जयपुर. महापौर और पार्षदों के प्रकरण में पूर्व में जब जयपुर शहर के विधायक और पूर्व विधायक की बैठक बुलाई गई थी, तब शहर से आने वाले तीनों ही भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी और नरपत सिंह राजवी ने बैठक से दूरी बनाई थी.
कई पूर्व विधायक भी बैठक में नहीं आए. जिससे सियासी गलियारों में भाजपा विधायकों की दूरी चर्चा का विषय भी बनी. उसके बाद सरकार ने महापौर और तीनों पार्षदों के निलंबन की कार्रवाई कर दी. जिसके विरोध में भाजपा लगातार सड़कों पर है. लेकिन जयपुर शहर विधायकों की नाराजगी की चर्चा भी इसके साथ जोर पकड़ रही थी.
ऐसे में प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने यह नाराजगी दूर करने के लिए तीनों ही विधायकों को फोन के जरिए मुलाकात करने के लिए बुलाया. सांगानेर से भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने मंगलवार देर शाम भाजपा मुख्यालय पहुंचकर संगठन महामंत्री से मुलाकात की. तो वहीं कालीचरण सराफ में बुधवार को पार्टी मुख्यालय में संगठन महामंत्री से मुलाकात की.
इस दौरान विधायकों से उनकी नाराजगी जानी गई और मौजूदा घटनाक्रम को लेकर सुझाव भी लिए गए. बताया जा रहा है दोनों ही विधायकों ने अपनी अनदेखी की बात संगठन महामंत्री के समक्ष रखी और पूर्व में हुए कई घटनाक्रमों का जिक्र भी किया. हालांकि इस मुलाकात के बाद विधायकों की नाराजगी दूर हुई या नहीं इसका अब तक खुलासा नहीं हुआ है.
राजवी ने संगठन महामंत्री को दो बार फोन किया, नहीं मिला समय
उधर विद्याधर नगर से भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी को भी संगठन महामंत्री की ओर से मुलाकात के लिए बुलाया गया. यह मुलाकात सोमवार को होनी थी. लेकिन राजवी अस्वस्थता के चलते नहीं गए. लेकिन मंगलवार को उन्होंने वापस संगठन महामंत्री को फोन कर मिलने का समय मांगा. दो बार फोन करने पर भी संगठन महामंत्री से उनकी सीधी बात नहीं हो पाई. क्योंकि तब वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त बताए जा रहे थे. राजवी की मानें तो दो बार फोन करने के बाद भी वापस संगठन महामंत्री का फोन नहीं आया. न मुलाकात का समय तय हो पाया इसलिए वे नहीं गए.
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जब मेयर बनाते समय नहीं पूछा तो अब क्या करें- विधायक
बताया जा रहा है कि संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से मुलाकात के दौरान विधायकों ने अपनी संगठन द्वारा हो रही उपेक्षा की नाराजगी तो जताई. साथ ही यह भी बोलने से नहीं चूके कि जब नगर निगम हेरिटेज में महापौर बनाया जा रहा था तब शहर के किसी भी भाजपा विधायक और पूर्व विधायक से पूछा तक नहीं गया. ऐसे में अब हम इस बारे में क्या बात करेंगे.
एक विधायक ने तो यह भी कह दिया कि जो कुछ हुआ यह महापौर का निजी मामला है. हालांकि संगठन महामंत्री से मुलाकात करने वाले दोनों ही विधायकों ने यह भी कहा है कि वे पार्टी और संगठन का हर काम करेंगे.