जयपुर. हेरिटेज के बाद अब जयपुर ग्रेटर के भी कांग्रेस पार्षदों की बाड़ाबंदी शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्षदों को अब उसी होटल में लाया जा रहा है, जहां जयपुर हेरिटेज के पार्षद रुके हुए थे. वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि निर्दलीय उनकी संपर्क में है तो महापौर कांग्रेस का ही बनेगा.
मतलब साफ है कि जो कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के बाद विष्णु लाटा को महापौर बनाकर जो काम किया था, कुछ उसी तरीके से बहुमत नहीं होने पर भी जयपुर ग्रेटर में कांग्रेस पार्टी भाजपा के पार्षदों में सेंध लगाकर अपना महापौर बनाने का प्रयास करेगी. इस काम में सभी विधायक और विधायक के प्रत्याशी रहे नेता जुट चुके हैं. जिस तरीके से प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया था कf जयपुर हेरिटेज नगर निगम में भी कांग्रेस का बोर्ड बन सकता है. उस दावे को सच करने में कांग्रेस पार्टी जुट गई है.
यह भी पढ़ें. भाजपा में बवाल: महापौर प्रत्याशी चयन में संगठन ने किया विधायकों को दरकिनार, वसुंधरा राजे को भी भुलाया
दरअसल, जयपुर हेरिटेज में कांग्रेस पार्टी के 49 पार्षद चुनाव जीत कर आए हैं. वहीं 13 निर्दलीयों का साथ भी उन्हें मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है. 13 में से 2 निर्दलीय शंकर सिंह बागड़ा और जय वशिष्ठ तो कांग्रेस की बाराबंदी में आ चुके हैं. साथ ही कांग्रेस आलाकमान पूरी तरीके से कोशिश कर रहा है कि किसी तरीके से कांग्रेस का बोर्ड बना लिया जाए.
हालांकि, अगर भाजपा के पार्षद एकजुट रहे तो फिर कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फिर सकता है लेकिन जिस तरीके से कुछ पार्षद खुले में महापौर प्रत्याशी सौम्या गुर्जर का विरोध कर रहे हैं. साथ ही जिस तरीके से भाजपा ने अपने विधायकों को इस पूरी प्रक्रिया से दूर रखा है, उससे कहीं ना कहीं कांग्रेस को एक मौका मिल सकता है.