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जयपुरः ईको सेन्सेटिव जोन में क्रशर कार्य करने पर रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए ईको सेन्सेटिव जोन में क्रशर कार्य करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह आदेश मालचंद मीणा की जनहित याचिका पर दिया है.

eco-sensitive zone, Ban on working of crusher, राजस्थान हाई कोर्ट की खबर
ईको सेन्सेटिव जोन में क्रशर कार्य पर रोक
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Published : Feb 14, 2020, 8:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार की ओर से गत वर्ष 8 मार्च को अधिसूचना जारी कर घोषित ईको सेन्सेटिव जोन के तहत आने वाले गुणावता और लबाना गांव में चल रहे क्रशर कार्य पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश मालचंद मीणा की जनहित याचिका पर दिए.

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ईको सेन्सेटिव जोन में क्रशर कार्य पर रोक

याचिका में अधिवक्ता अलंकृता शर्मा और रजत रंजन ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार ने गत वर्ष 8 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर नाहरगढ़ अभ्यारणय के आसपास के क्षेत्र को ईको सेन्सेटिव जोन घोषित कर खनन आदि कार्यो को प्रतिबंधित कर दिया था. याचिका में कहा गया कि गुणावता और लबाना गांव इस क्षेत्र के तहत आते हैं. इसके बावजूद यहां वर्षो से क्रशर कार्य किया जा रहा है.

ये पढ़ेंः जयपुर : किशनपोल बाजार में लगे CCTV, जल्द शुरू होगी WI-FI सुविधा

इस संबंध में स्थानीय निवासियों ने उच्च स्तर तक कई बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में केन्द्र सरकार की अधिसूचना के तहत यहां किए जा रहे क्रशर कार्य पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने क्रशर कार्यो पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार की ओर से गत वर्ष 8 मार्च को अधिसूचना जारी कर घोषित ईको सेन्सेटिव जोन के तहत आने वाले गुणावता और लबाना गांव में चल रहे क्रशर कार्य पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश मालचंद मीणा की जनहित याचिका पर दिए.

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ईको सेन्सेटिव जोन में क्रशर कार्य पर रोक

याचिका में अधिवक्ता अलंकृता शर्मा और रजत रंजन ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार ने गत वर्ष 8 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर नाहरगढ़ अभ्यारणय के आसपास के क्षेत्र को ईको सेन्सेटिव जोन घोषित कर खनन आदि कार्यो को प्रतिबंधित कर दिया था. याचिका में कहा गया कि गुणावता और लबाना गांव इस क्षेत्र के तहत आते हैं. इसके बावजूद यहां वर्षो से क्रशर कार्य किया जा रहा है.

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इस संबंध में स्थानीय निवासियों ने उच्च स्तर तक कई बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में केन्द्र सरकार की अधिसूचना के तहत यहां किए जा रहे क्रशर कार्य पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने क्रशर कार्यो पर रोक लगा दी है.

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