जयपुर. प्रदेश में चल रही सियासत पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने भी गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है. माथुर ने कहा कि कुल मिलाकर कांग्रेस अपना घर नहीं संभाल पा रही है, सरकार को बने हुए पौने दो साल हो गए. लेकिन ऐसा लग रहा है कि सरकार पहले ही दिन से कोमा में चल रही है. इस प्रकार की बेबुनियाद आरोप लगाकर SOG की जांच बैठा दी और एसीबी से जांच कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि जितनी जांच करवानी है, उतनी जांच करवा लो. लेकिन इसमें बीजेपी कहीं पर भी शामिल नहीं है.
ओम माथुर ने कहा कि राजनीतिक पार्टी में व्यक्ति अपने ही पार्टी के लोगों पर कैसे आरोप लगाए, इसलिए वह बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं. उनकी पार्टी के लोग नाराज होकर चले गए, वे लोग भी तो उन्हीं की पार्टी के लोग हैं, जिस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर रहे हैं. वह मुख्यमंत्री पद की गरिमा को खराब कर रहे हैं. वह अपने ही उप मुख्यमंत्री को नकारा और निकम्मा बता रहे हैं. रोजाना सुबह उठकर जब तक अमित शाह और पीएम मोदी पर कोई आरोप नहीं लगा लेते, तब तक उनकी दिनचर्या शुरू नहीं होती.
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राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि गहलोत पहले अपने कुनबे को संभालें. उनके कुनबे में ही अविश्वास बना हुआ है. यही वजह है कि वे अपने विधायकों को जैसलमेर लेकर गए हैं. अगर उन्हें अपने लोगों पर विश्वास होता तो जयपुर छोड़कर भागने की जरूरत नहीं होती. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास में बहुमत नहीं है और जो लोग भी उनके साथ हैं. उनमें से आधे से ज्यादा लोग भी उनके व्यवहार से और सरकार के कामकाज से नाराज हैं. वे सिर्फ मौका देख रहे हैं कि जैसे मौका मिलेगा, वे उनका साथ छोड़ देंगे. गहलोत खुद तो जयपुर में आ गए पर अपने बाकी विधायकों को जैसलमेर में बंद करके आ गए, यह कहां का न्याय है.
सीएम अशोक गहलोत को ऐसा लग रहा है, जैसे कि वो विवेक खो चुके हैं. वे हर दिन अर्नगल बयानबाजी कर रहे हैं. इससे साफ है कि वे मन ही मन में, पूरी तरह से डरे हुए है. हम तो मौका देख रहे हैं कि वे क्या-क्या कर रहे हैं. हमारे घर का कोई भी व्यक्ति या हमारी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में से किसी तरह का कोई रोल इस लड़ाई में नहीं है. मुख्यमंत्री की गलती की वजह से राज्यपाल ने उनको विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी और वह स्वर्गीय भैरों सिंह का नाम लेकर हर दिन होटल के बाहर और राजभवन के बाहर झूठी बयानबाजी कर रहे हैं. गहलोत कहते हैं कि भैरों सिंह ने भी राज्यपाल के समक्ष धरना दिया था, जो सरासर झूठा बयान है.
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ओम माथुर ने कहा कि मैं खुद उस समय भैरों सिंह जी के साथ था. हम पांच लोग राज्यपाल से मिलने गए थे और हमने बहुमत साबित करने की बात कही थी. हमारे पास बहुमत था, हमने हमारे विधायकों की परेड कराई राज्यपाल को गिनती कराई और जब हम राज्यपाल से मिलने गए थे. उस समय महज पांच लोग ही थे. हमारे बहुमत के आगे राज्यपाल बार-बार अंदर बाहर-अंदर बाहर हो रहे थे. तब स्वर्गीय भैरों सिंह को थकान सी महसूस होने लगी और उन्होंने कहा कि मैं कुछ देर के लिए लॉन में बैठ जाता हूं. उन्होंने धरना नहीं दिया था और न ही उनके साथ कोई विधायक अंदर गए थे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भैरो सिंह का नाम लेकर झूठ फैला रहे हैं. हमारे साथ उस समय जनता थी और जनता की यह बड़ी संख्या के चलते राज्यपाल दबाव में आकर उन्होंने सरकार बनाने के लिए न्योता दिया था. इनके पास न तो विधायक हैं और न ही जनता है. अगर उनके पास बहुमत होता तो यह राज्यपाल के समक्ष अपने सभी विधायकों की परेड करा देते. एक-एक विधायक के साइन करके उनके बयान करवा देते, लेकिन उनके पास बहुमत नहीं है. इसलिए अशोक गहलोत इस तरह की अर्नगल बयानबाजी कर रहे हैं. अपने गुणों को छुपाने के लिए गहलोत, स्वर्गीय भैरो सिंह का नाम लेकर झूठ फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा विधायक दल पूरी तरीके से तैयार है. राजस्थान की राजनीति पर हर तरह से उनकी पूरी नजर है, जल्द ही हमारे विधायक दल की बैठक होने वाली है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित सभी विधायक दल के लोग और पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बैठक में होंगे. हम पूरी रणनीति के साथ में विधानसभा के अंदर सरकार को घेरने वाले हैं.
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माथुर ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से लोगों की हालत खराब है, एक तरफ तो टिड्डी ने, दूसरी तरफ कोरोना ने परेशान कर रखा है. वहीं प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है. लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. सरकार विधानसभा में मुख्य एजेंडा को लाने की बजाय इधर-उधर की बातें कर रही है. 14 तारीख को वे लोग क्या करने वाले हैं, उस एजेंडे को सबके सामने रख दें. बसपा विधायकों को लेकर ओम माथुर ने कहा कि कांग्रेस पिछले शासन में भी बसपा विधायकों के साथ ही सरकार चला रही थी और इस बार भी उन्हीं के भरोसे सरकार चलाने की कोशिश कर रही है. मामला कोर्ट में है, कोर्ट में जो भी निर्णय होगा, वह सबके सामने होगा और कोर्ट के निर्णय का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.