जयपुर. कोरोना में लगे कर्फ्यू के चलते प्रभु यीशु मसीह का जन्म इस बार मध्यरात्रि की जगह शाम को ही हो गया. चर्च में हर बार 12 बजे जहां जन्म उत्सव शुरू होता था वो इस बार एक दिन पहले शाम 7 बजे हुआ. शहर के विभिन्न गिरिजाघर और चर्चो में विशेष सभाएं आयोजित की गई. कैथोलिक चर्च में आकर्षक लाइटिंग व साज-सज्जा के बीच प्रभु यीशु के जन्म पर झांकी सजाई गई.
वहीं हर बार घर-घर जाकर कैरोल सिंगिग के माध्यम से प्रभु यीशु के संदेशों को पहुंचाया जाता है लेकिन इस बार कर्फ्यू के चलते सामूहिक चर्च में ही संदेश दिया गया. ताकि हर प्राणी में एक दूसरे के प्रति प्रेम और भाईचारे की भावना पैदा हो. मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म 24-25 दिसंबर की मध्यरात 12 बजे से 3 बजे के बीच हुआ था. लेकिन इस बार शाम 7 बजे ही प्रभु यीशु के जन्म उत्सव सिलिब्रेट हुआ.
जहां चर्च में भी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए लोगों ने कोरोना के खात्मे की प्रार्थना की. वहीं देर रात कैरोल पार्टी का भी आयोजन किया जाता है वो भी इस बार कर्फ्यू के चलते रद्द हो गया. शहर के 20 से ज्यादा चर्चो में मोमबत्तियां जलाकर प्रेम व सेवा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु के जन्म की खुशियां मनाई गई. इसमें एक बार में 100 से कम लोगों को 5 मिनट में आराधना के लिए प्रवेश दिया गया. साथ ही कैथोलिक चर्च में समाजजन बारी-बारी से कोरोना गाइडलाइंस की पालना के साथ झांकी देखने पहुंचे.
बता दें कि, कैथोलिक चर्चों में पहली बार कोविड में रात्रिकालीन कर्फ्यू होने के चलते आराधना का समय बदला गया है. गुरुवार रात कैरोल पार्टी की जगह सादगीपूर्ण तरीके से लोग आपस में बधाइयां देकर जलपान लेकर अपने घर की ओर चल लिए. ऐसे में क्रिसमस होने के बावजूद भी इस कोरोना काल में बाहरी सेलिब्रेशन इस बार कम हो रहे है, जिसका सभी को मलाल भी है.