जयपुर. प्रदेश में हाल ही में जयपुर, जोधपुर और बीकानेर में नवगठित 6 नगर निगमों के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी की थी. एक बार फिर प्रदेश में हो रहे 50 नगरीय निकायों के चुनाव में भाजपा प्रशिक्षण वर्ग के नाम पर अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी करने जा रही है. कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े वीडियो के वायरल होने के बाद भाजपा नेता इन छोटे चुनाव में भी पूरी तरह सचेत और सावधान रहने की बात कह रहे है.
ये है डर, जिसके चलते की जाएगी बाड़ेबंदी
दरअसल हाल ही में हुए कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के खरीद-फरोख्त से जुड़े वायरल वीडियो के बाद भाजपा नेताओं को इन छोटे चुनावों में भी अपने पार्षदों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है. यही कारण है कि पार्टी के भीतर इस बात की प्लानिंग बन चुकी है कि इन इकाइयों में पार्षदों के चुनाव परिणाम आने के 1 दिन पहले यानी 12 दिसंबर से बीजेपी अपने पार्षदों को प्रशिक्षण वर्ग के नाम पर एक जगह एकत्रित करेंगी.
20 दिसंबर को निकाय प्रमुख और 21 दिसंबर को निकाय उप प्रमुख के चुनाव तक यह पार्षद बाड़ेबंदी में रहेंगे और उसके बाद इन्हें फ्री कर दिया जाएगा. भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक वासुदेव देवनानी के अनुसार बीजेपी पहले भी चुनाव में अपने पार्षदों को प्रशिक्षण देती रही है और इस बार भी देगी. वहीं मौजूदा हालातों में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस द्वारा पार्षदों की खरीद-फरोख्त की संभावना भी देवनानी ने जताई.
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वर्तमान में 50 नगरीय निकायों के चुनाव है. जिनमें कई छोटी नगर पालिकाए भी शामिल है, लेकिन इन छोटे चुनाव में भी भाजपा ने अपने बड़े-बड़े दिग्गजों को चुनाव व्यवस्था संभालने के लिए मैदान में उतारा है. ऐसे में पार्टी से जुड़े यह नेता मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी प्रकार की रिस्क लेने के मूड में नहीं है. हालांकि यह बात और है कि इन चुनाव में जनता भाजपा को कितना समर्थन करती है, यह तो चुनाव परिणाम बताएंगे.
महेंद्रजीत मालवीय वायरल वीडियो मामला: भाजपा ने कहा- गहलोत जनता और विधायकों का खो चुके हैं विश्वास, दे पद से इस्तीफा
पंचायती राज चुनाव के दौरान बागीदौरा से कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बीपीटी विधायको के खरीद-फरोख्त से जुड़े वायरल वीडियो पर सियासत गरमा गई है. अब भाजपा ने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह घटनाक्रम इस बात का सबूत है कि मुख्यमंत्री गहलोत जनता और विधायकों का विश्वास खो चुके हैं, ऐसे में उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. देवनानी ने कहा कि महेंद्रजीत सिंह मालवीय मुख्यमंत्री के नजदीकी विधायकों में शामिल है, लेकिन जिस प्रकार उन्होंने बीपीटी विधायकों को 5-5 करोड़ रुपए देकर खरीदने की बात कही, उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पद पर से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
देवनानी ने कहा मौजूदा परिस्थितियों में यह भी साबित हो चुका है कि गहलोत के पास प्रदेश सरकार चलाने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं है. देवनानी ने कहा कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को प्रलोबन देकर अपने साथ लिया और फिर बीपीटी विधायको की खरीद फरोख्त की.
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देवनानी ने कहा कि पिछले दिनों जब प्रदेश सरकार पर सियासी संकट आया तब कांग्रेस सरकार ने बिना किसी आधार के भाजपा नेता हो और तो और केंद्रीय मंत्रियों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा दी है, लेकिन अब जब खुद कांग्रेस के विधायक जनसभा में खुले तौर पर बीपीटी विधायकों के खरीद-फरोख्त की बात कह रहे हैं, तब ना तो सरकार कोई जांच करवा रही है और ना कार्रवाई की जा रही है.