlot
बीजेपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

जयपुर. राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में लगाए गए आरोपों पर सियासत जारी है. इस संबंध में पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से लगाए गए आरोपों के मामले में अब भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया है.

प्रस्ताव पर पहला हस्ताक्षर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का है. इस प्रस्ताव को विधानसभा सचिव प्रमील माथुर को विधायक अशोक लाहोटी, रामलाल शर्मा, निर्मल कुमावत, मदन दिलावर और सुभाष पूनिया ने सौंपा है. गुलाब चंद कटारिया ने साफ कर दिया है कि अब अगली बारी सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की है. प्रस्ताव में पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त और 35 करोड़ की डील संबंधी बयान का भी जिक्र है. इसी मामले को लेकर कटारिया ने यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगवाया है.

CM गहलोत के खिलाफ बीजेपी ने लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

इस बारे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि पिछले दिनों कांग्रेस के इशारे पर विधायक संयम लोढ़ा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया था. लेकिन पूनिया ने 23 विधायकों को रीको में जमीन और खान आवंटन से जुड़ा जो बयान दिया था, उसमें किसी भी विधायक का नाम लिया ही नहीं. ऐसे में वो विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव बनता ही नहीं था.

पढ़ें- बड़ी खबरः CM निवास को बम से उड़ाने की धमकी, आरोपी गिरफ्तार

लेकिन फिर भी कांग्रेस के इशारे पर यह प्रस्ताव लगाया गया. कटारिया ने कहा कि अब हमने भी मुख्यमंत्री की ओर से राज्यसभा चुनाव में भाजपा विधायकों को लेकर लगाए गए खरीद फरोख्त के आरोपों पर ये विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया है.

सरकार ने मामले को दी हाइप, उसका है नतीजा

भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगाया गया है. ये पिछले दिनों पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ लगाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का काउंटर है. खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ये बात मानी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह पूनिया और खरीद-फरोख्त के मामले को जबरदस्ती तूल दिया गया और सरकार की ओर से हाइप दी गई ये उसी का ही नतीजा है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विशेषाधिकार हनन के दायरे में आ गए.

पढ़ें- राजस्थान में स्कूल फीस को लेकर क्या बोले शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा?

अब महेश जोशी की है बारी- कटारिया

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि अभी मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगाया है. लेकिन अब जल्द ही सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की बारी है. कटारिया के अनुसार जिस तरह महेश जोशी ने सरकार के कहने पर भाजपा पर राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और SOG, ATS में शिकायत भी दर्ज कराई. उस मामले में अब तक कोई तथ्य सामने नहीं आए ना ही कोई कार्रवाई हुई. ऐसे में यदि उनके आरोप निराधार हैं तो फिर महेश जोशी के खिलाफ मानहानि या जो भी कानूनी कार्रवाई बनेगी बीजेपी जरूर करेगी.

प्रस्ताव पर इन भाजपा विधायकों के हैं हस्ताक्षर

विधानसभा सचिव को मुख्यमंत्री के खिलाफ जो विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सौंपा गया है उनमें नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित 10 भाजपा विधायकों के हस्ताक्षर हैं. इनमें गुलाबचंद कटारिया, अशोक लाहोटी, रामलाल शर्मा, निर्मल कुमावत, मदन दिलावर, सुभाष पूनिया, वासुदेव देवनानी, संतोष बावरी, प्रताप सिंह सिंघवी और विधायक धर्मेंद्र के हस्ताक्षर शामिल हैं.

जयपुर. राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में लगाए गए आरोपों पर सियासत जारी है. इस संबंध में पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से लगाए गए आरोपों के मामले में अब भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया है.

प्रस्ताव पर पहला हस्ताक्षर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का है. इस प्रस्ताव को विधानसभा सचिव प्रमील माथुर को विधायक अशोक लाहोटी, रामलाल शर्मा, निर्मल कुमावत, मदन दिलावर और सुभाष पूनिया ने सौंपा है. गुलाब चंद कटारिया ने साफ कर दिया है कि अब अगली बारी सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की है. प्रस्ताव में पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त और 35 करोड़ की डील संबंधी बयान का भी जिक्र है. इसी मामले को लेकर कटारिया ने यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगवाया है.

CM गहलोत के खिलाफ बीजेपी ने लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

इस बारे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि पिछले दिनों कांग्रेस के इशारे पर विधायक संयम लोढ़ा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया था. लेकिन पूनिया ने 23 विधायकों को रीको में जमीन और खान आवंटन से जुड़ा जो बयान दिया था, उसमें किसी भी विधायक का नाम लिया ही नहीं. ऐसे में वो विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव बनता ही नहीं था.

पढ़ें- बड़ी खबरः CM निवास को बम से उड़ाने की धमकी, आरोपी गिरफ्तार

लेकिन फिर भी कांग्रेस के इशारे पर यह प्रस्ताव लगाया गया. कटारिया ने कहा कि अब हमने भी मुख्यमंत्री की ओर से राज्यसभा चुनाव में भाजपा विधायकों को लेकर लगाए गए खरीद फरोख्त के आरोपों पर ये विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया है.

सरकार ने मामले को दी हाइप, उसका है नतीजा

भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगाया गया है. ये पिछले दिनों पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ लगाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का काउंटर है. खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ये बात मानी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह पूनिया और खरीद-फरोख्त के मामले को जबरदस्ती तूल दिया गया और सरकार की ओर से हाइप दी गई ये उसी का ही नतीजा है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विशेषाधिकार हनन के दायरे में आ गए.

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अब महेश जोशी की है बारी- कटारिया

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि अभी मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगाया है. लेकिन अब जल्द ही सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की बारी है. कटारिया के अनुसार जिस तरह महेश जोशी ने सरकार के कहने पर भाजपा पर राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और SOG, ATS में शिकायत भी दर्ज कराई. उस मामले में अब तक कोई तथ्य सामने नहीं आए ना ही कोई कार्रवाई हुई. ऐसे में यदि उनके आरोप निराधार हैं तो फिर महेश जोशी के खिलाफ मानहानि या जो भी कानूनी कार्रवाई बनेगी बीजेपी जरूर करेगी.

प्रस्ताव पर इन भाजपा विधायकों के हैं हस्ताक्षर

विधानसभा सचिव को मुख्यमंत्री के खिलाफ जो विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सौंपा गया है उनमें नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित 10 भाजपा विधायकों के हस्ताक्षर हैं. इनमें गुलाबचंद कटारिया, अशोक लाहोटी, रामलाल शर्मा, निर्मल कुमावत, मदन दिलावर, सुभाष पूनिया, वासुदेव देवनानी, संतोष बावरी, प्रताप सिंह सिंघवी और विधायक धर्मेंद्र के हस्ताक्षर शामिल हैं.

Last Updated : Jul 10, 2020, 3:53 PM IST
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