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Big Relief to Loanee Farmers in Rajasthan: किसानों की भूमि नहीं होगी नीलाम, CM गहलोत ने कृषि भूमि नीलामी पर लगाई रोक - राजस्थान के किसानों को बड़ी राहत

सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेशभर में कृषि भूमि नीलामी रोकने के निर्देश (Big Relief to Loanee Farmers in Rajasthan) दिए हैं. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि हमने भारत सरकार से आग्रह किया है कि व्यवसायिक बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें. गहलोत सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है.

Big Relief to Loanee Farmers in Rajasthan
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Published : Jan 20, 2022, 12:30 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 12:58 PM IST

जयपुर. प्रदेश में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों की ओर से किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट (Removal of Difficulties Act) के तहत भूमि कुर्की और नीलामी की कार्यवाही की जा रही है. इसी बीच गहलोत सरकार ने अधिकारियों को इसे रोकने के निर्देश (CM Ashok Gehlot bans agricultural land auction) दिए हैं. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गई है और नीलामी रोकने के निर्देश दिए हैं. किसानों की जमीन नीलाम होने पर भाजपा नेता गहलोत सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में कृषि भूमि नीलामी रोकने के निर्देश (CM Ashok Gehlot bans agricultural land auction) दिए गए हैं. राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए हैं और भारत सरकार से आग्रह किया है कि व्यवसायिक बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें. गहलोत सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है.

पढ़ें- Farmers land auctioned in Alwar: 11 किसानों की जमीन गुरुवार को होगी नीलाम, SDM ने कहा रुटीन प्रक्रिया के तहत हो रही कार्रवाई

गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, लेकिन अभी तक राज्यपाल की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है. गहलोत ने कहा कि मुझे दुख है कि इस कानून के नहीं बनने के कारण ऐसी नौबत आई. मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी, जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी.

Big Relief to Loanee Farmers in Rajasthan
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नीलामी पर रोक का फैसला क्यों: दरअसल, किसान कर्ज माफी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा करने में असफल हुई. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव से पहले कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों का 10 दिन में कर्जा माफ होगा, लेकिन कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले तीन साल से भी ज्यादा समय हो गया लेकिन अब तक किसानों का कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं हो सका है. हालात यह बन गए की प्रदेश के किसानों की भूमि नीलाम होने लगी है.

पढ़ें- BJP Target Gehlot Government: भाजपा ने किसान कर्ज माफी को बनाया मुद्दा...इन बड़े नेताओं ने कांग्रेस पर बोला जुबानी हमला

ऐसा ही एक मामला दौसा जिले में सामने आया था जिसमें किसान कर्ज नहीं चुका पाए को उनकी जमीन को प्रशासन ने नीलाम करवा दिया. दौसा जिले के जामुन की ढाणी निवासी एक किसान परिवार की 15 बीघा दो बिस्वा (करीब चार हेक्टेयर) जमीन अधिकारियों ने पिछले दिनों नीलाम कर दी. किसान परिवार के मुखिया कजोड़ मीणा ने करीब पांच साल पहले दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड से सात लाख रुपये का कर्ज लिया था. इसी बीच कजोड़ की मौत हो गई.

पढ़ें- राजस्थान: 20 लाख से ज्यादा किसानों का कर्ज माफ, फिर भी बार-बार उठ रहे सवाल...जानिए क्यों

इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने किसान के दो बेटों राजूलाल और पप्पूलाल को पैसा जमा करवाने के लिए चार बार नोटिस दिया, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह कर्ज नहीं चुका सके. जिसके बाद उनकी भूमि की नीलामी कर दी गई. इस नीलामी को लेकर प्रदेश में सियासत भी हुई. गुरुवार को सांसद किरोड़ी लाल मीणा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित कई बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार को निशाने पर ले लिया था. इसके बाद गहलोत सरकार ने प्रदेश भर में किसानों की भूमि नीलामी पर रोक लगा दी है.

पढ़ें- Shekhawat questions Rahul Gandhi: 'थानागाजी में जिन किसानों की जमीन नीलाम, उनका घर राहुल गांधी चलाएंगे ?'

बता दें,अलवर के रैणी में किसानों की जमीन नीलाम करने का एक विज्ञापन बैंक की ओर से जारी किया गया था. इस मामले में प्रशासन का कहना था कि यह बैंक की सतत प्रक्रिया है, जो लगातार चलती रहती है. अलवर के अलावा दौसा और आसपास के जिलों में भी बैंक की ओर से किसानों की जमीन नीलाम करने के लिए इश्तिहार निकाले गए हैं.

SDM ने जारी किया था कुर्की का इश्तिहार: अलवर के रैणी में 11 किसानों की जमीन गुरुवार को नीलाम (Farmers land auctioned in Alwar) करने के लिए रैणी SDM की तरफ से कुर्की का इश्तिहार जारी किया गया था. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की तरफ से डिफाल्टर किसानों की सूचना प्रशासन को भेजी गई थी. ओमप्रकाश मीणा निवासी बहडको, बरफी ओर पूनी मीणा निवासी परवेणी, सोनी मीणा, कृपाल ओर कमलेश निवासी चांदपुर, सांवरिया निवासी रैणी लक्ष्मण, शांती रमेश बैरवा ओर मोतीलाल निवासी नांगल बास की जमीन नीलाम करने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. हालांकि, गहलोत सरकार के निर्देश के बाद प्रशासन ने नीलामी का फैसला वापस ले लिया था.

जयपुर. प्रदेश में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों की ओर से किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट (Removal of Difficulties Act) के तहत भूमि कुर्की और नीलामी की कार्यवाही की जा रही है. इसी बीच गहलोत सरकार ने अधिकारियों को इसे रोकने के निर्देश (CM Ashok Gehlot bans agricultural land auction) दिए हैं. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गई है और नीलामी रोकने के निर्देश दिए हैं. किसानों की जमीन नीलाम होने पर भाजपा नेता गहलोत सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में कृषि भूमि नीलामी रोकने के निर्देश (CM Ashok Gehlot bans agricultural land auction) दिए गए हैं. राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए हैं और भारत सरकार से आग्रह किया है कि व्यवसायिक बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें. गहलोत सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है.

पढ़ें- Farmers land auctioned in Alwar: 11 किसानों की जमीन गुरुवार को होगी नीलाम, SDM ने कहा रुटीन प्रक्रिया के तहत हो रही कार्रवाई

गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, लेकिन अभी तक राज्यपाल की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है. गहलोत ने कहा कि मुझे दुख है कि इस कानून के नहीं बनने के कारण ऐसी नौबत आई. मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी, जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी.

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नीलामी पर रोक का फैसला क्यों: दरअसल, किसान कर्ज माफी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा करने में असफल हुई. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव से पहले कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों का 10 दिन में कर्जा माफ होगा, लेकिन कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले तीन साल से भी ज्यादा समय हो गया लेकिन अब तक किसानों का कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं हो सका है. हालात यह बन गए की प्रदेश के किसानों की भूमि नीलाम होने लगी है.

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ऐसा ही एक मामला दौसा जिले में सामने आया था जिसमें किसान कर्ज नहीं चुका पाए को उनकी जमीन को प्रशासन ने नीलाम करवा दिया. दौसा जिले के जामुन की ढाणी निवासी एक किसान परिवार की 15 बीघा दो बिस्वा (करीब चार हेक्टेयर) जमीन अधिकारियों ने पिछले दिनों नीलाम कर दी. किसान परिवार के मुखिया कजोड़ मीणा ने करीब पांच साल पहले दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड से सात लाख रुपये का कर्ज लिया था. इसी बीच कजोड़ की मौत हो गई.

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इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने किसान के दो बेटों राजूलाल और पप्पूलाल को पैसा जमा करवाने के लिए चार बार नोटिस दिया, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह कर्ज नहीं चुका सके. जिसके बाद उनकी भूमि की नीलामी कर दी गई. इस नीलामी को लेकर प्रदेश में सियासत भी हुई. गुरुवार को सांसद किरोड़ी लाल मीणा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित कई बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार को निशाने पर ले लिया था. इसके बाद गहलोत सरकार ने प्रदेश भर में किसानों की भूमि नीलामी पर रोक लगा दी है.

पढ़ें- Shekhawat questions Rahul Gandhi: 'थानागाजी में जिन किसानों की जमीन नीलाम, उनका घर राहुल गांधी चलाएंगे ?'

बता दें,अलवर के रैणी में किसानों की जमीन नीलाम करने का एक विज्ञापन बैंक की ओर से जारी किया गया था. इस मामले में प्रशासन का कहना था कि यह बैंक की सतत प्रक्रिया है, जो लगातार चलती रहती है. अलवर के अलावा दौसा और आसपास के जिलों में भी बैंक की ओर से किसानों की जमीन नीलाम करने के लिए इश्तिहार निकाले गए हैं.

SDM ने जारी किया था कुर्की का इश्तिहार: अलवर के रैणी में 11 किसानों की जमीन गुरुवार को नीलाम (Farmers land auctioned in Alwar) करने के लिए रैणी SDM की तरफ से कुर्की का इश्तिहार जारी किया गया था. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की तरफ से डिफाल्टर किसानों की सूचना प्रशासन को भेजी गई थी. ओमप्रकाश मीणा निवासी बहडको, बरफी ओर पूनी मीणा निवासी परवेणी, सोनी मीणा, कृपाल ओर कमलेश निवासी चांदपुर, सांवरिया निवासी रैणी लक्ष्मण, शांती रमेश बैरवा ओर मोतीलाल निवासी नांगल बास की जमीन नीलाम करने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. हालांकि, गहलोत सरकार के निर्देश के बाद प्रशासन ने नीलामी का फैसला वापस ले लिया था.

Last Updated : Jan 20, 2022, 12:58 PM IST
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