ETV Bharat / city

जयपुर की 62 साल पुरानी परंपरा, बड़ी चौपड़ पर कांग्रेस ने पूर्व तो बीजेपी ने दक्षिण मुखी मंच से किया ध्वजारोहण

प्रदेश में बीते कुछ दिनों तक चले सियासी घमासान के बाद स्वंतत्रता दिवस के अवसर पर परंपरा का निर्वहन करते हुए, सत्ता पक्ष और विपक्ष ने बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण किया. यहां कांग्रेस ने पूर्व मुखी मंच पर तो बीजेपी ने दक्षिण मुखी मंच पर ध्वजारोहण किया.

Badi Chaupar flag hoisting Independence Day Jaipur
बड़ी चौपड़ पर हुआ ध्वजारोहण कार्यक्रम
author img

By

Published : Aug 15, 2020, 5:11 PM IST

जयपुर. स्वतंत्रता दिवस पर वर्षों से चली आ रही परंपरा शनिवार सुबह जयपुर के बड़ी चौपड़ पर फिर निभाई गई. जहां सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस ने पूर्व मुखी मंच पर झंडारोहण किया. वहीं विपक्ष बीजेपी ने दक्षिण मुखी मंच पर ध्वज फहराया. इस दौरान दोनों मंच से स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ कोरोना वॉरियर्स के योगदान को भी याद किया गया.

वहीं सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए, प्रदेश सरकार को गिराने में नाकाम रहने की बात कही. तो वहीं बीजेपी के मंच से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने राम मंदिर निर्माण और धारा-370 हटाने को लेकर 5 अगस्त को ऐतिहासिक बताया.

बड़ी चौपड़ पर हुआ ध्वजारोहण कार्यक्रम

सुखाड़िया का सियासी युग हो या फिर शेखावत का शासनकाल. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर का हृदय स्थल कहे जाने वाली बड़ी चौपड़ अनूठी सियासत की साक्षी बनती है. यहां सत्ताधारी और विपक्ष परंपरानुसार झंडारोहण करते हैं. करीब 62 साल से ये परंपरा चली आ रही है.

पहले सत्ता पक्ष पूर्व मुखी मंच पर झंडारोहण करता है. और उसके ठीक बाद विपक्ष दक्षिण मुख्य मंच पर ध्वज फहराता है. माना जाता है कि पूर्व में जिस तरह सूर्य उदय होता है, उसी तरह सत्तारूढ़ पार्टी का सूर्य उदय मान रहे, इसलिए पूर्व मुखी होकर ध्वजारोहण किया जाता है. जानकारों की मानें तो सबसे पहले टीकाराम पालीवाल ने बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण करके ये परंपरा शुरू की थी.

पढ़ें- कांग्रेस और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्षों ने एक-दूसरे की पार्टी की एकजुटता पर उठाए सवाल

देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर एक बार फिर यही परंपरा निभाई गई. जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस की तरफ से सीएम अशोक गहलोत ने पूर्व मुखी मंच पर झंडारोहण किया. इस दौरान उन्होंने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ स्वतंत्रता के बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान को भी याद किया. साथ ही केंद्र सरकार पर प्रदेश सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने और संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए, कांग्रेस की एकता को तोड़ने में नाकाम रहने की बात कही.

पढ़ें- 74वां स्वतंत्रता दिवस : SMS स्टेडियम में कलाकारों ने दी रंगारंग प्रस्तुति, गहलोत ने कहा- लोकतंत्र की रक्षा करेगी कांग्रेस

उधर, विपक्ष के दक्षिण मुखी मंच पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ध्वजारोहण किया. इस दौरान उन्होंने वीर सावरकर और उन जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया. साथ ही 5 अगस्त को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि, जहां राम ने जन्म लिया, अब वही मंदिर बन रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि, जिस धारा-370 के कारण कश्मीर में दो ध्वज फहराया करते थे, उस धारा को हटाने का काम केंद्र सरकार ने किया है. इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में देश हित में काम करने वाले कोरोना वॉरियर्स को भी याद किया.

बहरहाल, बड़ी चौपड़ पर सजे मंच से कहे गए शब्दों के सियासी महत्व बरसों से राजधानी के लोग समझ रहे हैं. बावजूद इसके छोटी काशी के दिल में बसी बड़ी चौपड़ पर लहराता तिरंगा कौमी एकता का संदेश देता है. यही आजादी की मूल भावना है. जिसे दलगत राजनीति की दीवारों को तोड़कर जयपुर की बड़ी चौपड़ बरसों से निभा रही है.

जयपुर. स्वतंत्रता दिवस पर वर्षों से चली आ रही परंपरा शनिवार सुबह जयपुर के बड़ी चौपड़ पर फिर निभाई गई. जहां सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस ने पूर्व मुखी मंच पर झंडारोहण किया. वहीं विपक्ष बीजेपी ने दक्षिण मुखी मंच पर ध्वज फहराया. इस दौरान दोनों मंच से स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ कोरोना वॉरियर्स के योगदान को भी याद किया गया.

वहीं सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए, प्रदेश सरकार को गिराने में नाकाम रहने की बात कही. तो वहीं बीजेपी के मंच से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने राम मंदिर निर्माण और धारा-370 हटाने को लेकर 5 अगस्त को ऐतिहासिक बताया.

बड़ी चौपड़ पर हुआ ध्वजारोहण कार्यक्रम

सुखाड़िया का सियासी युग हो या फिर शेखावत का शासनकाल. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर का हृदय स्थल कहे जाने वाली बड़ी चौपड़ अनूठी सियासत की साक्षी बनती है. यहां सत्ताधारी और विपक्ष परंपरानुसार झंडारोहण करते हैं. करीब 62 साल से ये परंपरा चली आ रही है.

पहले सत्ता पक्ष पूर्व मुखी मंच पर झंडारोहण करता है. और उसके ठीक बाद विपक्ष दक्षिण मुख्य मंच पर ध्वज फहराता है. माना जाता है कि पूर्व में जिस तरह सूर्य उदय होता है, उसी तरह सत्तारूढ़ पार्टी का सूर्य उदय मान रहे, इसलिए पूर्व मुखी होकर ध्वजारोहण किया जाता है. जानकारों की मानें तो सबसे पहले टीकाराम पालीवाल ने बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण करके ये परंपरा शुरू की थी.

पढ़ें- कांग्रेस और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्षों ने एक-दूसरे की पार्टी की एकजुटता पर उठाए सवाल

देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर एक बार फिर यही परंपरा निभाई गई. जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस की तरफ से सीएम अशोक गहलोत ने पूर्व मुखी मंच पर झंडारोहण किया. इस दौरान उन्होंने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ स्वतंत्रता के बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान को भी याद किया. साथ ही केंद्र सरकार पर प्रदेश सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने और संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए, कांग्रेस की एकता को तोड़ने में नाकाम रहने की बात कही.

पढ़ें- 74वां स्वतंत्रता दिवस : SMS स्टेडियम में कलाकारों ने दी रंगारंग प्रस्तुति, गहलोत ने कहा- लोकतंत्र की रक्षा करेगी कांग्रेस

उधर, विपक्ष के दक्षिण मुखी मंच पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ध्वजारोहण किया. इस दौरान उन्होंने वीर सावरकर और उन जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया. साथ ही 5 अगस्त को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि, जहां राम ने जन्म लिया, अब वही मंदिर बन रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि, जिस धारा-370 के कारण कश्मीर में दो ध्वज फहराया करते थे, उस धारा को हटाने का काम केंद्र सरकार ने किया है. इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में देश हित में काम करने वाले कोरोना वॉरियर्स को भी याद किया.

बहरहाल, बड़ी चौपड़ पर सजे मंच से कहे गए शब्दों के सियासी महत्व बरसों से राजधानी के लोग समझ रहे हैं. बावजूद इसके छोटी काशी के दिल में बसी बड़ी चौपड़ पर लहराता तिरंगा कौमी एकता का संदेश देता है. यही आजादी की मूल भावना है. जिसे दलगत राजनीति की दीवारों को तोड़कर जयपुर की बड़ी चौपड़ बरसों से निभा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.