जयपुर. अपने बेबाक बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले पूर्व मंत्री और सांगोद से कांग्रेसी विधायक भरत सिंह ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान सरकार को खरी-खरी सुनाई. भरत सिंह ने कहा कि राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जिसमें एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की सरकार आती है.
दोनों ही सरकारें अच्छी योजनाएं लाती है. लेकिन फिर भी सरकारें रिपीट नहीं होती है. इसके पीछे कारण है इन योजनाओं के डिलीवरी सिस्टम का लड़खड़ा जाना. भरत सिंह ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज हमारी प्रशासनिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमारी सरकार है ऐसे में हम हम ड्राइविंग सीट पर हैं, मुख्यमंत्री हमारे ड्राइवर हैं, और अगर कोई पहिया पंचर हो तो ड्राइवर को उसे बदलना चाहिए नहीं तो गाड़ी सही नहीं चलेगी.
भरत सिंह ने कहा कि आदर्श गांव आपने बना तो दिए लेकिन इनकी मॉनिटरिंग कौन करेगा. सीएम ने नवंबर माह में आदर्श ग्राम योजना की घोषणा की थी. हमारी सरकार ने गांधी जी के नाम पर ये आदर्श गांव बनाए हैं. कम से कम आदर्श गांवों में तो शराब बंदी की घोषणा करे. शराब राजस्व बढ़ाने का जरिया नहीं हो. आपने तो शराब से 10 फीसदी ज्यादा राजस्व बढ़ाने का टारगेट देकर ज्यादा शराब पीने का टारगेट दे दिया.
दो निगम बन सकते हैं तो फिर 2 कलेक्टर क्यों नहीं हो सकते
भरत सिंह ने कहा कि आपने तीन नए नगर निगम बना दिए. जब शहर इतने बड़े हैं तो कलेक्टर दो क्यों नहीं लगा देते. उन्होंने कोटा में लगे अफसरों पर सवाल खड़े करते हुए कहा की कोटा में अफसर आते ही अपने बच्चें को पढ़ाने के हिसाब से और वह कोटा में पोस्टिंग अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ही करवाते हैं.
टिड्डियों से ज्यादा तो हमारी संख्या है
विधानसभा में बोलते हुए विधायक भरत सिंह ने कहा कि सदन में लगातार टिड्डियों पर चर्चा हो रही है. हम टिड्डियों से डर रहे हैं लेकिन टिड्डियों से ज्यादा तो हम हो गए हैं. जनसंख्या नियंत्रण पर सदन में कोई चर्चा नहीं करता. जबकि सबसे पहले चर्चा इस विषय पर होनी चाहिए.