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राज्यसभा चुनाव स्थगित होने के फैसले पर गर्माई सियासत, गहलोत के बयान पर भाजपा ने जताई आपत्ति

26 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होना था लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते चुनाव आयोग में इसे स्थगित कर दिया. जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके आयोग के इस फैसले पर संदेह जताया. जिसके चलते चुनाव स्थगित होने के फैसले पर सियासत गर्मा गई है. गहलोत के बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई हैं.

Rajya Sabha election postponed, cm ashok gehlot
राज्यसभा चुनाव स्थगित होने के फैसले पर गर्माई सियासत
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Published : Mar 24, 2020, 5:15 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस की महामारी के चलते चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव स्थगित कर दिए, लेकिन इस पर राजस्थान में सियासत गर्मा गई है. आयोग के फैसले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संदेह के घेरे में डालते हुए सवाल उठाए तो वही भाजपा ने इस पर आपत्ति की है.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए उसे मौजूदा परिस्थिति में उठाया गया सही कदम करार दिया है, तो वही ट्विटर के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयोग के फैसले पर उठाए गए सवाल पर उन्होंने नाराजगी भी जताई है.

राज्यसभा चुनाव स्थगित होने के फैसले पर गर्माई सियासत

पढ़ें: राज्यसभा चुनाव स्थगनः गहलोत ने कहा- गलत, पायलट ने कहा- चुनाव आयोग का निर्णय सही

पूनिया के अनुसार जब इस महामारी के चलते लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया, तो फिर राज्यसभा चुनाव को भी इतिहास के रूप में स्थगित किया जाना ही था. उन्होंने कहा गहलोत ने आयोग के इस फैसले पर आपत्ति जताई, यह तो वही जाने लेकिन आयोग का फैसला एकदम सही है. वही उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो निर्णय लिया है, उसे खुद पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सही बताया है, यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आयोग के निर्णय पर सवाल उठाया जा रहा है. राठौड़ ने कहा कोरोना जैसी महामारी के चलते लिए गए इस फैसले पर किसी को भी राजनीति नहीं करना चाहिए और चुनाव आयोग तो अपने आप में संवैधानिक संस्था है. जिसके निर्णय पर सवाल उठाना बेहद गलत है.

पढ़ें: COVID-19: प्रदेश की 3 सीटों पर होने वाला राज्यसभा चुनाव स्थगित, कांग्रेस ने टाली विधायकों की बैठक

गौरतलब है कि 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होना था लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते चुनाव आयोग में इसे स्थगित कर दिया. जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके आयोग के इस फैसले पर संदेह जताया था और साथ यह भी लिखा था कि बीजेपी गुजरात और राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग में सफल नहीं हो पाई. जिसके चलते शायद कुछ और समय चाह रहे थे. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए बेहद दुखद दिन भी करार दिया था. इसके बाद भाजपा नेताओं ने इस पर पलटवार किया.

जयपुर. कोरोना वायरस की महामारी के चलते चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव स्थगित कर दिए, लेकिन इस पर राजस्थान में सियासत गर्मा गई है. आयोग के फैसले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संदेह के घेरे में डालते हुए सवाल उठाए तो वही भाजपा ने इस पर आपत्ति की है.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए उसे मौजूदा परिस्थिति में उठाया गया सही कदम करार दिया है, तो वही ट्विटर के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयोग के फैसले पर उठाए गए सवाल पर उन्होंने नाराजगी भी जताई है.

राज्यसभा चुनाव स्थगित होने के फैसले पर गर्माई सियासत

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पूनिया के अनुसार जब इस महामारी के चलते लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया, तो फिर राज्यसभा चुनाव को भी इतिहास के रूप में स्थगित किया जाना ही था. उन्होंने कहा गहलोत ने आयोग के इस फैसले पर आपत्ति जताई, यह तो वही जाने लेकिन आयोग का फैसला एकदम सही है. वही उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो निर्णय लिया है, उसे खुद पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सही बताया है, यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आयोग के निर्णय पर सवाल उठाया जा रहा है. राठौड़ ने कहा कोरोना जैसी महामारी के चलते लिए गए इस फैसले पर किसी को भी राजनीति नहीं करना चाहिए और चुनाव आयोग तो अपने आप में संवैधानिक संस्था है. जिसके निर्णय पर सवाल उठाना बेहद गलत है.

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गौरतलब है कि 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होना था लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते चुनाव आयोग में इसे स्थगित कर दिया. जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके आयोग के इस फैसले पर संदेह जताया था और साथ यह भी लिखा था कि बीजेपी गुजरात और राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग में सफल नहीं हो पाई. जिसके चलते शायद कुछ और समय चाह रहे थे. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए बेहद दुखद दिन भी करार दिया था. इसके बाद भाजपा नेताओं ने इस पर पलटवार किया.

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