जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एनएचएम की ओर से चीनी कम्पनी से एंटी रैबीज इम्यूनोग्लॉबिन खरीदने के फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि जिस कम्पनी के दस्तावेजों पर राज्य के ड्रग विभाग और आरएमएससीएल को आपत्ति है उसी कम्पनी को ऑर्डर देने का एनएचएम अधिकारियों का निर्णय हैरत की बात है, उसे तुरन्त रद्द किया जाए.
सराफ ने एक बयान जारी कर बताया कि आरएमएससीएल ने एंटी रैबीज के लिए 30 जुलाई 2020 को टेंडर निकले थे, जिसमें चीनी कम्पनी ने भी आवेदन किया था. दस्तवेजों की जांच करने पर सामने आया कि कम्पनी के दस्तावेज सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोड्क्टस डब्लूएचओ के अनुरूप नहीं हैं. आरएमएससीएल ने ड्रग विभाग से राय मांगी तो ड्रग विभाग ने भी कहा कि कम्पनी मानकों को पूरा नहीं करती और कम्पनी के दस्तावेज सीडीएससीओ की गाइड लाइन के अनुरूप नहीं हैं.
सराफ ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि ड्रग विभाग और आरएमएससीएल की आपत्ति के बावजूद एनएचएम के अधिकारी नाजायज फायदा पहुंचाने की नियत से जोड़ तोड़ करके उसी चीनी कम्पनी को ऑर्डर देने में जुटे हैं, जबकि अन्य दो कम्पनियों की रेट्स भी अप्रूव हो चुकी हैं, लेकिन चीनी कम्पनी के चक्कर में चार महीने से उन्हें कोई ऑर्डर नहीं दिया है. एनएचएम अधिकारियों का यह रवैया अनेक सवाल खड़े करता है.
सराफ ने कहा कि संक्रमण और ब्लैक फंगस (म्युकोर माइकोसिस) के कारण प्रदेश में सैकड़ों मरीजों की जान खतरे में पड़ी हुई है. ऐसे में अधिकारियों की ओर से मनमानी करते हुए अमानक चीनी कम्पनी से जीवन रक्षक दवाएं खरीदने का निर्णय सर्वथा अनुचित है. सराफ ने मांग कि है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करके एनएचएम अधिकारियों की ओर से चीनी कम्पनी को दिए ऑर्डर को रद्द करने के आदेश प्रदान करें.