जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायक अनीता भदेल ने प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं का मुद्दा उठाया. इस दौरान भदेल ने सरकार से दुष्कर्म के मामलों में अलग से अभियोजन विभाग के गठन करने की मांग की. भदेल ने यह भी कहा कि ऐसा करने पर दुष्कर्म पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सकेगा.
विधायक अनिता भदेल ने विधानसभा के शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि एनसीआरबी की पिछले दिनों जो रिपोर्ट आई उससे मन विचलित था, लेकिन पिछले दिनों राजधानी जयपुर में जो दो घटनाएं महिला उत्पीड़न से जुड़ी सामने आईं उससे मन विचलित भी है और यह सोचने को मजबूर भी कर दिया है कि जब राजधानी जयपुर में यह हालत है, तो प्रदेश के अन्य जिलों में क्या हालत होंगे?
अनिता बदेल ने कहा कि आज राजस्थान में महिलाओं के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है ना महिला पुलिस थाने में सुरक्षित हैं, ना अस्पताल में ना घर में और ना निर्माणाधीन मकान में. अनिता भदेल ने कहा की पिछली वसुंधरा राजे सरकार के समय बलात्कारियों को फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार के 2 साल कार्यकाल में किसी भी बलात्कारी को अब तक फांसी नहीं हुई.
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अनिता भदेल के अनुसार 41500 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 3000 से अधिक मामले तो दुष्कर्म के ही थे, लेकिन समय पर पुलिस की ओर से चालान पेश नहीं किया जाना और समय पर अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिलने से हम इन महिलाओं को न्याय दिलाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं. भदेल ने कहा कि मैं स्वयं एक महिला हूं, इसलिए इस तमाम दर्द समझती हूं. भदेल ने कहा कि इन केसों के लिए अलग से अभियोजन विभाग का गठन किया जाए और स्पेशल केस स्क्रीन की तर्ज पर अगर हम इस प्रकार के दुष्कर्म के केस की मॉनिटरिंग करें तो ना केवल अपराधी पकड़ में आएंगे, बल्कि उनको फांसी की सजा भी होगी और फांसी की सजा हुई तो अपराध करने वालों के मन में भय भी व्याप्त होगा.