जयपुर. बीसलपुर जयपुर स्टेज द्वितीय परियोजना को केंद्र सरकार से जल्द मंजूरी मिलने वाली है. इस परियोजना को केंद्र सरकार से जल्द मंजूरी दिलाने के लिए राज्य के जलदाय विभाग के अधिकारियों की पिछले सप्ताह नई दिल्ली में भारत सरकार के अधिकारियों से चर्चा भी हो चुकी है.
परियोजना की कुल लागत 1 हजार 105 करोड़ रुपये है. इस परियोजना के तहत बीसलपुर से बालावाला तक 2 हजार 300 एमएम की नई समांतर ट्रांसमिशन पाइप लाइन डाली जाएगी. यह परियोजना पूरी होने के बाद जयपुर शहर की साल 2051 तक की पेयजल की मांग की पूर्ति हो सकेगी.
अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर द्वितीय देवराज सोलंकी ने बताया कि भारत सरकार की आवासन और शहरी मामलात मंत्रालय में पिछले सप्ताह हुई बैठक में बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना स्टेज द्वितीय के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई थी. परियोजना के लिए जापान सरकार की एजेंसी जायका से ऋण लेने के लिए भारत सरकार के आवासन और शहरी मामलात मंत्रालय में जून 2016 में प्रस्ताव डीपीआर के साथ अनुमोदन के लिए भेजा गया था.
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सोलंकी ने बताया कि बीसलपुर-जयपुर स्टेज द्वितीय के ट्रांसमिशन सिस्टम की वर्तमान क्षमता से जयपुर शहर की पेयजल मांग की पूर्ति हो सकती है. साल 2021 के बाद स्टेज द्वितीय के नए ट्रांसमिशन की आवश्यकता होगी. राज्य सरकार ने डीपीआर के अनुमोदन में देरी को देखते हुए स्टेज प्रथम के ट्रांसमिशन सिस्टम की क्षमता बढ़ाने के लिए 289 करोड़ रुपये की योजना को जून 2019 में मंजूरी दी है, जिसमें 200 एमएलडी क्षमता का फिल्टर प्लांट लगाया जाएगा. इस योजना की निविदाएं आमंत्रित की गई है. जिसका कार्य आदेश दिसंबर 2019 में देकर 2 साल की अवधि में पूरा किया जाएगा.
सोलंकी ने बताया कि केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन के एडवाइजर दीनदयाल ने स्टेज द्वितीय परियोजना से 200 एमएलडी के फिल्टर प्लांट का स्कोप हटाकर संशोधित डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा है. राजस्थान के जल संसाधन विभाग ने बीसलपुर बांध में जयपुर शहर के लिए साल 2051 तक की पेयजल मांग के लिए अतिरिक्त पानी के आरक्षण संबंधी आश्वासन पत्र के संबंध में जानकारी चाही थी.
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इस पर जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीसलपुर बांध से अतिरिक्त पानी की उपलब्धता के संबंध में मुख्य सचिव के स्तर पर समीक्षा हो चुकी है और इस पर जल्द ही निर्णय होने की संभावना है. बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना स्टेज द्वितीय की संशोधित डीपीआर दिसंबर में प्रस्तुत कर दी जाएगी. भारत सरकार की केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन के एडवाइजर के साथ वार्ता के बाद इस बात पर सहमति बनी है कि संशोधित डीपीआर के आधार पर प्रस्ताव जायका से ऋण के लिए भारत सरकार के आर्थिक मामलात मंत्रालय को भेजा जाएगा.