जयपुर. हेरिटेज निगम की पहली बोर्ड बैठक में सभी 100 वार्ड में वार्ड कार्यालय बनाने का एजेंडा पास हुआ था. आरोप लगाए जा रहे हैं कि वार्ड कार्यालय केवल कांग्रेसी पार्षदों के वार्डों में बनाए जा रहे हैं. जबकि बीजेपी पार्षदों के वार्डों में जमीन नहीं मिलने और माली हालत होने का हवाला दिया जा रहा है.
मंगलवार को हेरिटेज निगम के वार्ड 49 में पार्षद कार्यालय का उद्घाटन हुआ. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कार्यालय का रिबन काटकर पार्षद उत्तम शर्मा को सीट पर बैठाया. इस दौरान मंच से हेरिटेज निगम बोर्ड की उपलब्धियां गिनाई गईं. जो विपक्ष को रास नहीं आई. विपक्ष ने बोर्ड बैठक में पास हुए एजेंडे में सभी वार्डों में वार्ड कार्यालय को मुद्दा उठाया.
हेरिटेज नगर निगम में वार्ड कार्यालय की स्थिति
हवामहल आमेर जोन की बात करें तो क्षेत्र में 30 वार्ड आते हैं. जिनमें से 10 में पहले से वार्ड कार्यालय बने हुए हैं. जबकि 4 में वार्ड कार्यालय निर्माणाधीन हैं. वहीं 12 में अभी काम शुरू भी नहीं हो पाया है. यहां एक वार्ड में विवाद और एक में जगह उपलब्ध नहीं होने का निगम हवाला दे रहा है. जबकि दो की कोई जानकारी ही नहीं.
आदर्श नगर जोन में 25 वार्ड आते हैं. जिनमें से 10 में वार्ड कार्यालय पहले से बने हुए हैं. यहां 2 वार्ड कार्यालय निर्माणाधीन हैं. जबकि 13 वार्ड कार्यालय की निविदा प्रक्रियाधीन बताई गई है. सिविल लाइन जोन के 24 वार्डों में से 10 में वार्ड कार्यालय बने हुए हैं. जबकि 6 वार्ड में स्थान चिह्नित कर लिए गए हैं. इसके अलावा बचे हुए 8 वार्डों में पार्षदों से ही जगह पूछी जा रही है. किशनपोल जोन में आने वाले 21 वार्ड में से 6 में वार्ड कार्यालय पहले से बने हुए हैं. जबकि एक निर्माणाधीन है. इसके अलावा 9 वार्ड ऐसे हैं जिनमें जगह ही नहीं है. वहीं 4 का एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है और एक की जानकारी निगम के पास नहीं है.
वार्ड कार्यालयों की इस स्थिति पर विपक्ष ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि हेरिटेज नगर निगम में सभी पार्षदों के वार्ड कार्यालय का निर्माण होना था. ताकि आमजन को अपनी समस्या लेकर मुख्यालय या जोन कार्यालय तक ना जाना पड़े. लेकिन कुछ चहेते पार्षदों को छोड़कर अन्य किसी पार्षद का कार्यालय नहीं बन पाना दुर्भाग्यपूर्ण है.
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हालांकि विपक्ष के आरोप पर महापौर ने तर्क देते हुए कहा कि हेरिटेज निगम क्षेत्र में मुख्य समस्या जमीन की है और कई जगह जेडीए की जमीन है. जेडीए की परमिशन के बिना वहां कार्यालय नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने कहा कि भेदभाव की कोई बात नहीं है, बीजेपी पार्षद रितु मोतियानी का कार्यालय इसका उदाहरण है. जहां जगह है वहां कार्यालय निर्माणाधीन है और कुछ कार्यालयों के प्रपोजल पेंडिंग हैं.
बहरहाल, हेरिटेज निगम की एक साल की उपलब्धियों और कमियों पर मंथन चल रहा है. लेकिन अगली बोर्ड बैठक से पहले यदि सभी वार्डों में वार्ड कार्यालय की फाइल आगे नहीं बढ़ी, तो बैठक में इसे लेकर हंगामा होना भी तय है.