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'तबादलों के पैसे देने पड़ते हैं': पूनिया बोले-कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार, राठौड़ बोले- दिखा सरकार का भ्रष्ट चेहरा..

सीएम अशोक गहलोत के सामने ​शिक्षकों ने तबादलों के लिए पैसे देने की बात क्या स्वीकारी, प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस पर कहा कि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार, शिष्टाचार बन गया. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चुटकी लेते हुए कहा कि शिक्षकों ने सरकार के भ्रष्ट चेहरे को दिखाया है.

Bjp on money for teachers transfer
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Published : Nov 16, 2021, 6:48 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 10:59 PM IST

जयपुर. राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शिक्षकों से पैसे लेकर तबादले होने से जुड़ा सवाल पूछने पर सियासी उबाल आ गया है. भाजपा ने इस घटनाक्रम को लेकर गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन गया है. तो वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौड़ ने कहा 30 शिक्षकों ने आज सरकार के भ्रष्ट चेहरे को दिखाया है.

पूनिया ने जयपुर के बिरला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान हुई इस घटनाक्रम को लेकर ट्वीट किया जिसमें लिखा कि राहुल गांधी की कांग्रेस के राज में भ्रष्टाचार शिष्टाचार हो गया है. राज्य लोक सेवा आयोग, कांग्रेस लोक सेवा आयोग हो गया है. प्रशासन रिश्तेदारों के संग अभियान चल रहा है. कांग्रेस राज की फितरत ही ऐसी है. पूनिया ने कहा कि गहलोत ने समारोह के दौरान इस प्रकार का प्रयोग क्यों किया? यह अलग बात है. लेकिन अब प्रमाणित हो चुका है कि राजस्थान की सरकार अखंड भ्रष्टाचार में डूबी है.

तबादलों के पैसे पर पूनिया का हमला

पढ़ें: मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा- तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं ? शिक्षकों ने एक स्वर में कहा- हां..

गहलोत राज में बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री-राजेन्द्र राठौड़

इस मामले में राठौड़ ने भी ट्वीट कर प्रदेश की गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला. राठौड़ ने लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्रांसफर के लिए पैसे देने की बात पूछी, तो कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों ने एक स्वर में 'हां' में जवाब दिया. राठौड़ ने कहा शिक्षक समाज का दर्पण होता है, जो कभी झूठ नहीं बोल सकते. आज शिक्षकों ने सरकार का भ्रष्ट चेहरा सभी को दिखाया है. राठौड़ ने कहा कि जन घोषणा पत्र में 'Zero Discretion, Zero Corruption & Zero Tolerance' के सिद्धांत पर काम करने का वादा करने वाली गहलोत सरकार के शासन में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है, जिसमें सभी गोते लगा रहे हैं. आज हमारे शिक्षकों ने मुखिया जी को इस हकीकत से भी रूबरू करवा दिया है.

पढ़ें: Upen Yadav का जयपुर में लंबित मांगों के लिए अनूठा विरोध: बेरोजगारों ने स्टॉल लगाकर बेचे पकौड़े, जताया सरकार का विरोध

राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग तो एक बानगी है. कांग्रेस राज में किसी भी सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो या अन्य कार्य, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 64 % नागरिकों ने भी स्वीकारा है कि सरकार में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करवाया जा सकता है. राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग तो एक बानगी है. कांग्रेस राज में किसी भी सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो या अन्य कार्य, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 64 फीसदी नागरिकों ने भी स्वीकारा है कि सरकार में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करवाया जा सकता है.

शिक्षकों ने खोली कांग्रेस की पोल- देवनानी

पूर्व शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता वासुदेव देवनानी ने भी ट्वीट कर सरकार को शिक्षकों से ट्रांसर्फर के पैसे लेने के मामले में घेरा. देवनानी ने लिखा,'भ्रष्टाचार का दूसरा नाम कांग्रेस है. इसका उदाहरण और क्या हो सकता है. गहलोत जी ने जब अध्यापकों से पूछा कि क्या ट्रांसफर-पोस्टिंग के पैसे तो नही देने पड़ते? तो सारे अध्यापकों ने एक स्वर में बोल दिया देने पड़ते हैं. शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों ने कांग्रेस की पोल खोल दी.'

गौरतलब है कि जयपुर के बिरला सभागार में हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में गहलोत ने शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में शिक्षकों से यह सवाल पूछा था. उसके बाद अब इस घटनाक्रम को लेकर ही प्रदेश में सियासी बवाल मच गया है.

पढ़ें. राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर CM गहलोत ने दिए संकेत , कहा- अब जल्द ही होगा हमारा भी शपथ ग्रहण समारोह

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश में पिछले 3 साल से भ्रष्टाचार का खेला चरम पर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुंह पर शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण-पोस्टिंग पैसे देकर होने की बात कहना इस बात का प्रमाण है. देवनानी ने कहा कि थोड़ी बहुत भी नैतिकता बची हो तो तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा तृतीय श्रेणी अध्यापक के पदनाम को बदलने की बात कर रहे हैं जबकि प्रदेश में व्यवस्था बदलने की दिशा में प्रयत्न की आवश्यकता है. लेकिन पता नहीं क्यों शिक्षा मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री जानते हुए भी भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति आंखें मूंदे बैठे हैं. इसका जवाब दो प्रदेश की जनता समय आने पर उनसे लेगी.

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी किया ट्वीट

इस मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट करते हुए राज्य सरकार पर कटाक्ष किया. किरोड़ी ने लिखा कि मुख्यमंत्री जी, क्या सच में आपको पता नहीं है कि शिक्षकों के तबादले, रीट भर्ती सभी में आजकल पैसा ही काम रहा है और आपके जूं तक नहीं रेंग रही. अब तो मान भी जाइए, आज तो आपने अपने ही कानों से सुन लिया. क्या अब आप ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों को बर्खास्त करेंगे ? या आपकी मिलीभगत है ?

जयपुर. राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शिक्षकों से पैसे लेकर तबादले होने से जुड़ा सवाल पूछने पर सियासी उबाल आ गया है. भाजपा ने इस घटनाक्रम को लेकर गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन गया है. तो वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौड़ ने कहा 30 शिक्षकों ने आज सरकार के भ्रष्ट चेहरे को दिखाया है.

पूनिया ने जयपुर के बिरला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान हुई इस घटनाक्रम को लेकर ट्वीट किया जिसमें लिखा कि राहुल गांधी की कांग्रेस के राज में भ्रष्टाचार शिष्टाचार हो गया है. राज्य लोक सेवा आयोग, कांग्रेस लोक सेवा आयोग हो गया है. प्रशासन रिश्तेदारों के संग अभियान चल रहा है. कांग्रेस राज की फितरत ही ऐसी है. पूनिया ने कहा कि गहलोत ने समारोह के दौरान इस प्रकार का प्रयोग क्यों किया? यह अलग बात है. लेकिन अब प्रमाणित हो चुका है कि राजस्थान की सरकार अखंड भ्रष्टाचार में डूबी है.

तबादलों के पैसे पर पूनिया का हमला

पढ़ें: मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा- तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं ? शिक्षकों ने एक स्वर में कहा- हां..

गहलोत राज में बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री-राजेन्द्र राठौड़

इस मामले में राठौड़ ने भी ट्वीट कर प्रदेश की गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला. राठौड़ ने लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्रांसफर के लिए पैसे देने की बात पूछी, तो कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों ने एक स्वर में 'हां' में जवाब दिया. राठौड़ ने कहा शिक्षक समाज का दर्पण होता है, जो कभी झूठ नहीं बोल सकते. आज शिक्षकों ने सरकार का भ्रष्ट चेहरा सभी को दिखाया है. राठौड़ ने कहा कि जन घोषणा पत्र में 'Zero Discretion, Zero Corruption & Zero Tolerance' के सिद्धांत पर काम करने का वादा करने वाली गहलोत सरकार के शासन में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है, जिसमें सभी गोते लगा रहे हैं. आज हमारे शिक्षकों ने मुखिया जी को इस हकीकत से भी रूबरू करवा दिया है.

पढ़ें: Upen Yadav का जयपुर में लंबित मांगों के लिए अनूठा विरोध: बेरोजगारों ने स्टॉल लगाकर बेचे पकौड़े, जताया सरकार का विरोध

राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग तो एक बानगी है. कांग्रेस राज में किसी भी सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो या अन्य कार्य, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 64 % नागरिकों ने भी स्वीकारा है कि सरकार में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करवाया जा सकता है. राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग तो एक बानगी है. कांग्रेस राज में किसी भी सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो या अन्य कार्य, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 64 फीसदी नागरिकों ने भी स्वीकारा है कि सरकार में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करवाया जा सकता है.

शिक्षकों ने खोली कांग्रेस की पोल- देवनानी

पूर्व शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता वासुदेव देवनानी ने भी ट्वीट कर सरकार को शिक्षकों से ट्रांसर्फर के पैसे लेने के मामले में घेरा. देवनानी ने लिखा,'भ्रष्टाचार का दूसरा नाम कांग्रेस है. इसका उदाहरण और क्या हो सकता है. गहलोत जी ने जब अध्यापकों से पूछा कि क्या ट्रांसफर-पोस्टिंग के पैसे तो नही देने पड़ते? तो सारे अध्यापकों ने एक स्वर में बोल दिया देने पड़ते हैं. शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों ने कांग्रेस की पोल खोल दी.'

गौरतलब है कि जयपुर के बिरला सभागार में हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में गहलोत ने शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में शिक्षकों से यह सवाल पूछा था. उसके बाद अब इस घटनाक्रम को लेकर ही प्रदेश में सियासी बवाल मच गया है.

पढ़ें. राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर CM गहलोत ने दिए संकेत , कहा- अब जल्द ही होगा हमारा भी शपथ ग्रहण समारोह

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश में पिछले 3 साल से भ्रष्टाचार का खेला चरम पर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुंह पर शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण-पोस्टिंग पैसे देकर होने की बात कहना इस बात का प्रमाण है. देवनानी ने कहा कि थोड़ी बहुत भी नैतिकता बची हो तो तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा तृतीय श्रेणी अध्यापक के पदनाम को बदलने की बात कर रहे हैं जबकि प्रदेश में व्यवस्था बदलने की दिशा में प्रयत्न की आवश्यकता है. लेकिन पता नहीं क्यों शिक्षा मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री जानते हुए भी भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति आंखें मूंदे बैठे हैं. इसका जवाब दो प्रदेश की जनता समय आने पर उनसे लेगी.

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी किया ट्वीट

इस मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट करते हुए राज्य सरकार पर कटाक्ष किया. किरोड़ी ने लिखा कि मुख्यमंत्री जी, क्या सच में आपको पता नहीं है कि शिक्षकों के तबादले, रीट भर्ती सभी में आजकल पैसा ही काम रहा है और आपके जूं तक नहीं रेंग रही. अब तो मान भी जाइए, आज तो आपने अपने ही कानों से सुन लिया. क्या अब आप ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों को बर्खास्त करेंगे ? या आपकी मिलीभगत है ?

Last Updated : Nov 16, 2021, 10:59 PM IST
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