जयपुर. बीजेपी सांसदों ने सोमवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक ली. बैठक में सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद रामचरण बौहरा और सभी जनप्रतिनिधियों ने लापरवाह अधिकारियों की क्लास लेकर उन्हें फटकार लगाई है. साथ ही आने वाले समय में सुधरने की नसीहत भी दी है.
राठौड़ ने बैठक में अधिकारियों के गैहाजिर रहने पर नाराजगी जताई और कहा कि अगली मीटिंग में सभी अधिकारी मौजूद रहें. आधी अधूरी तैयारियों के साथ पहुंचे अधिकारियों को राठौड़ ने सुधरने की नसीहत दी और कहा कि किसी पार्टी विशेष के दबाव में काम न करें. बैठक में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, विधायक रामलाल शर्मा और निर्मल कुमावत भी मौजूद रहे. सभी जनप्रतिनिधियों ने विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए.
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दिशा बैठक की शुरुआत में ही अध्यक्षता कर रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जिला परिषद सीईओ और जेडीसी के अनुपस्थित रहने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि 18 दिन पहले इस बैठक के बारे में सूचना दी गई थी. इसके बावजूद भी उच्च अधिकारी बैठक में नहीं पहुंचे. राठौड़ ने यह भी कहा कि सांसद कार्यालय से जनप्रतिनिधियों के पास बैठक की सूचना पहुंची है, जबकि यह काम जिला प्रशासन की ओर से किया जाना था.
जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की शुरुआत में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) को लेकर जानकारी मांगी गई लेकिन जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता आरसी मीणा जनप्रतिनिधियों को पूरी जानकारी नहीं दे पाए. सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और रामचरण बोहरा ने अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे जल जीवन मिशन की जानकारी मांगी. लेकिन अधीक्षण अभियंता मीणा से पूरी जानकारी नहीं मिलने पर दोनों ही सांसदों ने नाराजगी जताते हुए अभियंता को फटकार लगाई.
सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि जब कोई व्यक्ति हैंडपंप सही कराने के लिए जलदाय विभाग जाता है, तो उसे यह जवाब मिलता है कि सांसद ने हैंडपंप लगाया है, तो वहीं उसे ठीक भी करेगा. यह अधिकारियों के काम करने का तरीका दर्शाता है. उन्होंने कहा कि कई कामों की तो अभी तक डीपीआर ही तैयार नहीं हुई और जिनकी डीपीआर तैयार हो गई है उनके वर्क आर्डर अभी तक नहीं हुए. बैठक में पूरा काम नहीं होने पर राठौड़ ने अधीक्षण अभियंता को यहां तक कह दिया कि आपके इस काम के लिए क्या ताली बजाई जाए. राठौड़ ने कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों को काम से जुड़ी हुई पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जबकि उनका अधिकार होता है कि पूरे काम की जानकारी जनप्रतिनिधियों को दी जाए.
बैठक में आरसी मीणा ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत किसी भी काम का कोई उद्घाटन नहीं हुआ और न ही किसी जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया है. इस पर राठौड़ ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र में कई जगह ऐसी है, जहां उद्घाटन के पत्थर लगे हुए हैं. इस पर मीणा ने कहा कि ऐसी कोई जानकारी मेरे पास नहीं है. राठौड़ ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो आप क्या उद्घाटन किए हुए पत्थर हटवा देंगे. इस पर मीणा ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेंगे और इसकी रिपोर्ट सात दिन में सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को देंगे. दोनों सांसदों ने प्रधानमंत्री सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, सांसद आदर्श गांव, प्रधानमंत्री आदर्श गांव सहित अन्य योजनाओं की धीमी प्रगति और खामियों को लेकर नाराजगी जताई. राठौड़ ने सभी कार्यों की रिपोर्ट 7 दिन में पेश करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
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मीडिया से रूबरू होते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा केंद्र सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. दिशा की बैठक में बहुत सारी कमियां देखने को मिली हैं. उन्होंने कहा कि जिस गति से जल जीवन मिशन का काम चलना चाहिए उस गति से काम नहीं हो रहा. यदि इतनी धीमी गति से काम होगा तो लक्ष्य तक कैसे पहुंचेंगे और किस तरह से लोगों की प्यास बुझेगी. अधिकारियों से हर गांव की रिपोर्ट मांगी गई है. वहां सड़क और पानी को लेकर कितना काम हुआ है और कितना पैसा खर्च हुआ है. कितना पैसा शेष बचा है और यदि किसी काम में कोई कमी है तो किस कारण से कमी है. सांसद कोष से स्वीकृत किए गए काम 6 साल से पूरे नहीं हो पा रहे. इसमें किसकी और कहां कमी रह गई है.
इसकी भी जानकारी अधिकारियों से मांगी गई है. बोहरा ने ऐसे काम जो लंबे समय से चल रहे हैं. उन्हें कैंसिल करने के निर्देश दिए. राठौड़ ने कहा कि अधिकारियों को काम करने को लेकर प्रेरित और आगाह किया गया है. अधिकारियों को नसीहत दी कि वें किसी पार्टी के लिए वफादार न रहें, वह जनता के प्रति वफादार रहें, तभी हम जनता के लिए काम कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है.
राठौड़ से पूछा गया कि क्या अधिकारी पार्टी को देखते हुए दबाव में काम कर रहे हैं. तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बातचीत से तो ऐसा लगा कि वें दबाव में काम कर रहे हैं. लेकिन यह मानवीय गलतियां हैं और उम्मीद करता हूं कि यह भविष्य में कम होगी. केंद्रीय योजनाओं की प्रगति को लेकर राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लक्ष्य लेकर काम करते हैं. जयपुर जिले के अधिकारियों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. जनता को पता होना चाहिए कि योजना में कितना काम हुआ है और कितना नहीं हुआ है और क्यों नहीं हुआ है.
हर चीज को छुपा कर रखना पुराना जमाना है अब यह नहीं हो सकता. यह कहना गलत है कि सिस्टम काम नहीं कर रहा. सिस्टम हमारा गुलाम है. सिस्टम चलाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है. यदि सिस्टम काम नहीं कर रहा है तो इसका मतलब है कि अधिकारी काम नहीं कर रहें हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सभी किसानों के पास नहीं पहुंच रही, तकनीकी गलतियों को लेकर उनसे बातचीत क्यों नहीं हो रही. यदि किसी व्यक्ति का प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन रद्द हुआ है तो उसे एक मौका और मिलना चाहिए.
सांसद रामचरण बोहरा ने सीएमएचओ को लगाई लताड़
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद रामचरण बोहरा ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रथम नरोत्तम शर्मा को जमकर लताड़ लगाई. सांसद रामचरण बोहरा ने यहां तक कह दिया कि मैंने अपने जीवन में ऐसा आदमी नहीं देखा जो काम नहीं करता और जनप्रतिनिधियों और आम आदमी को यह कहकर डराता है कि मेरी पत्नी मजिस्ट्रेट है.
उन्होंने कहा कि यह आदमी मेरा कॉल नहीं उठाता और मेरा काम भी नहीं करता. उन्होंने कहा कि मेरे कहने के बावजूद भी सीएमएचओ ने एक भी कैंप नहीं लगाया और जब कोई जनप्रतिनिधि या आम व्यक्ति फोन करते हैं तो वह यह कह कर उन्हें धमकाते हैं कि उनकी पत्नी मजिस्ट्रेट है. मैं यह कर दूंगा मैं वो कर दूंगा. बैठक में जब वैक्सीनेशन के संबंध में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सीएमएचओ प्रथम नरोत्तम शर्मा से पूछा कि आपने मेरे किस-किस क्षेत्र में मेरे कहने से कैंप लगाया है. इस सवाल का जवाब भी नरोत्तम शर्मा नहीं दे पाए. नरोत्तम शर्मा ने कहा कि कुछ लोग मेरे घर आकर मुझे धमकाते हैं, इस पर बोहरा ने कहा कि जब आप काम नहीं करोगे तो लोग आपके घर तो आएंगे ही. शर्मा ने कहा कि जब मैं ऑफिस में काम करता हूं तो लोग मेरे घर क्यों आते हैं. उन्हें काम के लिए मेरे ऑफिस ही आना चाहिए.