जयपुर. राजधानी जयपुर सहित कोटा और जोधपुर के 6 नगर निगम चुनाव हो रहे हैं. चुनाव का प्रचार अब परवान पर चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, जहां प्रत्याशी गली-मोहल्लों में घूम-घूम कर अपने लिए वोट मांग रहे हैं तो वहीं बड़े नेता भी इस प्रयास में हैं कि उनके समर्थक प्रत्याशियों को जीत मिल सके.
जयपुर में भी नगर निगम का चुनाव है और प्रदेश कांग्रेस कार्यालय बिल्कुल सुनसान दिखाई दे रहा है. केवल इक्का-दुक्का लोग ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आ रहे हैं. वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस के सभी नगर निगम प्रत्याशियों को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय की ओर से प्रचार सामग्री दी गई. इस प्रचार सामग्री में कांग्रेस के हाथ के निशान बने हुए मास्क और कांग्रेस पार्टी के 2 साल में किए गए काम की बुकलेट के साथ ही स्टीकर दिए गए हैं. प्रदेश कांग्रेस की ओर से इन चुनाव में सिवाय प्रचार सामग्री देने के अलावा कोई और भूमिका नहीं निभाई जा रही है.
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प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सुनसान
अब तक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में ना तो कंट्रोल रूम स्थापित हुआ है और ना ही चुनाव की मॉनिटरिंग की जा रही है. ऐसे में संगठन की भूमिका नगर निगम चुनाव में महज खानापूर्ति बनकर रह गई है क्योंकि इस बार इन चुनाव की जिम्मेदारी विधायकों के हाथ में है. ऐसे में संगठन नगर निगम चुनाव से दूरी बना रखी है. हालांकि, जयपुर जिला अध्यक्ष के तौर पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जबकि हर बार कंट्रोल रूम प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बनाया जाता था और वहीं से मॉनिटरिंग होती थी.
जानकारों की मानें तो इस बार प्रदेश में पूरा संगठन बंद है और चुनाव की जिम्मेदारी भी पूरी तरीके से विधायकों के हाथों में है, ऐसे में संगठन से जुड़े लोग इससे नाराज हैं और कांग्रेस मुख्यालय में वह आने से भी बच रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस के नेता यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि नगर निगम के चुनाव छोटे स्तर पर होते हैं, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के स्तर पर इसका कोड नेशन का काम नहीं देखा जाता है.