जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने अलवर नगर परिषद के उपसभापति को निलंबित करने के डीएलबी के गत 13 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने उपसभापति को पद पर कार्य करते रहने को कहा (Ban on suspension of Alwar Deputy chairman) है. जस्टिस अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश घनश्याम सिंह गुर्जर की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता महेंद्र शाह ने अदालत को बताया कि गौरीशंकर गुप्ता ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण छिपाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए अलवर डीजे कोर्ट में चुनाव याचिका पेश की थी. वहीं गौरीशंकर ने डीएलबी में भी इस संबंध में शिकायत दायर की. जिस पर कार्रवाई करते हुए डीएलबी ने नगरपालिका अधिनियम की धारा 39 के तहत अपनी 7 दिसंबर की रिपोर्ट में याचिकाकर्ता को प्रथम दृष्टया चुनाव के अयोग्य माना. जिसे याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट में चुनौती दी.
याचिका में कहा गया कि इस याचिका के लंबित रहने के दौरान ही डीएलबी ने गत 13 दिसंबर को एक अन्य आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को उपसभापति पद से निलंबित कर दिया. जबकि नगरपालिका अधिनियम की धारा 39 के तहत केवल चुनाव पूर्व की अयोग्यता को लेकर कार्रवाई शुरू की जा सकती है. याचिकाकर्ता पर आपराधिक प्रकरण छिपाकर चुनाव लड़ने का आरोप है, जो की चुनाव पूर्व की अयोग्यता में माना जाता है.
इसके अलावा चुनावी अयोग्यता के लिए सिर्फ चुनाव याचिका ही पेश की जा सकती है. इसलिए धारा 39 के तहत याचिकाकर्ता का निलंबन गलत है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर की गई कार्रवाई नियमानुसार सही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है.