जयपुर. जयपुर में हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शिक्षकों से यह पूछना कि क्या पैसे लेकर तबादले होते हैं, अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री की मंशा पर भी सवाल खड़े किए हैं. भाजपा ने कहा है कि जब सीएम गहलोत के पूछने पर शिक्षकों ने ही स्वीकार कर लिया कि पैसे लेकर तबादले होते हैं तो गहलोत को नैतिकता के आधार पर शिक्षा मंत्री से इस्तीफा मांग लेना चाहिए.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री पर जुबानी हमला बोला है. शर्मा ने कहा कि समारोह में शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री का यह सवाल पूछना और शिक्षकों का इस पर रजामंदी देते हुए यह कहना कि हां रुपए देकर ट्रांसफर होते हैं अपने आप में सरकार और विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है.
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शर्मा ने कहा अब जब शिक्षकों ने स्वीकार कर ही लिया है कि पैसे देकर ही तबादले होते हैं तो फिर कैबिनेट की बैठक से पहले ही नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री अपने मंत्री से इस्तीफा ले लेना चाहिए. रामलाल शर्मा ने कहा कि समारोह में मुख्यमंत्री के शिक्षकों से सवाल पूछना भी अपने आप में एक अंदरूनी सियासत की ओर इशारा कर रहा है. गौरतलब है कि जयपुर के बिरला सभागार में हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में शिक्षकों से यह सवाल पूछा था. उसके बाद अब इस घटनाक्रम को लेकर ही प्रदेश में सियासी बवाल मच गया है.