ETV Bharat / city

शिक्षक दिवस विशेष: मासूमों के सपनों का आशियाना 'बाल संबल'...जहां गरीबों के ख्वाबों को मिल रहे पंख - bal sambal free school for poor children

हमारे देश में ऐसे कई गरीब बच्चे हैं, जो पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन कभी आर्थिक स्थिति, तो कभी सरकारी व्यवस्थाओं के अभाव के कारण चाहकर भी पढ़ नहीं पाते. ऐसे बच्चों के माता-पिता की भी कोशिश होती है कि वे अपने बच्चे को किसी अच्छे स्कूल में पढ़ाएं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति उनके सपनों के सामने चट्टान बनकर खड़ी हो जाती है. ऐसे गरीब और जरूरमंद बच्चों के ख्वाबों को पंख लगाने का काम कर रहे हैं, बाल संबल के संस्थापक पंचशील जैन. टीचर्स डे पर देखिए ये खास रिपोर्ट...

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
जयपुर के ये शख्स मासूमों के सपनों को लगा रहे पंख
author img

By

Published : Sep 4, 2020, 4:29 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 8:56 AM IST

जयपुर. 5 सितंबर को पूरे देश में टीचर्स डे मनाया जाता है. यह दिन हमारे गुरुओं को समर्पित है. कहते हैं बदलाव की शुरुआत एक व्यक्ति से ही होती है और समाज तभी आगे बढ़ता है, जब कोई शख्स बदलाव के रास्ते में एक कदम बढ़ाता है. शिक्षक हमारे समाज में बदलाव का बड़ा जरिया हैं. शिक्षक केवल उन्हें ही नहीं कहा जा सकता, जो पेशे से बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं. कुछ लोग अपने जज्बे और हौसले से स्कूल के टीचर ना होते हुए भी गरीबों और जरूरतमंदों के गुरु बन जाते हैं. टीचर्स-डे पर हम आपको जयपुर के एक ऐसे शख्स से रुबरु करा रहे हैं, जिन्होंने जीवन भर बिजनेस की बुलंदियों को छुआ, लेकिन पिता से मिले संस्कारों की वजह से एक वक्त के बाद सारे ऐशो आराम को छोड़कर गरीबों, जरूरतमंदों और असहाय बच्चों की मुस्कान खोजने और उनके सपनों को पंख लगाने में जुट गए.

जयपुर के ये शख्स मासूमों के सपनों को लगा रहे पंख

बच्चों के सपनों को मिल गए पंख

उम्मीद, आशाएं और चाह पर ही पूरी दुनिया टिकी है. सपने कौन नहीं देखता? कौन नहीं चाहता कि उसका सपना 1 दिन सच हो जाए, लेकिन उसके लिए जरूरत होती है तो बस हौसले की. हमारे देश में ऐसे कई गरीब बच्चे हैं, जो पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन सरकारी व्यवस्थाओं के अभाव के कारण वे चाहकर भी पढ़ नहीं पाते. उनके माता-पिता की भी कोशिश होती है कि वे अपने बच्चे को किसी अच्छे स्कूल में पढ़ाएं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति उनके सपनों के सामने चट्टान बनकर खड़ी हो जाती है.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
यहां बच्चों का खाना, रहना सब है फ्री

पढ़ें : SPECIAL: भरतपुर के 'अपना घर' आश्रम में आश्रय लेंगे यूपी के 292 निराश्रित प्रभुजन

ऐसे ही वंचित और गरीब बच्चों की उम्मीद और उनके सपनों को पंख लगाने का काम कर रहे हैं, बाल संबल के संस्थापक पंचशील जैन. बाल संबल एक ऐसा स्कूल है, जहां गरीब बच्चों को केवल पढ़ाया ही नहीं जाता, यहां उन्हें काफी सारी चीजें सिखाई जाती हैं. जैसे, संगीत, सिलाई, डांस और भी बहुत कुछ. 2010 में 7 बच्चों के साथ पंचशील जैन ने एक मिशन शुरू किया था, जो आज दस साल बाद 70 से अधिक बच्चों तक पहुंच गया है. पत्थर काटने की मशीन को इजात करने वाले पंचशील जैन ने बिजनेस की दुनिया में बुलंदियों को छुआ. उनके पास पैसे और शोहरत की कभी कोई कमी नहीं रही. पंचशील की दो बेटियां हैं, जो अब अमेरिका में सेटल हो चुकी हैं.

बिजनेस छोड़ बन गए समाज सेवी

पंचशील जैन बताते हैं कि उनके पिताजी एक समाजसेवी थे. जीवन भर उन्होंने लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा की. बचपन से पिता से मिले संस्कारों की वजह से उन्होंने पहले ही यह तय कर लिया था कि 50 साल तक की उम्र तक बिजनेस करेंगे, फिर सब कुछ छोड़ छाड़कर गरीब और जरूरतमंद बच्चों की सेवा में जुट जाएंगे.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
बच्चों को सिखाई जाती है सिलाई

अरावली पहाड़ियों पर बनाया बच्चों का आशियाना

पंचशील जैन ने पहले तो जयपुर से 45 किलोमीटर दूर अरावली पहाड़ियों के बीचों-बीच 18 बीघा जमीन खरीदी. यहां पर उन्होंने बाल संबल नाम से स्कूल शुरू की. इस स्कूल में राजस्थान के अलग-अलग जिलों के ट्राइबल एरिया, कच्ची बस्ती और फुटपात से जरूरतमंद बच्चों को ढूंढ़कर लाया गया.

बाल संबल में बच्चों के लिए पूरी व्यवस्था

बच्चों को स्कूल में ही बने आवासीय घरों में रखा जाता है. उनके खाने से लेकर सोने तक की सारी सुविधाएं बाल संबल में मौजूद हैं. यहां सब कुछ बच्चों के लिए बिल्कुल फ्री है. इतना ही नहीं बच्चों को पढ़ाई के साथ खेल कूद में भी पारंगत बनाया जा रहा है. बच्चे आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए उन्हें सिलाई, म्यूजिक, डांस और स्पोटर्स भी सिखाया जा रहा है. हर वो सुविधा जो एक स्टेंडर्ड स्कूल में मिलती है, वो सब बाल संबल में बच्चों को मुहैया करवाई जा रही है.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
खेल गतिविधियों में भी बच्चों को बनाया जा रहा पारंगत

पढ़ें : SPECIAL: जोधपुर में युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है कोरोना, अगस्त में 50 फीसदी हुए संक्रमित

खास बात यह है कि यहां पर पढ़ने वाले बच्चे अच्छे अंक तो ला ही रहे हैं. साथ ही दो बच्चे तीरंदाजी में नेशलन तक खेलने गए हैं. यहां रहने वाले बच्चे पंचशील को किसी भगवान से कम नहीं मानते हैं. बच्चे बताते हैं कि कभी वो फूटपाथ पर बैठकर भीख मांगा करते थे. लेकिन बाल संबल में आकर जैसे उनके सपनों को पंख लग गए हैं. पंचशील कहते हैं कि फिलहाल बाल संबल में करीब 70 बच्चे हैं. जिन्हें बढ़ाकर वे 250 तक ले जाना चाहते हैं.

कहां से हुई शुरूआत

पंचशील जैन के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. देश की आजादी के बाद वे समाज सेवा जुट गए. उन्होंने अपने बूते कई स्कूल और आदर्श गांव बनवाए. पंचशील जैन आठ और बहन भाई थे. परिवार में बड़ा होने के कारण सारी जिम्मेदारियां पंचशील के ऊपर थी. घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. लेकिन पंचशील कड़ी मेहनत कर परिवार को साथ लेकर आगे बढ़े और डायमंड टूल्स के कारोबार शुरू किया.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
बच्चों को सिखाया जा रहा संगीत

डायमंड टूल्स का इस्तेमाल पत्थर काटने में होता है, डायमंड टूल बनाने वाले पंचशील जैन देश के पहले व्यक्ति थे. ऐसे में इस काम की बेहत डिमांड थी. पंचशील का कारोबार बड़े स्तर पर चला और उन्होंने अच्छा पैसा कमाया और व्यापार की दुनिया में एक बड़ा मुकाम भी हासिल किया.

हुनर को निखार रहे पंचशील

इन बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. सभी में एक से बढ़कर टैलेंट भरा हुआ है, जरूरत है तो बस उस हुनर को निखारने की. इसी हुनर को निखारने और तरासने का काम पंचशील जैन कर रहे हैं. ऐसे गुरु को ईटीवी भारत भी सलाम करता है.

जयपुर. 5 सितंबर को पूरे देश में टीचर्स डे मनाया जाता है. यह दिन हमारे गुरुओं को समर्पित है. कहते हैं बदलाव की शुरुआत एक व्यक्ति से ही होती है और समाज तभी आगे बढ़ता है, जब कोई शख्स बदलाव के रास्ते में एक कदम बढ़ाता है. शिक्षक हमारे समाज में बदलाव का बड़ा जरिया हैं. शिक्षक केवल उन्हें ही नहीं कहा जा सकता, जो पेशे से बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं. कुछ लोग अपने जज्बे और हौसले से स्कूल के टीचर ना होते हुए भी गरीबों और जरूरतमंदों के गुरु बन जाते हैं. टीचर्स-डे पर हम आपको जयपुर के एक ऐसे शख्स से रुबरु करा रहे हैं, जिन्होंने जीवन भर बिजनेस की बुलंदियों को छुआ, लेकिन पिता से मिले संस्कारों की वजह से एक वक्त के बाद सारे ऐशो आराम को छोड़कर गरीबों, जरूरतमंदों और असहाय बच्चों की मुस्कान खोजने और उनके सपनों को पंख लगाने में जुट गए.

जयपुर के ये शख्स मासूमों के सपनों को लगा रहे पंख

बच्चों के सपनों को मिल गए पंख

उम्मीद, आशाएं और चाह पर ही पूरी दुनिया टिकी है. सपने कौन नहीं देखता? कौन नहीं चाहता कि उसका सपना 1 दिन सच हो जाए, लेकिन उसके लिए जरूरत होती है तो बस हौसले की. हमारे देश में ऐसे कई गरीब बच्चे हैं, जो पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन सरकारी व्यवस्थाओं के अभाव के कारण वे चाहकर भी पढ़ नहीं पाते. उनके माता-पिता की भी कोशिश होती है कि वे अपने बच्चे को किसी अच्छे स्कूल में पढ़ाएं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति उनके सपनों के सामने चट्टान बनकर खड़ी हो जाती है.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
यहां बच्चों का खाना, रहना सब है फ्री

पढ़ें : SPECIAL: भरतपुर के 'अपना घर' आश्रम में आश्रय लेंगे यूपी के 292 निराश्रित प्रभुजन

ऐसे ही वंचित और गरीब बच्चों की उम्मीद और उनके सपनों को पंख लगाने का काम कर रहे हैं, बाल संबल के संस्थापक पंचशील जैन. बाल संबल एक ऐसा स्कूल है, जहां गरीब बच्चों को केवल पढ़ाया ही नहीं जाता, यहां उन्हें काफी सारी चीजें सिखाई जाती हैं. जैसे, संगीत, सिलाई, डांस और भी बहुत कुछ. 2010 में 7 बच्चों के साथ पंचशील जैन ने एक मिशन शुरू किया था, जो आज दस साल बाद 70 से अधिक बच्चों तक पहुंच गया है. पत्थर काटने की मशीन को इजात करने वाले पंचशील जैन ने बिजनेस की दुनिया में बुलंदियों को छुआ. उनके पास पैसे और शोहरत की कभी कोई कमी नहीं रही. पंचशील की दो बेटियां हैं, जो अब अमेरिका में सेटल हो चुकी हैं.

बिजनेस छोड़ बन गए समाज सेवी

पंचशील जैन बताते हैं कि उनके पिताजी एक समाजसेवी थे. जीवन भर उन्होंने लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा की. बचपन से पिता से मिले संस्कारों की वजह से उन्होंने पहले ही यह तय कर लिया था कि 50 साल तक की उम्र तक बिजनेस करेंगे, फिर सब कुछ छोड़ छाड़कर गरीब और जरूरतमंद बच्चों की सेवा में जुट जाएंगे.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
बच्चों को सिखाई जाती है सिलाई

अरावली पहाड़ियों पर बनाया बच्चों का आशियाना

पंचशील जैन ने पहले तो जयपुर से 45 किलोमीटर दूर अरावली पहाड़ियों के बीचों-बीच 18 बीघा जमीन खरीदी. यहां पर उन्होंने बाल संबल नाम से स्कूल शुरू की. इस स्कूल में राजस्थान के अलग-अलग जिलों के ट्राइबल एरिया, कच्ची बस्ती और फुटपात से जरूरतमंद बच्चों को ढूंढ़कर लाया गया.

बाल संबल में बच्चों के लिए पूरी व्यवस्था

बच्चों को स्कूल में ही बने आवासीय घरों में रखा जाता है. उनके खाने से लेकर सोने तक की सारी सुविधाएं बाल संबल में मौजूद हैं. यहां सब कुछ बच्चों के लिए बिल्कुल फ्री है. इतना ही नहीं बच्चों को पढ़ाई के साथ खेल कूद में भी पारंगत बनाया जा रहा है. बच्चे आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए उन्हें सिलाई, म्यूजिक, डांस और स्पोटर्स भी सिखाया जा रहा है. हर वो सुविधा जो एक स्टेंडर्ड स्कूल में मिलती है, वो सब बाल संबल में बच्चों को मुहैया करवाई जा रही है.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
खेल गतिविधियों में भी बच्चों को बनाया जा रहा पारंगत

पढ़ें : SPECIAL: जोधपुर में युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है कोरोना, अगस्त में 50 फीसदी हुए संक्रमित

खास बात यह है कि यहां पर पढ़ने वाले बच्चे अच्छे अंक तो ला ही रहे हैं. साथ ही दो बच्चे तीरंदाजी में नेशलन तक खेलने गए हैं. यहां रहने वाले बच्चे पंचशील को किसी भगवान से कम नहीं मानते हैं. बच्चे बताते हैं कि कभी वो फूटपाथ पर बैठकर भीख मांगा करते थे. लेकिन बाल संबल में आकर जैसे उनके सपनों को पंख लग गए हैं. पंचशील कहते हैं कि फिलहाल बाल संबल में करीब 70 बच्चे हैं. जिन्हें बढ़ाकर वे 250 तक ले जाना चाहते हैं.

कहां से हुई शुरूआत

पंचशील जैन के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. देश की आजादी के बाद वे समाज सेवा जुट गए. उन्होंने अपने बूते कई स्कूल और आदर्श गांव बनवाए. पंचशील जैन आठ और बहन भाई थे. परिवार में बड़ा होने के कारण सारी जिम्मेदारियां पंचशील के ऊपर थी. घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. लेकिन पंचशील कड़ी मेहनत कर परिवार को साथ लेकर आगे बढ़े और डायमंड टूल्स के कारोबार शुरू किया.

जयपुर की ताजा खबरें,  राजस्थान हिंदी न्यूज , rajasthan hindi news , शिक्षक दिवस 2020,  teachers day 2020
बच्चों को सिखाया जा रहा संगीत

डायमंड टूल्स का इस्तेमाल पत्थर काटने में होता है, डायमंड टूल बनाने वाले पंचशील जैन देश के पहले व्यक्ति थे. ऐसे में इस काम की बेहत डिमांड थी. पंचशील का कारोबार बड़े स्तर पर चला और उन्होंने अच्छा पैसा कमाया और व्यापार की दुनिया में एक बड़ा मुकाम भी हासिल किया.

हुनर को निखार रहे पंचशील

इन बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. सभी में एक से बढ़कर टैलेंट भरा हुआ है, जरूरत है तो बस उस हुनर को निखारने की. इसी हुनर को निखारने और तरासने का काम पंचशील जैन कर रहे हैं. ऐसे गुरु को ईटीवी भारत भी सलाम करता है.

Last Updated : Sep 5, 2020, 8:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.