जयपुर. भाजपा नेता रीट परीक्षा अनियमितता मुद्दे पर लगातार राज्य सरकार को घेर रहे हैं. इसी कड़ी में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और पूर्व शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ और वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर हमले किये हैं. राठौड़ ने नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए विशेष कानून बनाने की पैरवी की तो देवनानी और सराफ ने मामले की सीबीआई जांच के साथ ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष को बर्खास्त करने की बात कही.
दोषियों की संपत्ति हो जप्त- राठौड़ : राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए सरकार विशेष कानून बनाए और दोषियों की संपत्तियों को जब्त किया जाए. राठौड़ ने कहा कि कठोर कार्रवाई करते हुए संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाकर सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए. उनके अनुसार कई मंत्री और अफसर शक के दायरे में है, ऐसे में सीबीआई ही पूरे मामले का खुलासा कर सकती है.
डीपी जारोली को करे बर्खास्त- देवनानी : पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि एसओजी ने रीट का पर्चा खरीदे जाने और शिक्षा संकुल से लीक होने की बात तो मान ली है लेकिन अभी तक डीपी जारोली को बुलाकर उनसे पूछताछ नहीं की है. बोर्ड अध्यक्ष के दफ्तर जाकर भी एसओजी ने केवल प्रक्रिया के दस्तावेज ही लिए हैं. उन्होंने जांच पूरी होने तक जारोली को पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि अगर रीट की आगामी परीक्षा भी जारोली के अध्यक्ष रहते हुई तो उस पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े हो सकते हैं. देवनानी ने कहा कि पर्चा लीक होने के बाद पिछले साल हुई परीक्षा को रद्द कर के नए सिरे से परीक्षा का आयोजन होना चाहिए जिससे किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय ना हो.
यूपी सरकार की तर्ज पर करें सख्त कार्रवाई- कालीचरण सराफ : पूर्व शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ का कहना है कि शिक्षा संकुल से ही पेपर लीक हो गया और नाथी के बाड़े वाले बाबाजी और गहलोत साहब कह रहे थे की पेपर लीक नहीं हुआ है. दाल में काला या है या पूरी दाल ही काली है. UP के CM योगी की तरह कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने तो पर्चा लीक करने वालों को जेल में डाल उनके घरों पर बुलडोजर चला दिए. राज्य सरकार तो सवा करोड़ में पर्चा बिकने के खुलासे के बावजूद कार्रवाई छोड़िए पर्चा लीक तक नहीं मान रही.