जयपुर. राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सहित 15 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर साथ होने का आश्वासन दिया. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के नेताओं पर सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल पर अलोकतांत्रिक तरीके से दबाव बनाने का आरोप लगाया. साथ ही राजभवन के घेराव को लेकर राज्यपाल के बयान पर बीजेपी ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है.
राजस्थान की राजनीति में शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया हैः पूनिया
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि हमने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें इस बात को लेकर आश्वस्त किया है कि जिस तरीके से प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक उनके साथ विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर दबाव बना रहे हैं, उस दबाव में वह नहीं आए. प्रदेश की कोरोना के हालातों को देखते हुए निर्णय लें.
पूनिया ने कहा कि राजस्थान की राजनीति में शर्मसार कर देने वाला दृश्य देखने को मिला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग का भी जिम्मा है, उसके बाद वह जनता की ओर से राजभवन घेरने जैसा बयान देते हैं और उसमें कहते हैं कि अगर जनता राजभवन का घेराव करती है तो उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी.
सतीश पूनिया ने कहा कि इस तरह के बयान से साफ समझ में आता है कि किस तरीके से प्रदेश की कांग्रेस मौजूदा वक्त में साजिश कर रही है. यही वजह है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खुद की सुरक्षा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हम सभी ने मिलकर ज्ञापन दिया है और उनसे कहा है कि प्रदेश में कोरोना विकराल रूप ले चुका है, जनता को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकते, इसलिए आप जो भी निर्णय लें वह हमारे लिए सर्वमान्य होगा.
सीएम विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर दबाव बना रहे हैंः कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर दबाव बना रहे हैं, जबकि राज्यपाल सत्र बुलाने की क्या विशेष वजह है. उसका कारण पूछ रहे हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का विधायकों के साथ राजभवन का घेराव करना कलंकित करने वाली घटना है.
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कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस तरीके से अपने विधायकों के साथ मिलकर विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर दबाव बना रहे हैं और राज्यपाल को बाध्य करने की कोशिश कर रहे हैं, यह संविधान को कलंकित करता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह के भाषा का इस्तेमाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर किया है, उसको लेकर यह दर्शाता है कि वह किस तरीके से प्रदेश की कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम हो रहे हैं. ऐसे मुख्यमंत्री को तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
मुख्यमंत्री विधायकों को बंद करके बैठे हुए हैंः राठौड़
विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि जब विधानसभा स्थगित की गई थी, उस वक्त विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस बात का हवाला दिया गया था कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में विधानसभा सत्र को जारी रखना ठीक नहीं है. कोरोना मामलों को देखते हुए विधानसभा सत्र स्थगित किया गया था, लेकिन मौजूदा वक्त में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 30 हजार पार कर चुकी है.
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में हर दिन सैकड़ों की संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. जब प्रदेश में कोरोना संख्या लगातार बढ़ रही है तो ऐसे माहौल में विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करना है कहां तक ठीक है. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री विधायकों को बंद करके बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इतना ही भरोसा है अपने विधायकों के ऊपर तो खुला छोड़ दें, पता लग जाएगा कि कौन बैठेगा.