जयपुर. प्रदेश में कोरोना संकट के समय भी सियासत अपने पूरे चरम पर है. समय के साथ राजनीतिक स्तर पर होने वाले सेवा कार्यों की रफ्तार भले ही धीमी पड़ गई हो, लेकिन सियासी आरोप-प्रत्यारोप की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई है. भाजपा प्रदेश मंत्री और प्रतिपक्ष के उपनेता के बाद अब जयपुर शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी ने भी विशेष श्रेणी के जरूरतमंदों को राहत देने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से किए जा रहे सर्वे पर सवाल उठाए हैं.
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कोठारी ने राशन सहायता के लिए नाई, धोबी, कुम्हार, रिक्शा चालक, बैंड वाला, पुजारी आदि स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति परिवारों को चिन्हित कर राशन सामग्री पहुंचाने के लिए हो रहे सर्वे को पूरी तरह झूठा और असत्य बताया है. कोठारी के अनुसार प्रदेश सरकार को कोरोना संकट के लगभग 55 दिन बाद विशेष श्रेणी परिवार की याद आई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में 20 मई को और शहरी क्षेत्र में 24 मई तक यह सर्वे पूरा करवाने की अंतिम तारीख रखी गई है.
उनके अनुसार अब तक सरकार सर्वे तक प्रारंभ नहीं करवा पाई, जिससे सरकार की मंशा में खोट नजर आती है. उनके अनुसार प्रदेश सरकार का प्रारंभिक आदेश ही विवादास्पद है, जिसमें केवल जनआधार कार्ड, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मोबाइल ऐप में पंजीकृत लोगों का ही सर्वे कर रख देने की बात कही गई थी, जबकि वास्तविक धरातल पर विशेष श्रेणी के व्यक्ति और परिवारों को न तो मोबाइल ऐप का नाम पता है, ना ही रसद का पता है और ना सरकार ने इसे व्यापक तौर पर प्रचारित किया है.
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कोठारी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वे पीड़ितों को अलग-अलग श्रेणी में ना बांटते हुए रसद का समुचित वितरण कराएं और स्वयं द्वारा घोषित विशेष श्रेणी योजना और मोबाइल एप्लीकेशन ऐप को बड़े स्तर पर प्रचारित करें, जिससे जरूरतमंद स्वरोजगार पीड़ित स्वयं रजिस्टर कर सके और सरकारी लाभ ले सके.