ETV Bharat / city

Bird Flu का बढ़ता कहर, प्रदेश के 11 जिलों में संक्रमण की पुष्टि, अब तक 2234 पक्षियों की मौत

राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के जयपुर, झुंझुनू, टोंक, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, पाली, कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ से पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं. झालावाड़ में बीते 24 घंटों में 63 और पक्षियों की मौत दर्ज की गई है. पढ़ें पूरी खबरे...

bird flu in rajasthan, राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर
राजस्थान में Bird Flu का बढ़ता कहर
author img

By

Published : Jan 9, 2021, 2:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भोपाल स्थित जांच लैब से आई ताजा नमूनों की रिपोर्ट में राजस्थान के दो जिलों में और बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही प्रदेश में अबतक 11 जिलों में बर्ड फ्लू संक्रमण फैल गया है.

प्रदेश के जयपुर, झुंझुनू, टोंक, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, पाली, कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ से पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं. झालावाड़ में बीते 24 घंटों में 63 और पक्षियों की मौत दर्ज की गई है.

दौसा में बर्ड फ्लू की पुष्टि

दौसा जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि 5 बगुलों की आई पॉजिटिव रिपोर्ट से हो गई है. ऐसे में प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर कंट्रोल रूम स्थापित किया है और पशुपालन एवं वन विभाग के अधिकारियों को नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ेंः भरतपुर: दो बाइकों के बीच हुई जोरदार टक्कर, बाइक सवार दोनों युवकों की मौत

दौसा शहर के खटीकन मोहल्ला स्थित शिव मंदिर में 4 जनवरी को 5 बगुले एक कौआ मृत मिला था. मौके पर पशुपालन विभाग की टीम ने पहुंचकर पक्षियों को उठाकर बर्ड फ्लू की जांच के लिए सैंपल राष्ट्रीय पशु रोग संस्थान भोपाल में भेजे. शुक्रवार शाम को पांचों बगुलों की रिपोर्ट एच 5 एवियन इनफ्लुएंजा वायरस ( बर्ड फ्लू ) पाई गई. वहीं, एक कौए की रिपोर्ट नेगेटिव आई.

पाली में भी बर्ड फ्लू की दस्तक

पाली. जिले में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. पाली शहर के करणी माता मंदिर में मिले कौए के शव की जांच में उसमें बर्ड फ्लू बताया गया है. शुक्रवार शाम को भोपाल लैब से इस रिपोर्ट की पुष्टि हुई है. भोपाल लैब से पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने करणी माता मंदिर परिसर को पूरी तरह से सैनिटाइज करने एवं वहां अन्य पक्षियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर अंशदीप जारी कर बताया कि 3 जनवरी को ही पाली के विभिन्न स्थानों पर एक धारा 144 लगाते हुए लोगों के आवागमन को वहां बंद कर दिया गया था.

झालावाड़ में 24 घंटे में 63 पक्षियों की मौत, मचा हड़कंप

झालावाड़ जिले में पिछले 24 घंटे में 63 पक्षियों की मौत हुई है. इनमें 44 कौए हैं. इसके अलावा 18 कबूतर और एक बगुले की भी मौत हुई है, जिसके चलते जिले में अब बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षियों की कुल संख्या 318 हो गई है.

यह भी पढ़ेंः स्पेशलः अब पटरी पर लौटेगी कोटा की अर्थव्यवस्था, करियर सिटी के साथ केयर सिटी की संभालेगी जिम्मेदारी

झालावाड़ में कहां और कितने पक्षियों की हुई मौत

चौमहला कस्बे में एक बगुले सहित पांच कौओं की मौत हुई है. इनमें से एक कौआ गंगधार में भी मृत मिला है. वहीं बगुले की मौत स्टेशन चौराहे पर हुई है.

मनोहरथाना में पशुपालन विभाग को 12 से अधिक कौवे मृत मिले हैं, जिनको पशु चिकित्सालय की टीम निस्तारित कर चुकी है.

भवानी मंडी में बर्ड फ्लू फैल रहा है. मंडी शहर के अलग-अलग स्थानों पर 23 कौवे मृत मिले हैं, जिनको प्रोटोकॉल के तहत जलाया गया है.

बारां के अंता में 64 कौओं और 3 कबूतरों की मौत

बारां के अंता में भी बर्ड फ्लू से पक्षियों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में चौथे दिन भी 3 कबूतर और 2 कौओं की मौत हो गई. जिले के कस्बे में अब तक 64 कौओं और 3 कबूतरों की मौत हो चुकी है.

जोधपुर : चिड़ियाघर में जाने पर लगाया प्रतिबंध

जोधपुर में भी कुछ दिन पहले कौओं की मौत हुई थी. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने पशुपालन विभाग की मदद से कौओं के शवों की जांच के लिए उन्हें भोपाल लैब में भिजवाया, जहां से उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. जिसके बाद जोधपुर वन विभाग ने राहत की सांस ली. लेकिन, उसके बाद वन विभाग ने सतर्कता बरतनी भी शुरू कर दी है. वन विभाग ने जोधपुर के माचिया बालाजी के पार्क में बने चिड़ियाघर में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सभी दर्शकों को चिड़िया घर से दूर रहने की हिदायत दी है. माचिया बायोलॉजिकल पार्क के मुख्य गेट के एंट्रेंस पर भी एक नोटिस चस्पा किया गया है. चिड़ियाघर सहित अन्य पिंजरों में काम करने वाले केयरटेकर को पीपीई किट मास्क दिए गए हैं.

यह भी पढ़ेंः झालावाड़: 24 घंटे में 63 पक्षियों की मौत, मचा हड़कंप

पक्षियों की मौत के आंकड़े

पशुपालन विभाग की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार शाम तक मृत पक्षियों के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में शुक्रवार को कुल 329 पक्षियों की हुई मौत हुई है, जिसमें 223 कौए हैं. वहीं, शुक्रवार शाम तक कुल 2,166 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जबकि 211 सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं. अगर शनिवार को झालावाड़ में मिले 63 पक्षी और बारां में मृत मिले 5 पक्षियों को जोड़ा जाए तो कुल संख्या 2234 बनती है.

पॉल्ट्री बिजनेस पर बर्ड फ्लू का असर

बढ़ते बर्ड फ्लू के खतरे के बीच प्रदेश में चिकन और पॉल्ट्री व्यावसायी चिंता में है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए चिकन व्यापारियों ने कहा कि प्रति किलो चिकन में 70 रुपए तक की गिरवाट आई है वहीं प्रति अंडा के दाम भी 50 पैसा गिर गए हैं. हालांकि मुर्गियों में बर्ड फ्लू की किसी भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है.

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया कि सभी जिला पशुपालन अधिकारी और पोल्ट्री फार्म ऑनर्स और उनके एसोसिएशन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बर्ड फ्लू को लेकर जागरूक किया जा चुका है. उन्होंने मुर्गी पालन पर बर्ड फ्लू की किसी भी असर से इनकार किया है.

यह भी पढ़ेंः 3 दिन से लापता सेना के कैप्टन अंकित गुप्ता, तलाश के लिए नेवी के स्पेशल मार्कोस कमांडो पहुंचे जोधपुर

मुर्गियों में इसलिए नहीं है खतरा

वहीं, पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मानें तो राजस्थान में अभी तक 2500 पोल्ट्री फार्म में से किसी भी पोल्ट्री फार्म पर मुर्गियों में इस बीमारी के सिम्टम्स नहीं देखे गए हैं. अधिकारी इस बात को लेकर साफ कर चुके हैं कि राजस्थान में पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. यह बीमारी सिर्फ कौओं में आई है, मुर्गियों में नहीं है. इसके पीछे वजह बताई जा रही है वायरस का स्ट्रेन. अभी जो बीमारी कौओं में है उनमें H5FN8 वायरस है जबकि मुर्गियों में H5FN1 स्ट्रेन होता है, जो राजस्थान में नहीं है.

जयपुर. राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भोपाल स्थित जांच लैब से आई ताजा नमूनों की रिपोर्ट में राजस्थान के दो जिलों में और बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही प्रदेश में अबतक 11 जिलों में बर्ड फ्लू संक्रमण फैल गया है.

प्रदेश के जयपुर, झुंझुनू, टोंक, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, पाली, कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ से पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं. झालावाड़ में बीते 24 घंटों में 63 और पक्षियों की मौत दर्ज की गई है.

दौसा में बर्ड फ्लू की पुष्टि

दौसा जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि 5 बगुलों की आई पॉजिटिव रिपोर्ट से हो गई है. ऐसे में प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर कंट्रोल रूम स्थापित किया है और पशुपालन एवं वन विभाग के अधिकारियों को नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ेंः भरतपुर: दो बाइकों के बीच हुई जोरदार टक्कर, बाइक सवार दोनों युवकों की मौत

दौसा शहर के खटीकन मोहल्ला स्थित शिव मंदिर में 4 जनवरी को 5 बगुले एक कौआ मृत मिला था. मौके पर पशुपालन विभाग की टीम ने पहुंचकर पक्षियों को उठाकर बर्ड फ्लू की जांच के लिए सैंपल राष्ट्रीय पशु रोग संस्थान भोपाल में भेजे. शुक्रवार शाम को पांचों बगुलों की रिपोर्ट एच 5 एवियन इनफ्लुएंजा वायरस ( बर्ड फ्लू ) पाई गई. वहीं, एक कौए की रिपोर्ट नेगेटिव आई.

पाली में भी बर्ड फ्लू की दस्तक

पाली. जिले में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. पाली शहर के करणी माता मंदिर में मिले कौए के शव की जांच में उसमें बर्ड फ्लू बताया गया है. शुक्रवार शाम को भोपाल लैब से इस रिपोर्ट की पुष्टि हुई है. भोपाल लैब से पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने करणी माता मंदिर परिसर को पूरी तरह से सैनिटाइज करने एवं वहां अन्य पक्षियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर अंशदीप जारी कर बताया कि 3 जनवरी को ही पाली के विभिन्न स्थानों पर एक धारा 144 लगाते हुए लोगों के आवागमन को वहां बंद कर दिया गया था.

झालावाड़ में 24 घंटे में 63 पक्षियों की मौत, मचा हड़कंप

झालावाड़ जिले में पिछले 24 घंटे में 63 पक्षियों की मौत हुई है. इनमें 44 कौए हैं. इसके अलावा 18 कबूतर और एक बगुले की भी मौत हुई है, जिसके चलते जिले में अब बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षियों की कुल संख्या 318 हो गई है.

यह भी पढ़ेंः स्पेशलः अब पटरी पर लौटेगी कोटा की अर्थव्यवस्था, करियर सिटी के साथ केयर सिटी की संभालेगी जिम्मेदारी

झालावाड़ में कहां और कितने पक्षियों की हुई मौत

चौमहला कस्बे में एक बगुले सहित पांच कौओं की मौत हुई है. इनमें से एक कौआ गंगधार में भी मृत मिला है. वहीं बगुले की मौत स्टेशन चौराहे पर हुई है.

मनोहरथाना में पशुपालन विभाग को 12 से अधिक कौवे मृत मिले हैं, जिनको पशु चिकित्सालय की टीम निस्तारित कर चुकी है.

भवानी मंडी में बर्ड फ्लू फैल रहा है. मंडी शहर के अलग-अलग स्थानों पर 23 कौवे मृत मिले हैं, जिनको प्रोटोकॉल के तहत जलाया गया है.

बारां के अंता में 64 कौओं और 3 कबूतरों की मौत

बारां के अंता में भी बर्ड फ्लू से पक्षियों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में चौथे दिन भी 3 कबूतर और 2 कौओं की मौत हो गई. जिले के कस्बे में अब तक 64 कौओं और 3 कबूतरों की मौत हो चुकी है.

जोधपुर : चिड़ियाघर में जाने पर लगाया प्रतिबंध

जोधपुर में भी कुछ दिन पहले कौओं की मौत हुई थी. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने पशुपालन विभाग की मदद से कौओं के शवों की जांच के लिए उन्हें भोपाल लैब में भिजवाया, जहां से उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. जिसके बाद जोधपुर वन विभाग ने राहत की सांस ली. लेकिन, उसके बाद वन विभाग ने सतर्कता बरतनी भी शुरू कर दी है. वन विभाग ने जोधपुर के माचिया बालाजी के पार्क में बने चिड़ियाघर में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सभी दर्शकों को चिड़िया घर से दूर रहने की हिदायत दी है. माचिया बायोलॉजिकल पार्क के मुख्य गेट के एंट्रेंस पर भी एक नोटिस चस्पा किया गया है. चिड़ियाघर सहित अन्य पिंजरों में काम करने वाले केयरटेकर को पीपीई किट मास्क दिए गए हैं.

यह भी पढ़ेंः झालावाड़: 24 घंटे में 63 पक्षियों की मौत, मचा हड़कंप

पक्षियों की मौत के आंकड़े

पशुपालन विभाग की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार शाम तक मृत पक्षियों के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में शुक्रवार को कुल 329 पक्षियों की हुई मौत हुई है, जिसमें 223 कौए हैं. वहीं, शुक्रवार शाम तक कुल 2,166 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जबकि 211 सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं. अगर शनिवार को झालावाड़ में मिले 63 पक्षी और बारां में मृत मिले 5 पक्षियों को जोड़ा जाए तो कुल संख्या 2234 बनती है.

पॉल्ट्री बिजनेस पर बर्ड फ्लू का असर

बढ़ते बर्ड फ्लू के खतरे के बीच प्रदेश में चिकन और पॉल्ट्री व्यावसायी चिंता में है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए चिकन व्यापारियों ने कहा कि प्रति किलो चिकन में 70 रुपए तक की गिरवाट आई है वहीं प्रति अंडा के दाम भी 50 पैसा गिर गए हैं. हालांकि मुर्गियों में बर्ड फ्लू की किसी भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है.

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया कि सभी जिला पशुपालन अधिकारी और पोल्ट्री फार्म ऑनर्स और उनके एसोसिएशन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बर्ड फ्लू को लेकर जागरूक किया जा चुका है. उन्होंने मुर्गी पालन पर बर्ड फ्लू की किसी भी असर से इनकार किया है.

यह भी पढ़ेंः 3 दिन से लापता सेना के कैप्टन अंकित गुप्ता, तलाश के लिए नेवी के स्पेशल मार्कोस कमांडो पहुंचे जोधपुर

मुर्गियों में इसलिए नहीं है खतरा

वहीं, पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मानें तो राजस्थान में अभी तक 2500 पोल्ट्री फार्म में से किसी भी पोल्ट्री फार्म पर मुर्गियों में इस बीमारी के सिम्टम्स नहीं देखे गए हैं. अधिकारी इस बात को लेकर साफ कर चुके हैं कि राजस्थान में पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. यह बीमारी सिर्फ कौओं में आई है, मुर्गियों में नहीं है. इसके पीछे वजह बताई जा रही है वायरस का स्ट्रेन. अभी जो बीमारी कौओं में है उनमें H5FN8 वायरस है जबकि मुर्गियों में H5FN1 स्ट्रेन होता है, जो राजस्थान में नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.