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हुक्का-बार पर पाबंदी विधेयक आधा-अधूरा,इंस्पेक्टर राज होगा मजबूत:राजेंद्र राठौड़

जयपुर में हुक्का-बार पर पाबंदी का विधेयक राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पारित कर दिया गया.इसे लेकर विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताई और कहा कि हुक्का-बार पर पाबंदी लगाने वाला विधेयक आधा-अधूरा है,इससे इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा.

हुक्का-बार पर पाबंदी का विधेयक राजस्थान विधानसभा में पारित
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Published : Aug 3, 2019, 2:15 AM IST

जयपुर.जिले में हुक्का-बार पर पाबंदी का विधेयक राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पारित कर दिया गया.जिसे लेकर मीडिया से बात करते हुए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह विधेयक आधा-अधूरा है और इसमें उन लोगों को भी शामिल कर लिया गया है,जो गांव में चौपाल पर बैठकर जन आदत के अनुसार हुक्का पीते हैं,इसके कारण इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा.

हुक्का-बार पर पाबंदी का विधेयक राजस्थान विधानसभा में पारित

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार ताबड़तोड़ विधेयक लेकर आ रही है,लेकिन वास्तव में इनकी परिणिति नहीं होने वाली.राठौड़ ने ये भी कहा कि स्वास्थ्य चिकित्सा विश्वविद्यालय के मामले में सरकार ने स्वीकारोक्ति कर ली कि बिना कुलपति के अहर्ताओं के वे बिल लेकर आए हैं.यूजीसी 2013 के निर्देशों की अवहेलना में मात्र हेल्थ यूनिवर्सिटी में कुलपति हटाने की अपील का पालन हुआ है.

पढ़ें-जम्मू कश्मीर सरकार का बड़ा आदेश, सारे पर्यटकों को बाहर जाने को कहा, अमरनाथ यात्रा पर हमले की आशंका

आगे उन्होंने कहा कि अगर यूजीसी इसे मान्यता नहीं देगी तो विश्वविद्यालय से मिलने वाली डिग्री एक कागज का टुकड़ा हो जाएगी और यूजीसी के तहत कुलपति बनने वाले को किसी भी अच्छे संस्थान में 10 साल पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए लेकिन इस बिल में कुलपति के अहर्ताओं के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है.


अपनी आपत्तियों के बारे में बताते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संशोधन में लाया गया है कि यदि कोई एक ही हुक्के से धूम्रपान करते हैं तो उनके खिलाफ दंडनीय कार्रवाई होगी.उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के अनुसार 34 फ़ीसदी लोग किसी ना किसी तरह का धूम्रपान करते हैं और जन जागृति वाले इस काम को सरकार डंडे से मिटाने का प्रयास कर रही है.सरकार ने यह कानून लाकर कहीं ना कहीं पिछले दरवाजे से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा दिया है.

जयपुर.जिले में हुक्का-बार पर पाबंदी का विधेयक राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पारित कर दिया गया.जिसे लेकर मीडिया से बात करते हुए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह विधेयक आधा-अधूरा है और इसमें उन लोगों को भी शामिल कर लिया गया है,जो गांव में चौपाल पर बैठकर जन आदत के अनुसार हुक्का पीते हैं,इसके कारण इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा.

हुक्का-बार पर पाबंदी का विधेयक राजस्थान विधानसभा में पारित

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार ताबड़तोड़ विधेयक लेकर आ रही है,लेकिन वास्तव में इनकी परिणिति नहीं होने वाली.राठौड़ ने ये भी कहा कि स्वास्थ्य चिकित्सा विश्वविद्यालय के मामले में सरकार ने स्वीकारोक्ति कर ली कि बिना कुलपति के अहर्ताओं के वे बिल लेकर आए हैं.यूजीसी 2013 के निर्देशों की अवहेलना में मात्र हेल्थ यूनिवर्सिटी में कुलपति हटाने की अपील का पालन हुआ है.

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आगे उन्होंने कहा कि अगर यूजीसी इसे मान्यता नहीं देगी तो विश्वविद्यालय से मिलने वाली डिग्री एक कागज का टुकड़ा हो जाएगी और यूजीसी के तहत कुलपति बनने वाले को किसी भी अच्छे संस्थान में 10 साल पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए लेकिन इस बिल में कुलपति के अहर्ताओं के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है.


अपनी आपत्तियों के बारे में बताते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संशोधन में लाया गया है कि यदि कोई एक ही हुक्के से धूम्रपान करते हैं तो उनके खिलाफ दंडनीय कार्रवाई होगी.उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के अनुसार 34 फ़ीसदी लोग किसी ना किसी तरह का धूम्रपान करते हैं और जन जागृति वाले इस काम को सरकार डंडे से मिटाने का प्रयास कर रही है.सरकार ने यह कानून लाकर कहीं ना कहीं पिछले दरवाजे से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा दिया है.

Intro:जयपुर। हुक्का बार पर पाबंदी का विधेयक राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पारित कर दिया गया। इसे लेकर विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताई और कहा हुक्का बार पर पाबंदी लगाने वाला विधेयक आधा अधूरा है, इससे इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा।


Body:मीडिया से बात करते हुए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह विधेयक आधा अधूरा है और इसमें उन लोगों को भी शामिल कर लिया गया है जो गांव में चौपाल पर बैठकर जन आदत के अनुसार हुक्का पीते हैं। इसके कारण इस्पेक्टर राज बढ़ेगा। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार ताबड़तोड़ विधेयक लेकर आ रही है, लेकिन वास्तव में इनकी परिणिति नहीं होने वाली।
राठौड़ ने कहा कि स्वास्थ्य चिकित्सा विश्वविद्यालय के मामले में सरकार ने स्वीकारोक्ति कर ली कि बिना कुलपति के अहर्ताओं के वे बिल लेकर आए हैं। यूजीसी 2013 के निर्देशों की अवहेलना में मात्र हेल्थ यूनिवर्सिटी में कुलपति हटाने की अपील का पालन हुआ है। राठौर ने कहा अगर यूजीसी इसे मान्यता नहीं देगी तो विश्वविद्यालय से मिलने वाली डिग्री एक कागज का टुकड़ा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यूजीसी के तहत कुलपति बनने वाले को किसी भी अच्छे संस्थान में 10 साल पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए लेकिन इस बिल में कुलपति के अहर्ताओं के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है।


Conclusion:अपनी आपत्तियों के बारे में बताते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संशोधन में लाया गया है कि यदि कोई एक ही हुक्के से धूम्रपान करते हैं तो उनके खिलाफ दंडनीय कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के अनुसार 34 फ़ीसदी लोग किसी ना किसी तरह का धूम्रपान करते हैं जन जागृति वाले इस काम को सरकार डंडे से मिटाने का प्रयास कर रही है सरकार ने यह कानून लाकर कहीं ना कहीं पिछले दरवाजे से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा दिया है।

बाईट राजेंद्र राठौड़ उपनेता प्रतिपक्ष
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