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PCC में निंबाराम की गिरफ्तारी प्रस्ताव मामले में भड़की भाजपा, पूनिया और कटारिया ने किया ये कटाक्ष

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (PCC) में हुई बैठक के दौरान संघ प्रचारक निंबाराम (RSS Regional Campaigner Nimbaram) की गिरफ्तारी को लेकर रखे गए प्रस्ताव पर सियासत भड़क गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Rajasthan BJP) ने इस घटना को निंदनीय करार दिया और यह तक कह दिया कि जो काम न्यायपालिका और एसीबी का है, उस पर दबाव बनाने का काम अब पीसीसी की बैठकों में किया जा रहा है.

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पीसीसी के फैसले पर भड़की भाजपा...
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Published : Jul 30, 2021, 3:32 PM IST

जयपुर. भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने इस मसले पर कहा कि यह काम कानून का है और न्यायपालिका और प्रशासन की अपनी व्यवस्था है, लेकिन जब किसी राजनीतिक दल के कार्यालय में यह तय होने लगा तो फिर यह संस्थाएं क्या करेंगी. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जो काले बादल विधानसभा और कांग्रेस पार्टी पर मंडरा रहे हैं, उस पर से ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के परपंच और कुकृत्य कांग्रेस के नेता (Congress Leaders) करते हैं, ताकि 2-5 दिन इन बातों की चर्चा रहे और वो अपना राजनीति के साध लें.

इस दौरान पूनिया ने पीसीसी चीफ और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के आरएएस परीक्षा (RAS Interview Controversy) में रिश्तेदारों को बेजा और अनैतिक फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि होना तो यह चाहिए था कि इस घटनाक्रम के बाद डोटासरा आगे होकर अपना इस्तीफा देते और पूरे प्रकरण की निष्पक्षता से जांच करवाते, लेकिन इन सब से ध्यान भटकाने के लिए वो इस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं. लेकिन इसका परिणाम कांग्रेस को भी आज नहीं तो कल भुगतना ही पड़ेगा.

पीसीसी के फैसले पर भड़की भाजपा...

किसी को गिरफ्तार करना या किसी को क्लीन चिट देना पीसीसी का नहीं कानून का काम है : वहीं इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है. कटारिया ने प्रदेश कांग्रेस (PCC) की बैठक में निंबाराम (Nimbaram) को गिरफ्तार करने जैसा प्रस्ताव रखना निंदनीय बताया. कटारिया ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि जो काम भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) का है और वो उसकी जांच भी कर रही है, यदि उसमें निंबाराम दोषी होंगे तो एसीबी उनपर कार्रवाई करेगी.

पढ़ें : माकन का मानक तय : राजस्थान में कई मंत्री शिफ्ट होंगे संगठन में...माकन ने कह दिया- 'मैं ही दिल्ली'

लेकिन पीसीसी के माध्यम से एसीबी के काम में दखलअंदाजी करने के लिए जो प्रस्ताव पारित किया गया है वो निंदनीय है. कटारिया ने कहा कि किसी को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव पारित करना या गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा किए गए कुकृत्य के लिए उन्हें क्लीन चिट देकर निर्दोष साबित करने का काम पीसीसी का नहीं है. कटारिया ने कहा कि आरएएस एग्जाम में जो कुछ भी हुआ वो जांच का विषय है और उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन उसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदार द्वारा ओबीसी के सर्टिफिकेट से जुड़ा जो मामला सामने आया, उसमें भी डोटासरा की भूमिका संदिग्ध है, जिसकी जांच होनी चाहिए.

जयपुर. भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने इस मसले पर कहा कि यह काम कानून का है और न्यायपालिका और प्रशासन की अपनी व्यवस्था है, लेकिन जब किसी राजनीतिक दल के कार्यालय में यह तय होने लगा तो फिर यह संस्थाएं क्या करेंगी. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जो काले बादल विधानसभा और कांग्रेस पार्टी पर मंडरा रहे हैं, उस पर से ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के परपंच और कुकृत्य कांग्रेस के नेता (Congress Leaders) करते हैं, ताकि 2-5 दिन इन बातों की चर्चा रहे और वो अपना राजनीति के साध लें.

इस दौरान पूनिया ने पीसीसी चीफ और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के आरएएस परीक्षा (RAS Interview Controversy) में रिश्तेदारों को बेजा और अनैतिक फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि होना तो यह चाहिए था कि इस घटनाक्रम के बाद डोटासरा आगे होकर अपना इस्तीफा देते और पूरे प्रकरण की निष्पक्षता से जांच करवाते, लेकिन इन सब से ध्यान भटकाने के लिए वो इस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं. लेकिन इसका परिणाम कांग्रेस को भी आज नहीं तो कल भुगतना ही पड़ेगा.

पीसीसी के फैसले पर भड़की भाजपा...

किसी को गिरफ्तार करना या किसी को क्लीन चिट देना पीसीसी का नहीं कानून का काम है : वहीं इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है. कटारिया ने प्रदेश कांग्रेस (PCC) की बैठक में निंबाराम (Nimbaram) को गिरफ्तार करने जैसा प्रस्ताव रखना निंदनीय बताया. कटारिया ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि जो काम भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) का है और वो उसकी जांच भी कर रही है, यदि उसमें निंबाराम दोषी होंगे तो एसीबी उनपर कार्रवाई करेगी.

पढ़ें : माकन का मानक तय : राजस्थान में कई मंत्री शिफ्ट होंगे संगठन में...माकन ने कह दिया- 'मैं ही दिल्ली'

लेकिन पीसीसी के माध्यम से एसीबी के काम में दखलअंदाजी करने के लिए जो प्रस्ताव पारित किया गया है वो निंदनीय है. कटारिया ने कहा कि किसी को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव पारित करना या गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा किए गए कुकृत्य के लिए उन्हें क्लीन चिट देकर निर्दोष साबित करने का काम पीसीसी का नहीं है. कटारिया ने कहा कि आरएएस एग्जाम में जो कुछ भी हुआ वो जांच का विषय है और उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन उसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदार द्वारा ओबीसी के सर्टिफिकेट से जुड़ा जो मामला सामने आया, उसमें भी डोटासरा की भूमिका संदिग्ध है, जिसकी जांच होनी चाहिए.

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