जयपुर. कालीचरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा जो बयान दिए जा रहे हैं वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं. सराफ के अनुसार इतने गंभीर देशव्यापी मुद्दे पर भी कांग्रेस पार्टी में आपसी तालमेल नहीं होना कांग्रेस के भीतर की फूट को दर्शाता है.
सराफ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित धरने में प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री पर की गई टिप्पणी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मानसिक दिवालियापन का परिचायक है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुने हुए प्रधानमंत्री के बारे में दिया गया मुख्यमंत्री का यह बयान लोकतंत्र ही नहीं, बल्कि देश की जनता का भी अपमान है. सराफ ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश के वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड समय में कोरोना वैक्सीन तैयार की है, जिसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस वैक्सीन की मंजूरी को सुखद बताते हैं और जल्द ही राजस्थान में वैक्सीनेशन शुरू करने की बात भी कह रहे हैं.
लेकिन कांग्रेस पार्टी के शशि थरूर और जयराम रमेश जैसे कुछ नेता केवल विरोध के लिए विरोध करने हेतु अनर्गल बयानबाजी करते हैं. जिससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रहित के मुद्दों पर भी एकराय नहीं रखती. सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केंद्र सरकार को नकारा, निकम्मी और संवेदनहीन कहने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान उनकी कुंठा को जाहिर करता है. सराफ ने कहा कि सरकार चलाने में नाकाम रहने और पार्टी की आंतरिक कलह में फंस कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब अपना संयम खो चुके हैं और सार्वजनिक जीवन के नैतिक मूल्यों को त्याग कर शब्दों का चयन करना भी भूल चुके हैं.
पूर्व में अपनी ही पार्टी के प्रमुख नेता और राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को सार्वजनिक रूप से नकारा और निकम्मा बताकर मुख्यमंत्री ये बात पहले ही सिद्ध कर चुके हैं. सराफ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की गलतफहमी दूर होने का बयान देते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में पंचायत चुनाव के दौरान जनता ने कांग्रेस को आईना दिखाते हुए कांग्रेस की ही गलतफहमी दूर कर दी थी.