जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर विधेयक 2021 बहस के बाद पारित किया गया. विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए और अपना पद बचाने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री यह विधेयक लेकर आए हैं. भाजपा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर को विश्वविद्यालयों का शहर बनाने की अभिलाषा रखते हैं इसलिए यह छठा विश्वविद्यालय जोधपुर में खोला जा रहा है.
रिफाइनरी बाड़मेर में और विश्वविद्यालय जोधपुर में
दरअसल जोधपुर तकनीकी महाविद्यालय को विश्व विद्यालय में क्रमोन्नत करने के लिए यह विधेयक पारित किया गया. जोधपुर में पहले से पांच विश्वविद्यालय हैं और इसको मिलाकर 6 विश्वविद्यालय हो जाएंगे. यही कारण है कि जब इस विधेयक पर चर्चा हुई तो प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाए.
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि जोधपुर विश्वविद्यालय का शहर बन जाए लेकिन रिफाइनरी बाड़मेर में लग रही है और इसकी पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय जोधपुर में लाया गया है. उन्होंने कहा कि बाड़मेर के नेतृत्व को 'मंत्री जी' आप कमजोर ना समझें उनका यह हक आपको किसी दिन ले डूबेगा. राठौड़ ने कहा इस विधेयक में जो प्रावधान हैं उसके अनुसार सरकार कुलपतियों को अपने हाथ की कठपुतली बनाना चाहती है.
मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए लाए विधेयक
विधेयक पर चर्चा में शामिल होते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने भी उच्च शिक्षा मंत्री पर सीधा कटाक्ष किया. देवनानी ने कहा की उच्च शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री को खुश करने और अपना मंत्री पद बचाने के लिए जोधपुर में विश्वविद्यालय खोलने का विधेयक लेकर आए हैं. उन्होंने कहा की अजमेर ने आपकी कौन सी भैंस मारी है जो उसके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. देवनानी के अनुसार और बड़े जिलों में गिने-चुने विश्वविद्यालय और जोधपुर में 6 विश्वविद्यालय, वह भी जहां विश्वविद्यालय के लिए न खेल का मैदान है और न फैकल्टी की व्यवस्था. देवनानी ने कहा कि मेरी मांग है कि सरकार इस विधेयक को 6 माह के लिए जनमत जानने के लिए भेजे.
गुजरात में 12 मंत्री तो कॉलेज तक नहीं पहुंचे
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गुजरात में हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 12 मंत्री तो ऐसे हैं जो कॉलेज तक नहीं पहुंचे और कुछ तो पांचवीं से आगे नहीं बढ़ पाए. ऐसे में भाजपा को उच्च शिक्षा से कोई लेना-देना ही नहीं.
पढ़ें: राजस्थान में अब बाल विवाह का भी हो सकेगा रजिस्ट्रेशन, भाजपा ने बताया काला कानून...सदन से किया वॉकआउट
मंत्री ने गिनाई उपलब्धि और भाजपा सरकार की नाकामी
इस विधेयक के पारित होने से ठीक पहले उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने विधेयक की खासियत के साथ ही पिछली भाजपा सरकार की नाकामियों को भी गिनाया. मंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को जोधपुर में खोलने से मारवाड़ में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक और विकल्प मिलेगा और वहां की जरूरतें पूरी होगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने यह भी तय किया है कि जिस सरकारी स्कूल में 500 से ज्यादा छात्राएं अध्ययनरत है उस सरकारी विद्यालय को सरकारी कॉलेज में क्रमोन्नत किया जाएगा. ऐसे 25 स्कूल सामने आए हैं जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
भाटी ने कहा कि राजस्थान में आजादी के बाद 26 सरकारी विश्वविद्यालय खुले जिनमें से 21 सरकारी विश्वविद्यालय कांग्रेस सरकार के शासनकाल में बनाए गए. जबकि 5 सरकारी विश्वविद्यालय भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्थापित किए गए. भाटी ने कहा की पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के 5 साल में 81 नए कॉलेज खोलने की घोषणा हुई लेकिन गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल में ही 123 सरकारी कॉलेज खोले गए. इससे पहले सदन में रजिस्ट्रीकरण राजस्थान संशोधन विधेयक 2021 भी चर्चा के बाद पारित किया गया.