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Rathore On Pilot: राजेन्द्र राठौड़ ने सचिन पायलट को बताया संस्कारवान 'नीलकंठ'! लेकिन सीएम गहलोत की ये बात नहीं आई रास

भाजपा के दिग्गज नेता हैं राजेन्द्र राठौड़. फिर भी अपनी धुर विरोधी पार्टी के बड़े नेता सचिन पायलट की एक अदा (BJP MLA On Pilot) इनके दिल को छू गई है! वजह भी खास है. ईटीवी से बातचीत की तो अपनी पसंद बताई और कांग्रेस के खिलाफ अपना गुबार जाहिर कर दिया.

Rathore On Pilot
पायलट को बताया संस्कारवान 'नीलकंठ'
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Published : Jul 6, 2022, 12:12 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस सरकार में भले ही मुख्यमंत्री से लेकर उनके मंत्री तक पूर्व पीसीसी चीफ रहे सचिन पायलट पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुबानी हमला बोल रहे हों लेकिन विपक्षी दल भाजपा में पायलट के चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. आलम यह है कि प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ तो खुद को सचिन पायलट की काबिलियत का कायल तक बताने में गुरेज नहीं करते (Rathore Appreciates Sachin Pilot).जी हां, कांग्रेस नेताओं के बयानों में भले ही सचिन पायलट को लेकर नकारा, निकम्मा और षड्यंत्रकारी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया हो बावजूद इसके सचिन पायलट का विरोध में सम्मान प्रकट करना भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ के दिल को छू गया है. यही वजह है कि अब मीडिया में कहने लगे हैं कि वो सचिन पायलट की इस काबिलियत के कायल हो चुके हैं.

कांग्रेस में अपमान की राजनीति: यही नहीं राजेंद्र राठौड़ यह तक कहते हैं कि जब मुखिया ही अपने व्यक्ति की जड़ें उखाड़ने का काम करेंगे और उसके लिए नकारा,निकम्मा और षड्यंत्रकारी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो अन्य क्यों नहीं करेंगे? राठौड़ ने कहा अन्य भी तो उन्हीं का अनुसरण करके बोलेंगे. राजेंद्र राठौड़ का इशारा मंत्री रामलाल जाट और शांति कुमार धारीवाल की ओर था. ईटीवी से बातचीत में राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस में अपमान करने की राजनीति अब हदों को पार कर गई है. 'भूतो ना भविष्यति' कह रामलाल जाट और शांति धारीवाल को गुजरे हुए वक्त की याद दिलाई. बोले- एक वक्त था कि ये उस टिकट का इंतजार किया करते थे जिस पर पीसीसी चीफ के रूप में कभी सचिन पायलट के हस्ताक्षर होते थे. राठौड़ ने कहा ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है लेकिन जिस प्रकार राजस्थान की राजनीतिक संस्कृति को विकृत करने का काम इस समय हो रहा है वो उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा. राठौड़ ने कहा यही अपमान की राजनीति कांग्रेस की ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.

सचिन पायलट के कायल राठौड़

पढ़ें-2023 में कांग्रेस की राजस्थान से विदाई तय, तेलांगना में भी होगा बदलाव: राजेंद्र राठौड़

नीलकंठ है सचिन पायलट: सचिन पायलट को राठौड़ संस्कारवान (Rathore On Pilot) बताते हैं. राजेंद्र राठौड़ मानते हैं कि पायलट को उनके माता-पिता से जो संस्कार मिले हैं उसके चलते ही वो अपना विरोध भी बड़े सम्मान से प्रकट करते हैं और मुख्यमंत्री को पिता तुल्य तक बता देते हैं. राठौड़ सचिन पायलट के बर्दाश्त करने के इसी साहस के कारण पायलट को नीलकंठ तक बता रहे हैं.

गौरतलब है कि सोमवार को मंत्री रामलाल जाट ने अशोक गहलोत के नकारा निकम्मा वाले बयान को परिभाषित किया था. कहा था कि जब कोई बच्चा काम नहीं करता तो भी उसे निकम्मा कहते हैं और जब कई बार जानबूझकर परेशान करते हैं या घटिया बात करते हैं तो भी उन्हें निकम्मा कहते हैं. राजस्व मंत्री ने सीएम के बयान का समर्थन किया था और कहा कि मुख्यमंत्री को अच्छे से पता है किसकी क्या डेफिनेशन होती है और वो हर चीज को सोच समझकर ही बोलते हैं.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस सरकार में भले ही मुख्यमंत्री से लेकर उनके मंत्री तक पूर्व पीसीसी चीफ रहे सचिन पायलट पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुबानी हमला बोल रहे हों लेकिन विपक्षी दल भाजपा में पायलट के चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. आलम यह है कि प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ तो खुद को सचिन पायलट की काबिलियत का कायल तक बताने में गुरेज नहीं करते (Rathore Appreciates Sachin Pilot).जी हां, कांग्रेस नेताओं के बयानों में भले ही सचिन पायलट को लेकर नकारा, निकम्मा और षड्यंत्रकारी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया हो बावजूद इसके सचिन पायलट का विरोध में सम्मान प्रकट करना भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ के दिल को छू गया है. यही वजह है कि अब मीडिया में कहने लगे हैं कि वो सचिन पायलट की इस काबिलियत के कायल हो चुके हैं.

कांग्रेस में अपमान की राजनीति: यही नहीं राजेंद्र राठौड़ यह तक कहते हैं कि जब मुखिया ही अपने व्यक्ति की जड़ें उखाड़ने का काम करेंगे और उसके लिए नकारा,निकम्मा और षड्यंत्रकारी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो अन्य क्यों नहीं करेंगे? राठौड़ ने कहा अन्य भी तो उन्हीं का अनुसरण करके बोलेंगे. राजेंद्र राठौड़ का इशारा मंत्री रामलाल जाट और शांति कुमार धारीवाल की ओर था. ईटीवी से बातचीत में राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस में अपमान करने की राजनीति अब हदों को पार कर गई है. 'भूतो ना भविष्यति' कह रामलाल जाट और शांति धारीवाल को गुजरे हुए वक्त की याद दिलाई. बोले- एक वक्त था कि ये उस टिकट का इंतजार किया करते थे जिस पर पीसीसी चीफ के रूप में कभी सचिन पायलट के हस्ताक्षर होते थे. राठौड़ ने कहा ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है लेकिन जिस प्रकार राजस्थान की राजनीतिक संस्कृति को विकृत करने का काम इस समय हो रहा है वो उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा. राठौड़ ने कहा यही अपमान की राजनीति कांग्रेस की ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.

सचिन पायलट के कायल राठौड़

पढ़ें-2023 में कांग्रेस की राजस्थान से विदाई तय, तेलांगना में भी होगा बदलाव: राजेंद्र राठौड़

नीलकंठ है सचिन पायलट: सचिन पायलट को राठौड़ संस्कारवान (Rathore On Pilot) बताते हैं. राजेंद्र राठौड़ मानते हैं कि पायलट को उनके माता-पिता से जो संस्कार मिले हैं उसके चलते ही वो अपना विरोध भी बड़े सम्मान से प्रकट करते हैं और मुख्यमंत्री को पिता तुल्य तक बता देते हैं. राठौड़ सचिन पायलट के बर्दाश्त करने के इसी साहस के कारण पायलट को नीलकंठ तक बता रहे हैं.

गौरतलब है कि सोमवार को मंत्री रामलाल जाट ने अशोक गहलोत के नकारा निकम्मा वाले बयान को परिभाषित किया था. कहा था कि जब कोई बच्चा काम नहीं करता तो भी उसे निकम्मा कहते हैं और जब कई बार जानबूझकर परेशान करते हैं या घटिया बात करते हैं तो भी उन्हें निकम्मा कहते हैं. राजस्व मंत्री ने सीएम के बयान का समर्थन किया था और कहा कि मुख्यमंत्री को अच्छे से पता है किसकी क्या डेफिनेशन होती है और वो हर चीज को सोच समझकर ही बोलते हैं.

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