जयपुर. शहर के अधिवक्ताओं की संस्था दी बार एसोसिएशन, जयपुर और दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के अध्यक्षों ने जयपुर हेरिटेज में मुस्लिम महापौर बनाने का समर्थन करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है.
वहीं दूसरी ओर पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अधिवक्ताओं ने इस पर अपना विरोध जताया है. अधिवक्ताओं का कहना है कि एसोसिएशन का काम वकीलों के हित में कार्य करने से जुड़ा है ना कि महापौर प्रत्याशी को लेकर किसी जाति या समुदाय विशेष का समर्थन करने में.
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दी बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष अनिल चौधरी पूर्व अध्यक्ष विपिन अग्रवाल सहित डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा की ओर से भेजे पत्र में कहा गया कि जयपुर हेरिटेज में कांग्रेस के 47 पार्षद विजय हुए हैं. इनमें से 31 पार्षद अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय हमेशा कांग्रेस को मत देता रहा है और वर्तमान में नगर निगम चुनाव में भी अल्पसंख्यक समुदाय ने कांग्रेस पार्टी को ही अपना मत दिया है. इसके कारण बहुसंख्यक पार्षद अल्पसंख्यक समुदाय से होने के चलते जयपुर हेरिटेज नगर निगम में महापौर अल्पसंख्यक समुदाय से ही बनना चाहिए.
वहीं पत्र का विरोध करते हुए अन्य वकीलों ने इसे सामाजिक वैमनस्यता फैलाने का प्रयास बताया है. वकीलों का कहना है कि यह एसोसिएशन के अध्यक्षों का व्यक्तिगत मत हो सकता है कि किसे महापौर बनाया जाए, लेकिन उन्होंने पदीय हैसियत का दुरुपयोग कर गलत रूप से कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा है. डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय को मेयर बनाने के संबंध में लिखा गया पत्र एसोसिएशन की ओर से नहीं लिखा गया है.
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उनकी कार्यकारिणी का इस पत्र से कोई भी संबंध नहीं है. इसके अलावा पत्र को लेकर बार अध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है. बार एसोसिएशन का काम वकीलों के हित में कार्य करना होता है. बार पदाधिकारी किसी वकील को मेयर बनाने की मांग कर सकते थे, लेकिन समुदाय विशेष का मेयर बनाने का समर्थन देने में वकीलों का कोई हित साबित नहीं होता है. बार अध्यक्षों ने यह पत्र अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लिखा है.