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भाजपा प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी : मतगणना के बाद जीत का सर्टिफिकेट लेने आने की भी नहीं मिलेगी छूट

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Published : Nov 2, 2020, 6:13 PM IST

नगर निगम चुनावों के बाद भाजपा ने अपने पार्षद प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी कर दी है. जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि प्रत्याशियों को मतगणना के दिन यदि जीत का तोहफा मिलता है तो भी उन्हें सर्टिफिकेट लेने के लिए मतगणना स्थल तक जाने की छूट नहीं मिलेगी. जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए भी इलेक्शन एजेंट को अधिकृत किया गया है.

councilor candidates in badabandi,  nagar nigam election 2020
भाजपा प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने अपने नगर निगम से जुड़े प्रत्याशियों के प्रशिक्षण वर्ग के नाम पर बाड़ेबंदी तो कर ली, लेकिन बाड़ेबंदी में जाने वाले प्रत्याशियों को मतगणना के दिन यदि जीत का तोहफा मिलता है तो भी उसका सर्टिफिकेट लेने के लिए मतगणना स्थल तक जाने की छूट नहीं मिलेगी. जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा का तो यही कहना है.

जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए भी इलेक्शन एजेंट को अधिकृत किया जाएगा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राघव शर्मा ने कहा कि मतगणना के दौरान संबंधित प्रत्याशी की जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए भी इलेक्शन एजेंट को अधिकृत किया गया है. मतलब 3 नवंबर को यह इलेक्शन एजेंट ही जीत का सर्टिफिकेट लेने मतगणना स्थल पहुंचेंगे.

पढ़ें: हम करें तो बाड़ेबंदी, बीजेपी करे तो सांस्कृतिक आदान-प्रदान: रघु शर्मा

डर नहीं सामान्य प्रक्रिया है प्रशिक्षण वर्ग...

राघव शर्मा के अनुसार पार्षदों का प्रशिक्षण वर्ग केवल इन चुनावों में ही नहीं बल्कि सांसद विधायक आदि के चुनाव के दौरान भी प्रत्याशियों को पार्टी के स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता है. शर्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण वर्ग के दौरान भाजपा के प्रत्याशियों के व्यवहार आचरण आदि से जुड़ी बारीकियों पर ध्यान देंगे और इस दौरान उन्हें बीजेपी की रीति नीति आदि की भी जानकारी देंगे.

राघव शर्मा से पूछा गया कि क्या पार्षद चुनाव और महापौर चुनाव के बीच जो 8 से 9 दिन का गैप लिया गया है, उसको लेकर भाजपा नेताओं में डर है. तब शर्मा ने कहा की जो गैप दिया गया है, उसके पीछे सरकार की मंशा सही नहीं रही. लेकिन बीजेपी को इन 9 दिनों में अपने प्रत्याशियों को प्रशिक्षण देने का समय मिल गया ताकी जो निर्वाचित होकर नगर निगम तक पहुंचेंगे वह ठीक ढंग से जनता की सेवा कर सके.

पढ़ें: बैंसला कहेंगे तो शुरू कर देंगे हाड़ौती में आंदोलन...

पहले लगाते थे आरोप लेकिन अब खुद सवालों के घेरे में...

राजस्थान में जब राजनीतिक संकट चल रहा था तब बीजेपी के तमाम नेता गहलोत सरकार के खिलाफ आरोप लगाते थे कि सरकार ने विधायकों को एक होटल में बाड़ेबंदी करके रखा हुआ है लेकिन अब ठीक यही स्थिति बीजेपी के साथ भी है. बीजेपी पार्षद प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी कर रही है लेकिन जब यही सवाल जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा दोनों स्थिति परिस्थितियां अलग-अलग हैं. क्योंकि वहां पर निर्वाचित विधायकों को सरकार बचाने के लिए रखा गया था लेकिन यहां पर हम प्रत्याशियों को प्रशिक्षण के लिए रख रहे हैं और यह प्रशिक्षण आज पहली बार नहीं हो रहा बल्कि हर बार चुनाव के दौरान होता है.

सीकर रोड पर होटल में होगी बाड़ेबंदी...

जयपुर नगर निगम ग्रेटर से जुड़े भाजपा प्रत्याशियों को सीकर रोड स्थित होटल चौमू पैलेस में प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ेबंदी में रखा जा रहा है. संभवत माना जा रहा है महापौर चुनाव तक इन प्रत्याशियों को प्रशिक्षण वर्ग के नाम पर रखा जाएगा. इस दौरान चुनाव का रिजल्ट आने पर जो प्रत्याशी हार जाएंगे उन्हें इस प्रशिक्षण वर्ग से फ्री कर दिया जाएगा.

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने अपने नगर निगम से जुड़े प्रत्याशियों के प्रशिक्षण वर्ग के नाम पर बाड़ेबंदी तो कर ली, लेकिन बाड़ेबंदी में जाने वाले प्रत्याशियों को मतगणना के दिन यदि जीत का तोहफा मिलता है तो भी उसका सर्टिफिकेट लेने के लिए मतगणना स्थल तक जाने की छूट नहीं मिलेगी. जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा का तो यही कहना है.

जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए भी इलेक्शन एजेंट को अधिकृत किया जाएगा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राघव शर्मा ने कहा कि मतगणना के दौरान संबंधित प्रत्याशी की जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए भी इलेक्शन एजेंट को अधिकृत किया गया है. मतलब 3 नवंबर को यह इलेक्शन एजेंट ही जीत का सर्टिफिकेट लेने मतगणना स्थल पहुंचेंगे.

पढ़ें: हम करें तो बाड़ेबंदी, बीजेपी करे तो सांस्कृतिक आदान-प्रदान: रघु शर्मा

डर नहीं सामान्य प्रक्रिया है प्रशिक्षण वर्ग...

राघव शर्मा के अनुसार पार्षदों का प्रशिक्षण वर्ग केवल इन चुनावों में ही नहीं बल्कि सांसद विधायक आदि के चुनाव के दौरान भी प्रत्याशियों को पार्टी के स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता है. शर्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण वर्ग के दौरान भाजपा के प्रत्याशियों के व्यवहार आचरण आदि से जुड़ी बारीकियों पर ध्यान देंगे और इस दौरान उन्हें बीजेपी की रीति नीति आदि की भी जानकारी देंगे.

राघव शर्मा से पूछा गया कि क्या पार्षद चुनाव और महापौर चुनाव के बीच जो 8 से 9 दिन का गैप लिया गया है, उसको लेकर भाजपा नेताओं में डर है. तब शर्मा ने कहा की जो गैप दिया गया है, उसके पीछे सरकार की मंशा सही नहीं रही. लेकिन बीजेपी को इन 9 दिनों में अपने प्रत्याशियों को प्रशिक्षण देने का समय मिल गया ताकी जो निर्वाचित होकर नगर निगम तक पहुंचेंगे वह ठीक ढंग से जनता की सेवा कर सके.

पढ़ें: बैंसला कहेंगे तो शुरू कर देंगे हाड़ौती में आंदोलन...

पहले लगाते थे आरोप लेकिन अब खुद सवालों के घेरे में...

राजस्थान में जब राजनीतिक संकट चल रहा था तब बीजेपी के तमाम नेता गहलोत सरकार के खिलाफ आरोप लगाते थे कि सरकार ने विधायकों को एक होटल में बाड़ेबंदी करके रखा हुआ है लेकिन अब ठीक यही स्थिति बीजेपी के साथ भी है. बीजेपी पार्षद प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी कर रही है लेकिन जब यही सवाल जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा दोनों स्थिति परिस्थितियां अलग-अलग हैं. क्योंकि वहां पर निर्वाचित विधायकों को सरकार बचाने के लिए रखा गया था लेकिन यहां पर हम प्रत्याशियों को प्रशिक्षण के लिए रख रहे हैं और यह प्रशिक्षण आज पहली बार नहीं हो रहा बल्कि हर बार चुनाव के दौरान होता है.

सीकर रोड पर होटल में होगी बाड़ेबंदी...

जयपुर नगर निगम ग्रेटर से जुड़े भाजपा प्रत्याशियों को सीकर रोड स्थित होटल चौमू पैलेस में प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ेबंदी में रखा जा रहा है. संभवत माना जा रहा है महापौर चुनाव तक इन प्रत्याशियों को प्रशिक्षण वर्ग के नाम पर रखा जाएगा. इस दौरान चुनाव का रिजल्ट आने पर जो प्रत्याशी हार जाएंगे उन्हें इस प्रशिक्षण वर्ग से फ्री कर दिया जाएगा.

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