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26 मई को किसान संगठनों के काला दिवस का भारतीय किसान संघ नहीं करती समर्थन: बद्रीनारायण चौधरी

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के 26 मई को काला दिवस मनाने के आह्वान का भारतीय किसान संघ ने विरोध किया है. संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि कुछ किसान संगठनों के काला दिवस मनाने के पीछे गत 26 जनवरी जैसा भय, आतंक और डर पैदा करने की योजना दिखाई दे रही है.

black day,  black day on 26 may
26 मई को किसान संगठनों के काला दिवस का भारतीय किसान संघ नहीं करती समर्थन: बद्रीनारायण चौधरी
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Published : May 24, 2021, 10:16 PM IST

जयपुर. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के 26 मई को काला दिवस मनाने के आह्वान का भारतीय किसान संघ ने विरोध किया है. साथ ही संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो 26 मई को काला दिवस के समर्थन में नहीं हैं. संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने मीडिया में बयान जारी कर यह बात कही. चौधरी ने कहा कि कुछ किसान संगठनों के काला दिवस मनाने के पीछे गत 26 जनवरी जैसा भय, आतंक और डर पैदा करने की योजना दिखाई दे रही है.

पढ़ें: 26 मई को किसान संगठनों के काला दिवस मनाने की घोषणा पर बिफरे कटारिया, किसान संगठनों और विपक्षी दलों पर जमकर बरसे

चौधरी ने कहा 26 मई का दिन ही चुनने के पीछे चाहे इन संगठनों का कुछ भी मकसद रहा हो लेकिन देश के किसान इस बात से आक्रोश में हैं कि किसान के नाम को बदनाम करने का अधिकार इन स्वयंभू तथाकथित किसान नेताओं को किसने दिया है. संघ महामंत्री ने कहा कि इससे किसान शर्मिंदा भी है कि कुछ तथाकथित संगठनो ने राष्ट्रीय विरोधी कार्य, विलासिता पूर्ण रहन-सहन, राष्ट्रीय मान बिंदुओं का अपमान, विदेशी फंडिंग, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन और इतनी बड़ी कोविड-19 आपदा के समय इतना स्वार्थी बन सकता है. ऐसी छवि निर्माण करने का पाप इन्हीं लोगों ने किया है.

बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि भारतीय किसान संघ ने आंदोलन के आरंभ से कुछ समय बाद ही आशंका व्यक्त की थी कि यह किसान का आंदोलन नहीं है. आंदोलन कुछ अराजक तत्वों के हाथों द्वारा संचालित है. जारी किए गए प्रेस बयान में यह भी लिखा गया कि अप्रैल-मई माह में ही एक बंगाल के किसान की 24 वर्षीय पुत्री के साथ सामूहिक बलात्कार और अंत में उसकी हत्या की घटना जो दिल्ली बॉर्डर पर घटी और 10 15 दिन तक पुलिस से छुपाया गया. ताकि सबूत नष्ट किए जा सकें. जिसके सबूत नष्ट करने में नेतागण लिप्त पाए गए हैं. यह तो एक घटना है जो बाहर आ गई वह भी लड़की के पिता द्वारा पुलिस केस दर्ज कराने के कारण ना जाने क्या-क्या घटना है और कांड यहां घटित हुए होंगे.

किसान महासंघ महामंत्री ने यह भी कहा कि जिन 12 राजनीतिक दलों ने इस काले दिवस वाले कार्यक्रम के समर्थन की घोषणा की है. उनको भी यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे इस आंदोलन में घटित शर्मनाक, राष्ट्र विरोधी और अपराधिक घटनाओं का भी समर्थन करते हैं. देश का आम किसान जानना चाहता है कि लाचार किसानों के नाम को बदनाम करने का ठेका इन लोगों को किसने दे दिया.

उदयपुर में कोरोना जागरूकता अभियान

कोविड-19 त्रिस्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन गाइडलाइन की पालना कराने के उद्देश्य से नो मास्क-नो मूवमेंट जन-जागरूकता अभियान के चार कारवां रथों को जिला कलेक्टर चेतन देवडा एवं पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जयपुर इकाई, पुलिस विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत इस दौरान अभियान के पोस्टर का विमोचन किया गया.

हनुमानगढ़ में किसानों ने सौंपा ज्ञापन

इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण की अनुपगढ़ शाखा में 1 जून से व सूरतगढ़ शाखा में 8 जून से सिंचाई सुविधा शुरू करने की मांग को लेकर सोमवार को मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ को रायसिंहनगर एसडीएम अर्पिता सोनी के माध्यम से अखिल भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपा.

जयपुर. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के 26 मई को काला दिवस मनाने के आह्वान का भारतीय किसान संघ ने विरोध किया है. साथ ही संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो 26 मई को काला दिवस के समर्थन में नहीं हैं. संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने मीडिया में बयान जारी कर यह बात कही. चौधरी ने कहा कि कुछ किसान संगठनों के काला दिवस मनाने के पीछे गत 26 जनवरी जैसा भय, आतंक और डर पैदा करने की योजना दिखाई दे रही है.

पढ़ें: 26 मई को किसान संगठनों के काला दिवस मनाने की घोषणा पर बिफरे कटारिया, किसान संगठनों और विपक्षी दलों पर जमकर बरसे

चौधरी ने कहा 26 मई का दिन ही चुनने के पीछे चाहे इन संगठनों का कुछ भी मकसद रहा हो लेकिन देश के किसान इस बात से आक्रोश में हैं कि किसान के नाम को बदनाम करने का अधिकार इन स्वयंभू तथाकथित किसान नेताओं को किसने दिया है. संघ महामंत्री ने कहा कि इससे किसान शर्मिंदा भी है कि कुछ तथाकथित संगठनो ने राष्ट्रीय विरोधी कार्य, विलासिता पूर्ण रहन-सहन, राष्ट्रीय मान बिंदुओं का अपमान, विदेशी फंडिंग, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन और इतनी बड़ी कोविड-19 आपदा के समय इतना स्वार्थी बन सकता है. ऐसी छवि निर्माण करने का पाप इन्हीं लोगों ने किया है.

बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि भारतीय किसान संघ ने आंदोलन के आरंभ से कुछ समय बाद ही आशंका व्यक्त की थी कि यह किसान का आंदोलन नहीं है. आंदोलन कुछ अराजक तत्वों के हाथों द्वारा संचालित है. जारी किए गए प्रेस बयान में यह भी लिखा गया कि अप्रैल-मई माह में ही एक बंगाल के किसान की 24 वर्षीय पुत्री के साथ सामूहिक बलात्कार और अंत में उसकी हत्या की घटना जो दिल्ली बॉर्डर पर घटी और 10 15 दिन तक पुलिस से छुपाया गया. ताकि सबूत नष्ट किए जा सकें. जिसके सबूत नष्ट करने में नेतागण लिप्त पाए गए हैं. यह तो एक घटना है जो बाहर आ गई वह भी लड़की के पिता द्वारा पुलिस केस दर्ज कराने के कारण ना जाने क्या-क्या घटना है और कांड यहां घटित हुए होंगे.

किसान महासंघ महामंत्री ने यह भी कहा कि जिन 12 राजनीतिक दलों ने इस काले दिवस वाले कार्यक्रम के समर्थन की घोषणा की है. उनको भी यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे इस आंदोलन में घटित शर्मनाक, राष्ट्र विरोधी और अपराधिक घटनाओं का भी समर्थन करते हैं. देश का आम किसान जानना चाहता है कि लाचार किसानों के नाम को बदनाम करने का ठेका इन लोगों को किसने दे दिया.

उदयपुर में कोरोना जागरूकता अभियान

कोविड-19 त्रिस्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन गाइडलाइन की पालना कराने के उद्देश्य से नो मास्क-नो मूवमेंट जन-जागरूकता अभियान के चार कारवां रथों को जिला कलेक्टर चेतन देवडा एवं पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जयपुर इकाई, पुलिस विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत इस दौरान अभियान के पोस्टर का विमोचन किया गया.

हनुमानगढ़ में किसानों ने सौंपा ज्ञापन

इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण की अनुपगढ़ शाखा में 1 जून से व सूरतगढ़ शाखा में 8 जून से सिंचाई सुविधा शुरू करने की मांग को लेकर सोमवार को मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ को रायसिंहनगर एसडीएम अर्पिता सोनी के माध्यम से अखिल भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपा.

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