जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कोरोना वायरस उपचार की व्यवस्था को लेकर भेदभाव और क्षेत्रवाद का आरोप लगाया है. इसके साथ ही सराफ ने मीडिया में कुछ आंकड़े भी प्रस्तुत किए और साथ ही यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी पूरे प्रदेश के लिए होती है, इसलिए इस महामारी के दौरान समान रूप से व्यवस्थाएं करनी चाहिए.
कालीचरण सराफ के अनुसार भेदभाव जोधपुर और जयपुर की जनता के साथ किया जा रहा है. सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि राजधानी जयपुर में कोरोना वायरस के हालात नियंत्रण से बाहर हो गया है. अब जल्द ही विस्फोटक स्थिति सामने आने वाली है. उन्होंने कहा कि जयपुर की आबादी करीब 30 लाख है और केवल 3 लाख 20 हजार के करीब ही टेस्ट हुए हैं, जो आबादी का 10% है.
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वहीं जोधपुर की आबादी करीब 10 लाख थी और टेस्ट 3 लाख 50 हजार के करीब हो चुके हैं, जो कुल आबादी का 35% हैं. कालीचरण सराफ ने यह भी कहा कि जयपुर की रिकवरी रेट भी प्रदेश में जोधपुर से कम है, जो चिंताजनक है.
सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़ाने की मांग की
कालीचरण सराफ ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तमाम दावों की पोल खुलने लगी है क्योंकि जयपुर में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन युक्त आईसीयू बेड की जबरदस्त कमी दिखाई देने लगी है. जिससे कोरोना के मरीज इलाज लेने में सक्षम नहीं हो पा रहे और मुख्यमंत्री केवल घोषणा कर रहे हैं. जबकि स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है. सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग करते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या में वृद्धि की जाए.
कहा-कोरोना संक्रमितों को दर-दर भटकना पड़ता है
वहीं पूर्व चिकित्सा मंत्री ने मांग की कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक भी लगे और उनको इलाज के लिए अधिग्रहित कर उपयोग में लिया जाए. सराफ ने कहा RUHS अस्पताल में 225 बेड की व्यवस्था है. जबकि प्रतिदिन 20 से 25 मरीज वहां से लौटते हैं क्योंकि उन्हें वहां बेड नहीं मिल पाता है.
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कोरोना संक्रमित मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. जिससे कोरोना मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है और मृत्यु दर भी बढ़ रही है. सराफ ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे केवल जोधपुर ही नहीं संपूर्ण राजस्थान के मुख्यमंत्री है. ऐसे में उन्हें प्रदेश के अन्य शहरों की भी व्यवस्थाएं मजबूत करना चाहिए.