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जयपुरः केंद्रीय रेलवे अस्पताल की गिरी फॉल सीलिंग, टला बड़ा हादसा - ईटीवी भारत हिन्दी न्यूज

जयपुर के सबसे बड़े केंद्रीय रेलवे हॉस्पिटल में गुरुवार को एक बड़ा हादसा घटित होने से बच गया. यहां अस्पताल में फॉल सीलिंग भरभरा कर गिर पड़ी और उसके बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया.

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अस्पताल की गिरी फॉल सीलिंग
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Published : Jul 30, 2020, 5:18 PM IST

जयपुर. राजधानी के सबसे बड़े केंद्रीय रेलवे हॉस्पिटल में गुरुवार को एक बड़ा हादसा घटित होने से बच गया. उत्तर-पश्चिम रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में फॉल सीलिंग भरभरा कर गिर पड़ी और उसके बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया.

अस्पताल की गिरी फॉल सीलिंग

फॉल सीलिंग के नीचे गिरने के बाद ही ऊपर से गुजर रही पाइपलाइन भी टूट गई. जिसके चलते अस्पताल परिसर में पानी फैल गया. वहीं, इस दौरान बिजली के झूलते तारों से खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया. आनन-फानन में मरीजों के प्रवेश पर वहां पर रोक लगा दिया गया और इसके साथ ही जो मरीज वार्ड में भर्ती थे, उन्हें भी दूसरी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया.

रोजाना 500 लोगों की होती है ओपीडी...

जयपुर केंद्रीय रेलवे अस्पताल से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोजाना रेलवे हॉस्पिटल में रोजाना करीब 500 लोग दिखाने आते हैं. ऐसे में फॉल सीलिंग के गिर जाने के बाद रेलवे हॉस्पिटल में एक बड़ा हादसा होने से भी टल गया. क्योंकि जिस जगह पर फॉल सीलिंग गिरी उसके नजदीक में ही वार्ड भी है. ऐसे ही में वार्ड में भी मरीजों में अफरा-तफरी मच गई.

पढ़ेंः डूंगरपुर: शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय की छत का प्लास्टर 10 दिन में दूसरी बार गिरा

हालांकि, जिस बिल्डिंग में यह फॉल सीलिंग गिरी है, वह अभी नई बिल्डिंग ही है. ऐसे में रेलवे प्रशासन के द्वारा उस बिल्डिंग में कराए गए काम को लेकर भी अब कहीं न कहीं प्रशासन के ऊपर सवाल भी खड़े होने लग गए हैं. क्योंकि बीते कुछ महीनों पहले भी एक ऐसा ही हादसा सामने आया था. जब रेलवे हॉस्पिटल के अंतर्गत एक मरीज के ऊपर फॉल सीलिंग गिरकर टूट गई थी. जिसके बाद यह दूसरा मामला अब एक और सामने आया है. ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या रेलवे प्रशासन के उच्च अधिकारी इसके ऊपर किसी भी तरह का कोई एक्शन लेंगे या नहीं.

बीते दिनों डीआरएम ऑफिस में भी आया था ऐसा मामला सामने...

बता दें कि बीते दिनों ही मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय डीआरएम ऑफिस में भी छत गिरने का एक ऐसा ही मामला सामने आया था. हालांकि रेल प्रशासन के द्वारा अभी तक उस पर भी कोई तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या इस बार भी रेलवे प्रशासन के द्वारा किसी तरह की कार्रवाई की जाएगी या नहीं.

जयपुर. राजधानी के सबसे बड़े केंद्रीय रेलवे हॉस्पिटल में गुरुवार को एक बड़ा हादसा घटित होने से बच गया. उत्तर-पश्चिम रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में फॉल सीलिंग भरभरा कर गिर पड़ी और उसके बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया.

अस्पताल की गिरी फॉल सीलिंग

फॉल सीलिंग के नीचे गिरने के बाद ही ऊपर से गुजर रही पाइपलाइन भी टूट गई. जिसके चलते अस्पताल परिसर में पानी फैल गया. वहीं, इस दौरान बिजली के झूलते तारों से खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया. आनन-फानन में मरीजों के प्रवेश पर वहां पर रोक लगा दिया गया और इसके साथ ही जो मरीज वार्ड में भर्ती थे, उन्हें भी दूसरी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया.

रोजाना 500 लोगों की होती है ओपीडी...

जयपुर केंद्रीय रेलवे अस्पताल से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोजाना रेलवे हॉस्पिटल में रोजाना करीब 500 लोग दिखाने आते हैं. ऐसे में फॉल सीलिंग के गिर जाने के बाद रेलवे हॉस्पिटल में एक बड़ा हादसा होने से भी टल गया. क्योंकि जिस जगह पर फॉल सीलिंग गिरी उसके नजदीक में ही वार्ड भी है. ऐसे ही में वार्ड में भी मरीजों में अफरा-तफरी मच गई.

पढ़ेंः डूंगरपुर: शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय की छत का प्लास्टर 10 दिन में दूसरी बार गिरा

हालांकि, जिस बिल्डिंग में यह फॉल सीलिंग गिरी है, वह अभी नई बिल्डिंग ही है. ऐसे में रेलवे प्रशासन के द्वारा उस बिल्डिंग में कराए गए काम को लेकर भी अब कहीं न कहीं प्रशासन के ऊपर सवाल भी खड़े होने लग गए हैं. क्योंकि बीते कुछ महीनों पहले भी एक ऐसा ही हादसा सामने आया था. जब रेलवे हॉस्पिटल के अंतर्गत एक मरीज के ऊपर फॉल सीलिंग गिरकर टूट गई थी. जिसके बाद यह दूसरा मामला अब एक और सामने आया है. ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या रेलवे प्रशासन के उच्च अधिकारी इसके ऊपर किसी भी तरह का कोई एक्शन लेंगे या नहीं.

बीते दिनों डीआरएम ऑफिस में भी आया था ऐसा मामला सामने...

बता दें कि बीते दिनों ही मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय डीआरएम ऑफिस में भी छत गिरने का एक ऐसा ही मामला सामने आया था. हालांकि रेल प्रशासन के द्वारा अभी तक उस पर भी कोई तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या इस बार भी रेलवे प्रशासन के द्वारा किसी तरह की कार्रवाई की जाएगी या नहीं.

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