नई दिल्ली/जयपुर. आज के समय में डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ा है. खरीदारी करनी हो या गाड़ी में पेट्रोल डलवाना हो अधिकांश लोग डेबिट या क्रेडिट कार्ड का ही इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कार्ड इस्तेमाल करने के दौरान कई बार इसकी जानकारी चोरी हो जाती है. ऐसे में आपका खाता पल भर में खाली हो सकता है.
लेकिन अगर हम जरा सी सावधानी बरतें तो इस तरह की ठगी से बचा जा सकता है.नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन ने तेजी पकड़ी, कपड़े खरीदने से लेकर घर का सामान का बिल चुकाने तक लगभग अब सभी काम डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जा रहे हैं.
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लेकिन डिजिटल भुगतान कई बार आपके खाते और आपकी जेब दोनों के लिए खतरनाक साबित होता है. इंटरनेट की तेजी के साथ ही साइबर क्रिमिनल भी बढ़ गए हैं. हालांकि अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो अपने अकाउंट और रुपये दोनों की सुरक्षा की जा सकती है.
शुरुआती बचाव...
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की है. एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड क्लोन होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी अहम वजह ये है कि लोग खुद अपने कार्ड का इस्तेमाल करते समय सावधानी नहीं बरतते. कई बार लोग अपने कार्ड का इस्तेमाल असुरक्षित वेबसाइट पर करते हैं. इससे लोगों के कार्ड की जानकारी चोरी होने और उसके मिसयूज होने का खतरा बढ़ जाता है. हमेशा अपने कार्ड का ऐसी वेबसाइट पर करें जो https से शुरु होती हैं http से शुरु होने वाली वेबसाइट सुरक्षित नहीं होती.
एटीएम इस्तेमाल करते समय बरतें सावधानी...
पवन दुग्गल ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग एटीएम इस्तेमाल करते समय सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखते. वह किसी भी एटीएम से अपने कार्ड का इस्तेमाल कर रुपये निकाल लेते हैं. लेकिन यहां ध्यान देने की आवश्यकता है कि ऐसी जगह से आपके कार्ड की जानकारी चोरी हो सकती है. कई गैंग ऐसी जगहों पर एटीएम कार्ड स्वैप करने वाली जगह पर चिप लगा देते हैं. जिससे आपके कार्ड की जानकारी उसके पास चली जाती है. वहीं पिन नंबर डालने वाली जगह पर खुफिया कैमरा लगा होता है जो आपका पासवर्ड देख लेता है. इनकी मदद से आपके कार्ड का क्लोन तैयार कर खाते में सेंध लगाई जाती है.
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कैसे बनता है कार्ड का क्लोन...
पवन दुग्गल ने बताया कि कार्ड स्वैप करने के दौरान कई बार कार्ड रिडर की मदद से गैंग हमारे कार्ड की जानकारी चोरी कर लेते हैं. इस जानकारी की मदद से वो दूसरा कार्ड तैयार करते हैं, जिसे क्लोन कहा जाता है. यह हूबहू उस कार्ड की तरह होता है जो आपकी जेब में है. अगर इस शख्स के पास आपका पिन नंबर है तो वह इसका इस्तेमाल खरीदारी में, एटीएम से रुपये निकालने में या आनलाइन ट्रांजेक्शन में कर सकता है.
खाते से रुपए निकलने पर करें शिकायत...
पवन दुग्गल ने बताया कि अगर सावधानी के बावजूद आपके खाते से किसी प्रकार की अवैध ट्रांजेक्शन होती है तो तुरंत इसकी शिकायत पुलिस एवं अपने बैंक से करें. आरबीआई की नई गाइडलाइंस के मुताबिक अगर आप खाते से रकम निकलने के 72 घंटे के भीतर इसकी शिकायत बैंक से करते हैं तो निकाली गई रकम का नुकसान आपको नहीं देना होगा. इस नुकसान की भरपाई बैंक करेगा. इसके साथ ही तुरंत मामले की शिकायत पुलिस से भी करनी चाहिए.
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एटीएम कार्ड इस्तेमाल करते समय रखें ध्यान
- सुनसान इलाके में बने किसी एटीएम का इस्तेमाल करने से बचें.
- एटीएम में देख लें कि वहां सीसीटीवी है या नहीं.
- एटीएम कार्ड स्वैप करने वाली जगह पर कोई चिप तो नहीं लगी है.
- एटीएम का पिन डालते समय दूसरे हाथ से नंबर वाली जगह को ढक लें.
- अपने एटीएम कार्ड को हमेशा अपने मोबाइल कार्ड से लिंक करवाकर रखें ताकि ट्रांजेक्शन होने पर तुरंत आपको मैसेज आये.
- अधिक रकम वाले बैंक खाते का लेन-देन चेक से ही करें.
- हमेशा खरीदारी के समय अपने कार्ड का इस्तेमाल अपने सामने ही करवाएं.
- आनलाइन खरीदारी करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं.
- एटीएम केबिन में अगर कोई अन्य शख्स मौजूद हो तो वहां से रुपये न निकालें.
- अपने बैंक खाते की हर हफ्ते जांच कर लें उससे कोई अवैध ट्रांजेक्शन तो नहीं हुई है.