जयपुर. अलवर और धौलपुर में होने वाले जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव में प्रत्याशियों के लिए प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मंथन का दौर जारी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की मौजूदगी में बैठक की जा रही है.
बैठक में प्रत्याशियों के पैनल के साथ ही इन चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा जारी है. अलवर से जुड़े भाजपा विधायकों के अनुसार इस चुनाव में बिगड़ती कानून व्यवस्था प्रमुख मुद्दा रहेंगे. दरअसल भाजपा मुख्यालय में बुधवार को धौलपुर और अलवर से जुड़े भाजपा विधायक, पूर्व विधायक, सांसद व जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और चुनाव प्रभारियों की मौजूदगी में जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों के नामों पर चर्चा हुई.
ये तमाम नेता अपने साथ अपने-अपने क्षेत्र के संभावित उम्मीदवारों के नाम का पैनल लेकर आए हैं, जिस पर चर्चा के बाद सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा. माना जा रहा है कि जिन नामों पर कोई विवाद नहीं है, उन पर पार्टी अपनी मुहर लगा देगी. जबकि बचे हुए नाम गुरुवार तक तय कर ले जाएंगे.
भाजपा विधायक बोले- नहीं दोहराएंगे गलती
बैठक में शामिल होने आए अलवर से भाजपा विधायक और अध्यक्ष संजय शर्मा और किशनगढ़ बास विधायक रामहेत यादव ने कहा कि अलवर में भाजपा एकजुट है और अब पुरानी गलतियां नहीं दोहराई जाएंगी. वहीं संजय शर्मा ने कहा कि इन चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा अलवर और मेवात क्षेत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था है, जिसमें सुधार करने में प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है.
शर्मा ने कहा अलवर में जिला परिषद और सभी 16 पंचायत समितियों में भाजपा जीतेगी. वहीं किशनगढ़ बास विधायक रामहेत यादव ने कहा कि सरकार ने ईसरदा बांध को लेकर जो डीपीआर बनाई है उसमें आधा अलवर जिला छोड़ दिया गया, जिसे इन चुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा क्योंकि सरकार आधे अलवर जिले को पानी पिलाना ही नहीं चाहती.