जयपुर. राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के तहत सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया. भाजपा विधायकों ने कार्य सलाहकार समिति के आठवें प्रतिवेदन के खिलाफ सदन से वॉकआउट किया.
विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले स्पीकर सीपी जोशी की अध्यक्षता में कार्य सलाहकार समिति की बैठक हुई. जिसमें चार अन्य संशोधन विधेयक भी जोड़े गए. जब सदन में इसका प्रतिवेदन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रखा तो भाजपा विधायक हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए. इस कार्य सलाहकार समिति के प्रतिवेदन के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेन्द्र राठौड़ और BJP प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने खड़े होकर अपनी बात कही और देखते-देखते भाजपा के तमाम विधायक अपनी कुर्सियों से खड़े हो गए.
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कटारिया ने कहा कि ये गलत है, क्योंकि बिना पूर्व में इन संशोधन विधेयक की जानकारी दिए बिना इन्हें तुरंत में सदन में रखना गलत होगा. जब तक बिल हाथ में नहीं होंगे, उस पर चर्चा कैसे करेंगे और कम से कम उसे पढ़ने का तो समय विधायकों को मिलना ही चाहिए. यही विरोध उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी किया. वहीं सतीश पूनिया ने कहा कि विपक्ष सदन में जनता से जुड़े मुद्दे उठाना चाहता था, चाहे फिर बिजली के बिल की बात हो या किसानों के बार-बार भरे जाने वाले वीसीआर की बात.
भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में जनता से जुड़े मुद्दों से भागना चाहती है. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भाजपा विधायकों के सदन से वाकआउट का ऐलान किया. हालांकि, सदन से बाहर जाकर BJP विधायक कुछ मिनट बाद वापस सदन की कार्यवाही में शामिल हो गए और संशोधन अध्यादेश की चर्चा में शामिल होकर बोलने लगे.