जयपुर. उदयपुर में भाजपा सांसद किरोडी लाल मीणा के साथ हुई पुलिस के बर्ताव के मामले में भाजपा भड़क (BJP furious over misbehavior with Kirodi Lal Meena) गई है. इस घटना के विरोध में भाजपा अनुसूचित जनजाति शुक्रवार को मंडल और जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेगी. वहीं गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया ने इस मामले में प्रदेश गहलोत सरकार पर विद्वेष की राजनीति करने का आरोप लगाया.
सतीश पूनिया ने कहा राजस्थान में भी विद्वेष राजनीति की शुरुआत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है. इसका परिणाम भी इस सरकार को भुगतना पड़ेगा. प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला है. कटारिया ने कहा कि पुलिस ने सांसद किरोड़ी मीणा के साथ जिस प्रकार का बर्ताव किया वो एक तरीके से लोकतंत्र की गरिमा का अपमान है. कटारिया ने कहा कि यदि एक सांसद अपने बनाए गए कार्यक्रम के अनुरूप कहीं पर भी आना जाना चाहे तो उसको रोकने का अधिकार किसी का नहीं है. लेकिन उदयपुर में चिंतन शिविर के चलते किरोड़ी लाल मीणा को रोका गया वापस उदयपुर से बाहर भेजा गया जो निंदनीय है.
गहलोत सरकार की भी विदाई हुई तयः प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इसे लोकतंत्र और संविधान का अपमान बताया. राठौड़ ने कहा कि क्या उदयपुर में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ही आने का अधिकार है. राठौड़ ने बोला कि हम सब किरोड़ी लाल मीणा के साथ हैं और मीणा के साथ उदयपुर आएंगे और सरकार की छाती पर पैर रखेंगे. राठौड़ ने कहा जिस प्रकार किरोड़ी लाल मीणा को उदयपुर से जबरन बाहर भेजा गया है उसके साथ ही गहलोत सरकार ने भी राजस्थान से अपनी विदाई की शुरुआत कर दी है.
बता दें कि गुरुवार को भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा उदयपुर में अपने एक मित्र के शोक संतप्त परिवार से मिलने गए थे. लेकिन इस दौरान पुलिस ने उनकी घेराबंदी कर ली और मीणा के साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें उदयपुर से बाहर जाने का दबाव बनाया. जिसके बाद अब भाजपा नेता इस घटना के विरोध में लामबंद हो गए हैं.