जयपुर. भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने एक बार फिर प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला है. इस बार कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया है कि गहलोत सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में गोवंश और गौशाला में चारे पानी का संकट खड़ा हो गया है. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार पर है. सराफ ने गहलोत सरकार को गाय विरोधी सरकार भी करार दिया.
कालीचरण सराफ ने कहा कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने अपनी हठधर्मिता के कारण बिना बहस के ही एक विधेयक पारित करवा लिया. जिसमें पिछली भाजपा सरकार के द्वारा गोवंश संवर्धन के लिए स्टांप ड्यूटी पर लगाए जाने वाले अधिभार की राशि का इस्तेमाल प्राकृतिक आपदा और महामारी सहित अन्य मामलों में भी किए जाने का प्रावधान कर लिया. लेकिन मौजूदा स्थिति में जब प्रदेश की गौशालाओं में चारे पानी का संकट खड़ा हो गया है, तब सरकार का ध्यान इस ओर नहीं गया.
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सराफ ने कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने गोवंश संवर्धन के लिए अलग से गोपालन विभाग बनाया था. उस समय स्टांप ड्यूटी पर अधिभार लगाकर गौशालाओं में इस राशि का वितरण भी किया गया, जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने बहुमत के दम पर 24 अगस्त को विधानसभा में बुलाकर प्रदेश की 2,890 गौशालाओं के 1,252 करोड़ रूपों को अन्य मदों में खर्च करने का अधिकार प्राप्त कर लिया.
विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि गहलोत सरकार ने एक तरफ तो बाड़ेबंदी और होटलों में मौज मस्ती में जनता के करोड़ों रुपए ठिकाने लगा दिए, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के गोवंश के चारे पानी के रूपों पर भी अब प्रदेश सरकार ने सेंधमारी कर दी है. सराफ ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में 10.50 लाख गोवंश पर चारे पानी के संकट को यदि समय रहते दूर नहीं किया गया तो प्रदेश के लाखों गोपालक आंदोलन की राह पकड़ेंगे.