जयपुर. कोरोना के संकट काल में बंद पड़े छोटे मंदिरों के बिजली-पानी के बिल माफ करने के साथ ही इन मंदिर के पुजारियों को 5 हजार रुपए प्रति महीने की सरकारी मदद दिए जाने की मांग उठी है. भाजपा विधायक डॉ. अशोक लाहोटी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग की है.
लाहोटी के अनुसार कोविड-19 के चलते जयपुर के मंदिरों के पट बंद हैं, ऐसे में एकल व्यवस्था वाले मंदिरों में पुजारियों का स्वयं का जीवन यापन करना कठिन हो गया है. साथ ही मंदिर के आवश्यक रखरखाव के साथ बिजली-पानी के भुगतान का संकट भी उनके समक्ष खड़ा हो गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री मंदिरों के व्यवस्थापक और पुजारियों की आर्थिक कठिनाई को ध्यान में रखते हुए पिछले 3 महीने और आगामी 3 महीने के बिजली-पानी के बिल माफ करें.
लाहोटी ने यह भी कहा, कि मंदिरों के पट बंद होने से पुजारियों के समक्ष जीवन यापन का संकट भी खड़ा हो गया है. ऐसे में राज्य सरकार तुष्टिकरण की नीति छोड़ ऐसे पुजारियों को 5 हजार रुपए प्रति महीने खाते में डालें ताकि ये भी अपने परिवार का जीवन यापन कर सके.
सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी के अनुसार कोरोना महामारी के कारण जयपुर के सभी मंदिर पिछले 60 दिनों से बंद हैं. अधिकतर छोटे मंदिरों के रखरखाव का खर्चा भक्तों की ओर से मंदिर में दी जाने वाली दान दक्षिणा से ही चलता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते इन मंदिरों में कोई दान और चढ़ावा राशि नहीं आ पाई.
लाहोटी का कहना है कि ऐसे में सरकार का भी नैतिक दायित्व बनता है कि शहर में ऐसे मंदिर जो स्वयं अपना रखरखाव करते हैं और जिसका कोई ट्रस्ट या समिति संचालन भी नहीं है, उस मंदिर के पुजारी और उसके परिवार पर आए उस संकट में सरकार उनकी मदद करें. इससे छोटी काशी के नाम से पहचान रखने वाले जयपुर शहर की सनातन और वैदिक संस्कृति भी बची रहेगी.