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पायलट के मीडिया सलाहकार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक जारी

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Published : Dec 1, 2020, 10:29 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर के खिलाफ WhatsApp पर भ्रामक मैसेज वायरल मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दंडात्मक कार्रवाई पर रोक जारी रखी है.

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सचिन पायलट के मीडिया सलाहकार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर के खिलाफ WhatsApp पर भ्रामक मैसेज वायरल मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने थाने में दर्ज मामले में दंडात्मक कार्रवाई मामले में दायर की गई याचिका का निपटारा होने तक रोक जारी रखी है. वहीं, अदालत ने मामले में एजी को भी आगामी तारीख पर सहयोग करने के लिए कहा है. जस्टिस एसपी शर्मा ने यह अंतरिम निर्देश लोकेन्द्र सिंह की याचिका पर मंगलवार को दिया है.

अदालत ने कहा कि यह मामला उस पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर से जुड़ा है, जिस पर आरोप है कि उसने जैसलमेर की होटल में एमएलए के इकट्‌ठा होने के दौरान उनके फोन सर्विलांस पर होने की खबर फैलाई थी. ऐसे में मामले में अब एजी अदालत को सहयोग करें. वहीं, प्रार्थी की ओर से कहा गया कि मामले में उसके खिलाफ धारा 505(1) (बी) और 505 (2) का आरोप नहीं बनता है.

ये भी पढ़ें: गहलोत सरकार में राज्यमंत्री और अधिकारियों के भरोसे चल रहे 11 महत्वपूर्ण विभाग, कैबिनेट मंत्रियों का इंतजार

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कहा गया है कि अगर खबर प्रकाशित करने पर एफआईआर दर्ज होती है तो यह पत्रकारिता के लिए खतरा है. इसलिए उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. आपको बता दें कि जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर थाने में प्रार्थी और अन्य के खिलाफ व्हाट्सअप पर भ्रामक मैसेज वायरल करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर के खिलाफ WhatsApp पर भ्रामक मैसेज वायरल मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने थाने में दर्ज मामले में दंडात्मक कार्रवाई मामले में दायर की गई याचिका का निपटारा होने तक रोक जारी रखी है. वहीं, अदालत ने मामले में एजी को भी आगामी तारीख पर सहयोग करने के लिए कहा है. जस्टिस एसपी शर्मा ने यह अंतरिम निर्देश लोकेन्द्र सिंह की याचिका पर मंगलवार को दिया है.

अदालत ने कहा कि यह मामला उस पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर से जुड़ा है, जिस पर आरोप है कि उसने जैसलमेर की होटल में एमएलए के इकट्‌ठा होने के दौरान उनके फोन सर्विलांस पर होने की खबर फैलाई थी. ऐसे में मामले में अब एजी अदालत को सहयोग करें. वहीं, प्रार्थी की ओर से कहा गया कि मामले में उसके खिलाफ धारा 505(1) (बी) और 505 (2) का आरोप नहीं बनता है.

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कहा गया है कि अगर खबर प्रकाशित करने पर एफआईआर दर्ज होती है तो यह पत्रकारिता के लिए खतरा है. इसलिए उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. आपको बता दें कि जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर थाने में प्रार्थी और अन्य के खिलाफ व्हाट्सअप पर भ्रामक मैसेज वायरल करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था.

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