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किसानों के समर्थन में 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम में शामिल नहीं होगा भारतीय किसान संघ

किसान आंदोलन के सामर्थन में 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम को भारतीय किसान संघ ने समर्थन नहीं देने का फैसला लिया है. भारतीय किसान संघ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह किसान आंदोलन पूरी तरह राजनीतिक हथकंडा है, इसलिए हम इसका समर्थन नहीं करते.

भारतीय किसान संघ का बयान, Statement of farmers association of india
6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम में शामिल नहीं होगा भारतीय किसान संघ
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Published : Feb 4, 2021, 7:55 PM IST

जयपुर. किसान आंदोलन के सामर्थन में 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम को भारतीय किसान संघ ने समर्थन नहीं देने का फैसला लिया है. इस संबंध में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने गुरुवार को प्रेस बयान जारी किया है.

पढ़ेंः सीकर में लूटपाट के मामले में चार बदमाश गिरफ्तार

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी का कहना है कि करीब 70 दिन से जो किसान आंदोलन चल रहा है, पहले तो इसके राजनीति से प्रेरित होने की आशंका थी. अब वहां जिस तरह से राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. इससे साफ हो गया है कि यह आंदोलन पूरी तरह राजनीतिक हथकंडा है.

उनका कहना है कि इस आंदोलन को लेकर किसान संघ ने पहले दिन से ही आशंका जाहिर की थी कि यह हिंसक रूप ले सकता है. इस बीच 26 जनवरी को जिस तरह से हिंसा हुआ, उसके बाद यह आशंका सही साबित हुई है. इसलिए भारतीय किसान संघ को आशंका है कि 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम में कोई अनहोनी नहीं हो.

पढ़ेंः झालावाड़: नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म करने वाले को 10 साल की सजा, आरोपी की मां व दोस्त को भी सुनाई सजा

बद्रीनारायण चौधरी का कहना है कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की घटना से यह लगता है कि इस आंदोलन में असामाजिक तत्व सक्रिय हो चुके हैं. बद्रीनारायण चौधरी ने यह भी कहा है कि इस आंदोलन की शुरुआत में ही कनाडा के राजनीतिक नेतृत्व का वक्तव्य और अब कई विदेशी कलाकारों के बयानों से यह साफ है कि इस आंदोलन के सूत्र विदेशों से जुड़े हुए हैं और भारत विरोधी ताकतों की ओर से देश में अराजकता पैदा करने के लिए यह खेल खेला जा रहा है.

बद्रीनारायण चौधरी का कहना है कि देश का सबसे बड़ा गैर राजनीतिक किसान संगठन होने के कारण हिंसा, चक्का जाम और भूख हड़ताल जैसे कार्यों का नीतिगत समर्थन नहीं करता है. इसलिए भारतीय किसान संघ 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम का समर्थन नहीं करता है.

जयपुर. किसान आंदोलन के सामर्थन में 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम को भारतीय किसान संघ ने समर्थन नहीं देने का फैसला लिया है. इस संबंध में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने गुरुवार को प्रेस बयान जारी किया है.

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भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी का कहना है कि करीब 70 दिन से जो किसान आंदोलन चल रहा है, पहले तो इसके राजनीति से प्रेरित होने की आशंका थी. अब वहां जिस तरह से राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. इससे साफ हो गया है कि यह आंदोलन पूरी तरह राजनीतिक हथकंडा है.

उनका कहना है कि इस आंदोलन को लेकर किसान संघ ने पहले दिन से ही आशंका जाहिर की थी कि यह हिंसक रूप ले सकता है. इस बीच 26 जनवरी को जिस तरह से हिंसा हुआ, उसके बाद यह आशंका सही साबित हुई है. इसलिए भारतीय किसान संघ को आशंका है कि 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम में कोई अनहोनी नहीं हो.

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बद्रीनारायण चौधरी का कहना है कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की घटना से यह लगता है कि इस आंदोलन में असामाजिक तत्व सक्रिय हो चुके हैं. बद्रीनारायण चौधरी ने यह भी कहा है कि इस आंदोलन की शुरुआत में ही कनाडा के राजनीतिक नेतृत्व का वक्तव्य और अब कई विदेशी कलाकारों के बयानों से यह साफ है कि इस आंदोलन के सूत्र विदेशों से जुड़े हुए हैं और भारत विरोधी ताकतों की ओर से देश में अराजकता पैदा करने के लिए यह खेल खेला जा रहा है.

बद्रीनारायण चौधरी का कहना है कि देश का सबसे बड़ा गैर राजनीतिक किसान संगठन होने के कारण हिंसा, चक्का जाम और भूख हड़ताल जैसे कार्यों का नीतिगत समर्थन नहीं करता है. इसलिए भारतीय किसान संघ 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम का समर्थन नहीं करता है.

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