जयपुर. वैक्सीन को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं. कुछ लोग वैक्सीन के विपरीत प्रभाव होने का डर पाले हुए हैं. सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से लगातार लोगों को जागरुक किया जा रहा है. लेकिन कुछ भ्रांतियां अभी भी बनी हुई हैं. वैक्सीन लगवाने को लेकर ईटीवी भारत ने जयपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अशोक वर्मा से खास बातचीत की है.
डॉ अशोक वर्मा ने कि जिन लोगों का जनवरी और फरवरी महीने में वैक्सीनेशन हो चुका है. वे सेकंड वेव में कम इफेक्टेड हैं. उनका डिजीज प्रोसेस बिल्कुल कम है. सेकंड वेव में जो इफेक्टेड लोग हैं, वे अधिकतर नॉन वैक्सीनेटेड हैं. कई बार वैक्सीन लगवाने से पहले लोगों में खांसी, बुखार, जुखाम, बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं. ऐसी परिस्थिति में करीब सात-आठ दिन के लिए वैक्सीन न लगवाएं.
सामान्य खांसी-जुकाम है तो ठीक होने के बाद ही टीका लगवाएं
क्योंकि ऐसे लक्षणों के साथ वैक्सीनेशन करा लिया तो पता नहीं चलेगा कि ये लक्षण वैक्सीनेशन की वजह से हैं या फिर दूसरे कारणों से. बुखार या खांसी ठीक होने का इंतजार करें. समय लें, स्वस्थ होकर ही वैक्सीनेशन कराएं तो बेहतर होगा. अगर इंफेक्शन पहले से है तो एक डेढ़ महीना इंतजार कर सकते हैं. इंफेक्शन से बनी एंटीबॉडीज शरीर में तीन महीने तक असर करती है.
चेस्ट में इंफेक्शन है तो 50-60 दिन बाद लगवाएं वैक्सीन
कई बार खांसी, जुकाम, बुखार के बावजूद आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है. आरटी-पीसीआर और एचआर सिटी टेस्ट की अपनी अपनी लिमिटेशन हैं. आरटी-पीसीआर 100 में से 70 लोगों को डिटेक्ट कर लेगा. 30 लोग फिर भी बच जाएंगे. ऐसे काफी लोग हैं जिनकी आरटी-पीसीआर नेगेटिव है. लेकिन चेस्ट में काफी इंफेक्शन है. अगर कोविड-19 है तो करीब डेढ़ से 2 महीने बाद वेक्सीन लगवाई जा सकती है.
वैक्सीनेशन को लेकर बढ़ रही जागरुकता
उन्होंने कहा कि कुछ लोग वैक्सीन को लेकर डरते हैं. लेकिन शुरुआती दौर में लोग ज्यादा डर रहे थे, वह डर अब नहीं है. अब लोगों में डर कम हो गया है और जागरूकता बढ़ रही है. शुरुआती दौर में फ्रंटलाइन वर्कर्स भी वैक्सीन लगवाने से डर रहे थे. कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए लोग वैक्सीन लगवाने के लिए काफी उत्सुक है.
डॉ अशोक वर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए सर्दी जुखाम होने पर तीसरे चौथे दिन आरटी-पीसीआर करवा ही लेनी चाहिए. प्राइवेट क्लिनिक्स और अन्य उपचार के चक्कर में लोग लेट हो जाते हैं. लोग 10-11 दिन बाद आरटी-पीसीआर करवाने पहुंचते हैं. इतने दिन बाद आकर फिर लोग कहते हैं कि अब सांस की तकलीफ हो रही है.
जरूर लगवाएं वैक्सीन
जबकि ऐसे मरीज को 5 या 6 दिन में अच्छा इलाज शुरू हो जाता है. अगर अच्छे डॉक्टर या अस्पताल में समय पर चले जाएं, तो जल्दी अच्छा इलाज मिलने से व्यक्ति जल्द स्वस्थ हो सकता है. ऐसा करने से मरीज ज्यादा गंभीर स्थिति में नहीं जाता. वैक्सीनेशन को लेकर उन्होंने अपील की कि वैक्सीन जरूर लगवाएं. इसके बहुत ही वंडरफुल रिजल्ट आ रहे हैं. समय पर वैक्सीन लगवाने से भी मरीज ज्यादा गंभीर स्टेज पर नहीं पहुंचता.